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Monday, May 04, 2009

न जाने कितने और बाकी हैं?


चांदनी बारूद-सी उतरती है जहन में
आग पहले से लगा रखी है
हरपल धमाकों में गुजरता है
चीथड़ों में ज़िन्दगी उड़ी जाती है

खामोशी तूफान-सी आती है नज़र में
हर सय शिकवा किए जाता है
हर रात कांच के मानिन्द कोई*
न जाने कई बार बिखर जाता है

नशा जज़्बात-सी करामाती है असर में
सरेआम राज़ खोले जाती है
कितने रिश्ते मिट चुके हैं अब तक
न जाने कितने और बाकी हैं?

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10 कविताप्रेमियों का कहना है :

mohammad ahsan का कहना है कि -

चांदनी बारूद-सी उतरती है जहन में
आग पहले से लगा रखी है
हरपल धमाकों में गुजरता है
चीथड़ों में ज़िन्दगी उड़ी जाती ही
---यह बंद काबिल तारीफ़ है, क्या बात है!

खामोशी तूफान-सी आती है नज़र में
हर सय शिकवा किए जाता है
हर रात कांच के मानिन्द कोई*
न जाने कई बार बिखर जाता है
---सय शब्द समझ नहीं आ रहा ही. क्या यह उर्दू का 'शय' लफ्ज़ है? अगर शय है तो व्याकरण गलत है

नशा जज़्बात-सी करामाती है असर में
सरेआम राज़ खोले जाती है
कितने रिश्ते मिट चुके हैं अब तक
न जाने कितने और बाकी हैं?

--नशा जज़्बात-सी... यह वास्तव में कही टाइपिंग की गलती लगती है. समझ मैं नहीं आया

कुल मिला कर अच्छा प्रयास

श्यामल सुमन का कहना है कि -

दहशतगर्दों का दुनियाँ में फैल गया है जाल।
लेकिन ये हालात बने क्यों उठता यही सवाल।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Divya Narmada का कहना है कि -

शब्द-अर्थ, लय, भाव, रस,
बिम्ब प्रतीक विधान.
शैली- कविता में 'सलिल',
हो सटीक- दे जान.
-दिव्यनर्मडा.ब्लागस्पाट.कॉम

manu का कहना है कि -

कई त्रुटियाँ हैं,,
जो की अहसान जी ने बताई हैं,,,,
पर एक सुंदर रचना ,,,

निर्मला कपिला का कहना है कि -

बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति हैशुभकामनायें

मुकेश कुमार तिवारी का कहना है कि -

अभिषेक जी,

रचना में रवानी है, और हर रवानी की अपनी एक कहानी होती है। इसे पढने में कोई रूकावट नही होती है, रचना जुबां से होती हुई दिल में उतर जाती है।

अहसान भाई के ने बिल्कुल ठीक कहा है पहले बंद के बारे में, बहुत ही अच्छा है।

दूसरे बंद में मुझे लगता है कि ’सय’ " शै " होगा यह टाईपोग्राफिकल त्रुटी हो सकतई है। हाँ यदि मेरा अनुमान ठीक है तो ’जाता’ " जाती” हो जायेगा।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

रश्मि प्रभा... का कहना है कि -

एक संवेदनशील रचना.....

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

अभिषेक जी,

अच्छा प्रयास. एक भाव-पूर्ण रचना.
आप के लिए मेरी शुभ कामनाएं!

रंजना का कहना है कि -

सुन्दर भावपूर्ण मनमोहक रचना...पढ़कर आनंद आया.आभार.

दीपाली का कहना है कि -

nice poem

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