चाँद सितारे एक तरफ़
आप हमारे एक तरफ़
लुत्फ भँवर का अपना है
और किनारे एक तरफ़
अनुभव की है बात अलग
ज्ञान-पिटारे ए्क तरफ़
महलों की बस्ती गुंजार
चुप गलियारे ए्क तरफ़
एक तरफ़ अपनी खोली
महल-चुबारे एक तरफ़
मेहनतकश तो भूखें हैं
और भँडारे एक तरफ़
रूप तुम्हारा खूब मगर
नैन कटारे एक तरफ़
बस तू इक मेरा हो जा
बाकी सारे ए्क तरफ़
फ़ेलुन,फ़ेलुन,फ़ेलुन,फ़ा
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11 कविताप्रेमियों का कहना है :
श्याम जी,
क्या खूब लिखा है, जो चुनौतियों का ड्टकर मुकाबला करने को कहता है :-
लुत्फ भँवर का अपना है
और किनारे एक तरफ़
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
Mujhe taqreeban sarey ashaar achche lage! Khaaskar ye dono ..
लुत्फ भँवर का अपना है
और किनारे एक तरफ़
अनुभव की है बात अलग
ज्ञान-पिटारे ए्क तरफ़
Radeef bhi bahut pasand aaya.
Too good, Sir!
RC
sundar hai
Avaneesh
bahot khub kahi shyaam ji aapne ... bahot hi khubsurat gazal.....
arsh
लाजवाब
बहुत सुंदर गजल लाये श्याम जी,,,,
बहुत बहुत बधाई,,,
श्याम जी,
आपकी ग़ज़ल का वाकई में कोई जबाब नहीं. क्या लिखा है! बहुत खूबसूरत.
एक तरफ़ अपनी खोली
महल-चुबारे एक तरफ़
मेहनतकश तो भूखें हैं
और भँडारे एक तरफ़
कितनी गहरी बात कह गए श्याम जी
इस उम्दा रचना की साथ
बहुत बधाई !!
आप सभी गुणी जनों का आभार
श्याम सखा‘श्याम’
इतना अच्छा लगा पढ़कर जैसे कोई अपनापन दे रहा हो:
'चाँद सितारे एक तरफ
आप हमारे एक तरफ'
जितनी बार पढ़ती हूँ लगता है एक और टिप्पणी लिखूं.
कैसे लिख लेतें हैं आप इतना अच्छा?
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