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Wednesday, April 22, 2009

चाँद सितारे एक तरफ़ आप हमारे एक तरफ़-गज़ल



चाँद सितारे एक तरफ़
आप हमारे एक तरफ़

लुत्फ भँवर का अपना है
और किनारे एक तरफ़

अनुभव की है बात अलग
ज्ञान-पिटारे ए्क तरफ़

महलों की बस्ती गुंजार
चुप गलियारे ए्क तरफ़

एक तरफ़ अपनी खोली
महल-चुबारे एक तरफ़

मेहनतकश तो भूखें हैं
और भँडारे एक तरफ़

रूप तुम्हारा खूब मगर
नैन कटारे एक तरफ़

बस तू इक मेरा हो जा
बाकी सारे ए्क तरफ़

फ़ेलुन,फ़ेलुन,फ़ेलुन,फ़ा


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11 कविताप्रेमियों का कहना है :

मुकेश कुमार तिवारी का कहना है कि -

श्याम जी,

क्या खूब लिखा है, जो चुनौतियों का ड्टकर मुकाबला करने को कहता है :-

लुत्फ भँवर का अपना है
और किनारे एक तरफ़

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

Pritishi का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
Pritishi का कहना है कि -

Mujhe taqreeban sarey ashaar achche lage! Khaaskar ye dono ..

लुत्फ भँवर का अपना है
और किनारे एक तरफ़

अनुभव की है बात अलग
ज्ञान-पिटारे ए्क तरफ़

Radeef bhi bahut pasand aaya.
Too good, Sir!

RC

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

sundar hai

Avaneesh

"अर्श" का कहना है कि -

bahot khub kahi shyaam ji aapne ... bahot hi khubsurat gazal.....


arsh

Divya Narmada का कहना है कि -

लाजवाब

manu का कहना है कि -

बहुत सुंदर गजल लाये श्याम जी,,,,
बहुत बहुत बधाई,,,

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

श्याम जी,
आपकी ग़ज़ल का वाकई में कोई जबाब नहीं. क्या लिखा है! बहुत खूबसूरत.

Ria Sharma का कहना है कि -

एक तरफ़ अपनी खोली
महल-चुबारे एक तरफ़

मेहनतकश तो भूखें हैं
और भँडारे एक तरफ़

कितनी गहरी बात कह गए श्याम जी
इस उम्दा रचना की साथ

बहुत बधाई !!

gazalkbahane का कहना है कि -

आप सभी गुणी जनों का आभार
श्याम सखा‘श्याम’

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

इतना अच्छा लगा पढ़कर जैसे कोई अपनापन दे रहा हो:

'चाँद सितारे एक तरफ
आप हमारे एक तरफ'

जितनी बार पढ़ती हूँ लगता है एक और टिप्पणी लिखूं.
कैसे लिख लेतें हैं आप इतना अच्छा?

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