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Wednesday, February 25, 2009

तो पत्थर जनाब हम भी हैं


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सवाल आप हैं गर तो जवाब हम भी हैं
हैं ईंट आप तो पत्थर जनाब हम भी हैं

शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहिब
जो हो खराब कोई तो खराब हम भी हैं

नहीं है यूं तो जमीं आज अपने पाँव तले
फ़लक को छूलें,सँजोए ख्वाब हम भी हैं

न बाज़ आए अगर आप जुल्म ढ़ाने से
तो अपने दिल में लिये इन्किलाब हम भी हैं

बहेलिये से यूं बचकर चली कहाँ चिड़िया
तेरी फिराक में बैठे उकाब हम भी हैं

बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हैं

मफ़ाइलुन,फ़इलातुन,मफ़ाइलुन,फ़ेलुन
१ १ २ ११ ११ २११
लाल रंग वाले लघु अनिवार्य रहेंगे


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13 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

लाजवाब है श्याम जी
मधु

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

एक एक शे’र गजब!!

Anonymous का कहना है कि -

मुझे भी आपके सभी शेर बहुत अच्छे लगे!बहुत-२ बधाई!

शोभा का कहना है कि -

न बाज़ आए अगर आप जुल्म ढ़ाने से
तो अपने दिल में लिये इन्किलाब हम भी हैं
bahut khub

neelam का कहना है कि -

बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हैं

aapke ek ek sher aajaadi ke deewanon ki yaad dila gaye.
khaas taur par ram prasad bismil
aur iqbal suhail aajamgadhi ji ka

Arun Mittal "Adbhut" का कहना है कि -

भाई अच्छा हो या बुरा ...... मुझसे तो रहा नहीं जाता ......... टिपण्णी किये बिना

श्याम जी,

बहुत दिनों बाद एक ऐसी गजल पढने को मिली जिसका हर शेर लाजवाब है.... शब्दों के चयन में एक अद्भुत निरंतरता है ............. बहुत खूब ............ खास तौर पर ये शेर बहुत अच्छा लगा

"शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहिब
जो हो खराब कोई तो खराब हम भी हैं"

और ये भी

"बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हैं

साधुवाद

अरुण अद्भुत

GANGA DHAR SHARMA का कहना है कि -

बहुत अच्छी ग़ज़ल है . बातें सभी पुरानी हैं पर मीटर में यह अंदाज बहुत अच्छा बनाया है.

Unknown का कहना है कि -

शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहिब
जो हो खराब कोई तो खराब हम भी हैं

बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हैं

ये दो शे'र बहुत अच्छे लगे

बहर लिखने के लिए धन्यवाद
सुमित भारद्वाज

Shahnawaz Akhtar का कहना है कि -

ek achchi ghazal ke liye mubarakbaad.Aur aisi ghazlen post karen.

संगीता स्वरुप ( गीत ) का कहना है कि -

श्याम जी,
शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहिब
जो हो खराब कोई तो खराब हम भी हैं

आज के ज़माने के हिसाब से बिलकुल सही..

बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हैं

बहुत खूबसूरत शेर...
बधाई

Riya Sharma का कहना है कि -

नहीं है यूं तो जमीं आज अपने पाँव तले
फ़लक को छूलें,सँजोए ख्वाब हम भी हैं

बहुत ही sundar sher है yatharth से juda हुआ ....

baki की ghazal veer ras का
prabhav lete huve..josheeli बन padi है..

हर sher उम्दा है Shyaam जी !!

Saadar !!!

manu का कहना है कि -

"" सलीके और अदब की हदों में रहते हैं,
वगरना, 'ऐसे ही' बिगडे नवाब हम भी हैं ""

सशक्त भाव पक्ष देख..... हम से भी एक शेर हो गया .....

बहुत शानदार,,,,और कामयाब ग़ज़ल ...
बधाई हो श्याम जी,,,

Unknown का कहना है कि -

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