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Thursday, December 25, 2008

मासूम दर्द / एक शब्दचित्र


घर में
प्रवेश करते ही
पता चला ,
बच्चे ने
खूबसूरत - आयातित
ग्लास तोड़ दिया है ,
मेरा पारा
सांतवे आसमान पर,
अचानक जाकर
खेलते बच्चे के
रुई से कपोल पर
दो चार चपत
जड़ दिए ,
बेटा हक्का बक्का
रोता--सहमा सा
बोला : पापा सोरी
पापा सोरी
अब नही करूंगा
मत मारो , सोरी
मैं पसीजा
गोद में उठा लिया ,
मुझसे लिपटा
कुछ देर सुबकता रहा ,
फिर आंसू भरी नजरों से
मुझे देखता
बोला : पापा मेने क्या किया ?
अब मेरी पलकें
छलक पड़ी

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12 कविताप्रेमियों का कहना है :

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

रुला दिया..

संगीता पुरी का कहना है कि -

बहुत अच्‍छा लिखा है.....सचमुच रूलाने लायक है ।

"अर्श" का कहना है कि -

बेहद संजीदा .............

manu का कहना है कि -

पापा सोरी , पापा सोरी, अब नहीं करूंगा ,मत मारो, पापा सोरी..........
ये लाईने पता नहीं कितनी शिद्दत से खींच रही हैं.......जब भी दोबारा से पूरी कविता पढने की कोशिश करता हूँ.........इनसे नहीं उबरा जाता ...
प्राय आए दिन हर घर में घटने वाली बात....सुनी जाने वाले शब्द....पर यहाँ इतना गहरा दर्द लिए...
ये ही बात होती है जो आदमी को आदमी बनाए रखती है....
काश जिन्हें पढ़ना ज़रूरी नहीं लगता वो भी आदत डाल लें अच्छी चीज़ पढने की तो दिल पे क्या असर हो.....
और क्या ही नज़ारा हो उस नयी दुनिया का.....

Anonymous का कहना है कि -

सचमुच मेरा दिल भी रो पड़ा,मैं तारीफ कैसे करूँ मेरे तो शब्द भी रो पड़े!

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

बेटा हक्का बक्का
रोता--सहमा सा
बोला : पापा सोरी
पापा सोरी
अब नही करूंगा
मत मारो , सोरी
मैं पसीजा
गोद में उठा लिया ,
मुझसे लिपटा
कुछ देर सुबकता रहा ,
फिर आंसू भरी नजरों से
मुझे देखता
बोला : पापा मेने क्या किया ?
अब मेरी पलकें
छलक पड़ी

:(

दिगम्बर नासवा का कहना है कि -

अपने बच्चों की याद आ गयी
भावुक कविता

Riya Sharma का कहना है कि -

पहले कवि ह्रदय की मधुरता ...

खेलते बच्चे के
रुई से कपोल पर

और बाल सुलभ भाव से पूछा गया मासूम सवाल ...

बोला : पापा मैंने क्या किया ?

अद्भुत लिखा है विनय जी !!!!

Divya Narmada का कहना है कि -

बच्चे ने तोडा गिलास था
पिता ने मन ही तोड़ दिया.
किया परेशां हुआ परेशां
घटना ने यूँ मोड़ लिया.
नादां कौन अधिक बतलाओ
पूछे दण्डित औ' दंडक
नहीं पहेली बूझ सका मैं
बूझी क्या तुमने अब तक?

Anonymous का कहना है कि -

Aahhhhhhh......
gajab ka dard samaya hai.
ALOK SINGH "SAHIL"

Unknown का कहना है कि -

सच है जब भी बच्चे गलती करते है हम उन्हे पीटते है, पता नही हम उन्हे समझा क्यो नही पाते
सुमित भारद्वाज

Anonymous का कहना है कि -

kya koi hai yahan janna chahti hu milna chahati hu jinhone bhi yahan likha hai kya khud wo nahi kar chuke hai aisa hi kuch bhi

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