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Wednesday, June 04, 2008

प्रभु-पुकार (स्कोप)


कृष्ण मुरारी जरा, सुन लो हमारी जरा
लेकर अवतार प्रभु एक बार आइए...
दूध दही की यहाँ कमी नही आती है
डेरी के बूथ की परमीशन मिल जाती है
हरे हरे नोटों का बस चारा सब खाते हैं
मंत्री से जाकर बस जुगाड़ तो लगाइए..
लेकर अवतार ..............

गगरी मटकिया का अब ना जमाना है
ग्वाल बाल लेकर चोरी करने नहीं जाना है
फ्लेवर जो भी चाहिये मॉल से मंगा लो झट
ओपनर से खोल सीधा मुहुँ से लगाइए....
लेकर अवतार ..............

काम नहीं आयेगी अब छोड़ दो ये बाँसुरी
आज कल की गोपियों का फेवरेट है mp3
कि मिस कॉल मारकर भी कम चल जायेगा
एक छोटा पैक बस रिचार्ज करवाइए....
लेकर अवतार ..............

देख्नना, कुछ नये कृष्ण रूप कैसे घूमते
सरेआम सड़कों पर गोपियों को चूमते
रासलीला थोक में जो देखनी हो आपको
पिछवाड़े वाले जरा पार्क में तो जाइए...
लेकर अवतार ..............

चक्र सुदर्शन अब आउट डेटिड हो गया
मंत्रों से भस्म करना पायरेटिड हो गया
रक्षा से पहले अब सुरक्षा जरूरी है...
ए.के.47 का एक लाइसेंस बनवाइए..
लेकर अवतार ..............

जमुना किनारे नही, वाटर पार्क जाओगे
गोपियों के झुंडों को तैयार खड़ा पाओगे
पहले से ही उतरे हैं,कोई क्या उतारे अब
वस्त्र चुराने को बस ढूँढते रह जाइए....
लेकर अवतार ..............

कृष्ण मुरारी जरा, सुन लो हमारी जरा
लेकर अवतार प्रभु एक बार आइए...

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12 कविताप्रेमियों का कहना है :

रंजू भाटिया का कहना है कि -

चक्र सुदर्शन अब आउट डेटिड हो गया
मंत्रों से भस्म करना पायरेटिड हो गया
रक्षा से पहले अब सुरक्षा जरूरी है...
ए.के.47 का एक लाइसेंस बनवाइए

:):) सही कहा आपने राघव जी हास्य व्यंग की एक मजेदार रचना है यह ..लिखते रहे ..कुछ टी लोगो को हंसने का मौका मिलेगा ..वैसे आज कल के हालत पर सही व्यंग है यह :)

Mohinder56 का कहना है कि -

राघव भैया..

रिसेपशन की तैयारी राखो.. इतना बडा प्रलोभन मुरारी जी ठुकरा नहीं पायेंगे.. दौडे चले आयेंगे

mehek का कहना है कि -

वाह जी वाह बेहद खूबसूरत पुकार है,प्रभुजी तो पधारेंगे ही ,कोई शक नही,बहुत बधाई

देवेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि -

अंतरजाल में प्रभु पुकार पढ़कर भगवान ने कहा --

हम मरे कब थे जो अवतारें अब वत्स
सब में हमारा ही तो रूप विध्यमान है।
लोग जिसे चाहते हैं वही सब करता मैं
इसीलिए आज तक आन-बान-शान है॥
-----मैने आपकी पुकार पढ़कर--वाह क्या व्यंग है कहा ही था कि
प्रभु की बात सुन ली -सोंचा लिख दूँ -सभी पढ़ लें---देवेन्द्र पाण्डेय।

pallavi trivedi का कहना है कि -

triwaah...bahut hi shaandar. maza aa gaya.

बालकिशन का कहना है कि -

दौडे आयेंगे प्रभु जी तो.
बढ़िया मिश्रण हास्य और व्यंग्य का.
बधाई.

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

हेहेहेहेह :)

अवनीश तिवारी

Harihar का कहना है कि -

रक्षा से पहले अब सुरक्षा जरूरी है...
ए.के.47 का एक लाइसेंस बनवाइए..

बहुत खूब! राघव जी

सीमा सचदेव का कहना है कि -

भुपेंदर जी आपके साथ हम भी यही कहेंगे.....
कृष्ण मुरारी जरा, सुन लो हमारी जरा
लेकर अवतार प्रभु एक बार आइए...

Nikhil का कहना है कि -

mazaa aa gaya..mast kavita hai....sachmuch,vyangya bhi hai aur sateek bhi hai...
nikhil

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

व्यंग्य लेखन में आपके पास बहुत सा पोटेन्शियल है। बहुत खूब।

Straight Bend का कहना है कि -

Good comparison and beautiful presentation of comparative thoughts, with humor. Too long a poem, though.

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