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Tuesday, April 01, 2008

सबके साथ बाँट कर खाना चाहता हूँ


मार्च माह की प्रतियोगिता के परिणाम नियमानुसार अप्रैल माह के प्रथम सोमवार यानी ७ अप्रैल को प्रकाशित होने है, तो क्यों न उससे पहले के समय का सदुपयोग करते हुए प्रतियोगिता से कुछ कविताएँ प्रकाशित करें। २८वीं कविता सक्रिय पाठक सुरिन्दर रत्ती की है।

कविता- प्रेरणा

प्रेरणा तुम न होती तो, मेरा अस्तीत्व न होता
मैं किसी आम आदमी की तरह रह रहा होता
मेरे दिल में जो स्पंदन होता है,
बुद्धि का विकास होता है,
मुझे ऊर्जा मिलती है,
तो एक नयी रचना जन्म लेती है
लोग शायद तुम से परिचीत न हों
लेकिन तुम मेरी कल्पना को उत्तेजित कर
मुझे लिखने पर मजबूर कर देती हो
राह चलते-चलते कुछ शब्द अगर,
मेरी बुद्धि में घर कर गये
तो मैं विचलीत हो जाता हूँ
जब तक पूरा न कर लूं उसे
प्रेरणा तुम मेरे लिये एक बीज हो,
जिसे मैं बोता हूँ यादों की भूमि में
और मेहनत से कलम का हल चलाता हूँ
शब्दों का खाद-पानी डाल कर,
एक नयी रचना, नन्हें पौधे का, सपना सजाता हूँ
लो, देखो, प्रेरणा अब बड़ी हो गयी है,
विशाल वृक्ष का रूप धर लिया
खुशबूदार, सुंदर, शब्दों के फूलों को, मैंने चुन लिया
ये रचना भी एक मीठा फल है,
जिसे देख मेरे मुंह में पानी भर आया
"रत्ती" मैं ये मीठा आम, मेरी रचना, जो कभी प्रेरणा थी,
सबके साथ बाँट कर खाना चाहता हूँ

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6 कविताप्रेमियों का कहना है :

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

प्रेरणा तुम मेरे लिये एक बीज हो,
जिसे मैं बोता हूँ यादों की भूमि में
और मेहनत से कलम का हल चलाता हूँ
शब्दों का खाद-पानी डाल कर,
एक नयी रचना, नन्हें पौधे का, सपना सजाता हूँ
-- कुछ विशेष है |

बधाई युग्म पर रचनाकार के रूप मे आने पर |
अवनीश तिवारी

Harihar का कहना है कि -

आपकी प्रेरणा आसमान की उंचाइओं तक ले जायगी इसमें संदेह नहीं

seema sachdeva का कहना है कि -

आपके शब्द थोड़े भटके हुए से लगे फ़िर भी भाव अच्छा है ....सीमा सचदेव

Alpana Verma का कहना है कि -

प्रेरणा तुम मेरे लिये एक बीज हो,
जिसे मैं बोता हूँ यादों की भूमि में
और मेहनत से कलम का हल चलाता हूँ
शब्दों का खाद-पानी डाल कर,
एक नयी रचना, नन्हें पौधे का, सपना सजाता हूँ '


भाव अच्छे हैं लेकिन कलम को अभी और पैना करना होगा ताकि खुदाई बराबर हो.
बधाई 'प्रेरणा' ने आप को हिंद युग्म के पृष्ठों में पहुँचा दिया अब ऐसे ही आगे बढ़ते रहिये.

vivek "Ulloo"Pandey का कहना है कि -

वाह एक शब्द की इतनी अच्छी परीभाषा दी है ,कल्पना का भी प्रारूप आपने प्रेरणा के रूप मे प्रदर्शित कर वाकई मे आश्चर्यचकित कर दिया है

Anonymous का कहना है कि -

बहुत ही सुंदर भावों के साथ आपने अपनी प्रेरणा को जीवित किया है , और सुंदर लिखने की शुभकामनाओं के साथ
पूजा अनिल

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