हिन्द-युग्म गाँवों से लेकर शहरों तक इंटरनेट पर हिन्दी के बढ़ते प्रयोगों के बारे में लोगों को बताकर उन्हें इंटरनेट पर हिन्दी-प्रयोग के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। हमारे एक साथी निखिल आनंद गिरि अनूपपुर (लखीसराय, बिहार) जैसे छोटे इलाकों में लोगों को सामूहिक व व्यक्तिगत रूप से इंटरनेट पर हिन्दी आंदोलन 'हिन्द-युग्म' के बारे में बता रहे हैं। जबकि वहाँ के अध्यापकों, छात्रों के पास कम्प्यूटर जैसे उपकरण नहीं हैं, फिर भी वो लेने को उत्सुक हैं। यह हिन्दी के लिए शुभ संकेत हैं। लगभग १५ दिनों पहले हिन्द-युग्म के वरिष्ठ साथी मोहिन्दर कुमार ने शोभा महेन्द्रू के सहयोग से फ़रीदाबाद के एक विद्यालय में हिन्दी शिक्षकों की एक कार्यशाला में 'सरल हिन्दी टाइपिंग' पर एक प्रंजेटेशन देकर वहाँ उपस्थित सभी अध्यापकों को इंटरनेट प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया था।
निखिल आनंद गिरि ने नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ़ मास कम्न्यूनिकेशन, नई दिल्ली में मास मीडिया के बच्चों को इंटरनेट पर हिन्दी और हिन्द-युग्म के बारे में समझाया। उधर राजीव रंजन प्रसाद ने बचेली, छत्तीसगढ़ जैसे सुदूर इलाकों तक हिन्दी का ध्वज फ़हराया।
व्यक्तिगत रूप से घरों में, सार्वजनिक स्थलों पर, ट्रेनों में, समारोहों में, सम्मेलनों में, सेमिनारों आदि में हमारे प्रत्येक साथी इस आंदोलन को अमली जामा पहनाने की कोशिश में हैं।
सुनीता यादव एस॰ बी॰ पब्लिक स्कूल में बालकवि सम्मेलन करवा चुकी हैं। इस सम्मेलन में भाग लिए बाल कवियों की कविताएँ बाल-उद्यान पर एक -एक करके प्रकाशित भी हो रही हैं। सुनीता जी ने ही 'झंवर कोचिंग क्लॉसेस', औरंगाबाद में स्मृति दौड़ कराई। बच्चों को पुरस्कार देकर उन्हें प्रोत्साहित किया।
इसी क्रम में एक नई खुशखबरी यह है कि हमारे वरिष्ठ साथी श्रीकांत मिश्र 'कांत' को C-DAC के मोहाली (चण्डीगढ़) केन्द्र पर इंटरनेट की कक्षा लेते हुए एक विभागीय समूह को हिंद-युग्म पर प्रेजेंटेशन देने का अवसर मिला जिसमें इन्होंने प्रतिभागियों को यूनीकोड हिन्दी के बारे में और हिंद युग्म की गतिविधियों से परिचित करवाया। सारा प्रजेंटेशन इंटरनेट की लाइव फीड से एक प्रोजेक्टर पर प्रस्तुत किया गया।
श्रीकांत मिश्र 'कांत' जी को हिन्द-युग्म के बारे में ऐसे संस्थानों में व्याख्यान देने के अवसर मिलना हिन्द-युग्म की उपलब्धि है। हम इसी ऊर्जा के साथ यदि आगे बढ़ें तो अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराना असम्भव नहीं होगा।
इस प्रेजेंटेशन के दौरान C-DAC मोहाली के निदेशक मि॰ भाटिया, विभागाध्यक्ष मि॰ राकेश सहगल, मि॰ राकेश अरोड़ा, मि॰ विलियम, मि॰ मदन, मि॰ भावना। विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी व शोर्धकर्मी वहाँ उपस्थित थे।
कुछ अन्य झलकियाँ-
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14 कविताप्रेमियों का कहना है :
इस प्रकार का कदम हिन्दी को नवीन रखेंगे.
अवनीश तिवारी
अच्छा प्रयास, इस तरह के प्रयास जारी रहने चाहिए। हमे हिन्दी को जन जन की भाषा बनाने की जरुरत है। मै एक सुझाव और देना चाहूंगा कि प्रत्येक शहर/गांव मे जहाँ भी आप इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित करा रहे है, वहाँ पर स्थायी रुप से एक या दो स्थानीय प्रतिनिधि रहे, जो लोगों की समस्याओं को सुलझाए या आपके पास भेजकर, मध्यस्थता करें। कोशिश करें, पहले आप हिन्दी भाषी बेल्ट/कस्बों मे इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित कराएं, शहरों के लोगों के पास तो काफी जानकारी उपलब्ध होती है, गांव/कस्बों तक इस हिन्दी कार्यशालाओं को ले जाएं।
हर भारतीय जब भी इन्टरनैट खोले तो उसका पोर्टल हिन्दी का हो, सभी इंटरनैट पर उपलब्ध साफ़्टवेयर हिन्दी मे भी उपलब्ध हो, तभी इस देश मे सूचना क्रांति की नयी शुरुवात होगी।
बहुत ही बेहतरीन कोशिश है यह श्रीकांत जी .हिंद युग्म यूं ही आगे बढे यही शुभकामना है हम सबकी !
हिंद युग्म को बधाई,, इन्ही छोटे बड़े प्रयासों को हम एक बड़े आन्दोलन का रूप दे देंगे एक दिन, जितेंदर जी कि बात हम सब के लिए विचारनीय है
बेहतरीन कोशिश.. बहुत बहुत शुभकामनायें..
श्री कान्त जी
वाह ! हिंद युग्म का प्रचार सब लोग इसी तरह करते रहो . यही कामना है .
बहुत बढ़िया, शुभकामनाएं
प्रिय निखिल भाई,श्रीकांत जी,शोभा जी मोहिंदर जी ,सुनीता जी, आपको लोगों का प्रयास यूं ही चलता रहा तो बहुत जल्द हमारा ये सामुहिक प्रयास एक आन्दोलन का रूप धारण करेगा.
आप सबों को ढेरों साधुवाद
आलोक सिंह "साहिल"
हिन्द-युग्म का दायरा दिनप्रतिदिन विस्तृत होते जा रहा है, यह एक शुभ संकेत है। पूरा हिन्द-युग्म परिवार बधाई का पात्र है।
बहुत ही सराहनीय प्रयास.
हिंद युग्म को बधाई!
ढेर सारी शुभकामनायें.
gr8! :-)
बहुत सुन्दर और सराहनीय प्रयास है
हम सब को भी व्यक्तिगत रूप से इस प्रकार के प्रयास करने के विषय में विचार करना चाहिए
समय की आवश्यकता ये नहीं है की हम एक दो चार साथियो के प्रयासों की खडे हो कर सराहना करते रहे बल्कि हम को कोशिश करनी होगी की हम उनके कदम से कदम मिला सके
जीतेन्द्र जी की बातो से मैं भी सहमत हूँ
सराहनीय प्रयास!
शुभकामनाएँ!
श्रीकांत जी,
इस आंदोलन की आग व ताब को सी-डेक तक पहुँचाने के लिए साधुवाद। मैं समझता हूँ कि सभी साथियों को जन आंदोलन को सफल बनाने के लिए जनता से इसकी बात करनी शुरू कर देनी चाहिए।
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