तूने जो मुझको दिया है, शब्द मेरे, बोल कह दूँ
इसमें भी थोड़ा सहारा दे मुझे, दिल खोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
तू मेरे जीवन का साथी, मेरा क्या तुझसे छिपा है
जो भी मैंने गीत गाया, उसको तूने ही लिखा है
हों खुशी से मुस्कराते, या सिसक आँसू बहाते
मेरे गीतों ने संभाला, मन था डाँवाडोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
जब मेरे जीवन पे छाये, दुख के अंधियारे से बादल
आँसू जब आये दृगों में, जब हुआ अंतस भी घायल
तब मेरी उस मौन पीड़ा को भी देकर रूप गीतों का
दे दिया मुझको सहारा, यार सा अनमोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
जब खुशी आई तनिक भी, ज़िंदगी की रहगुज़र में
मन मगन हो झूम उट्ठा, फूल खिल आए नज़र में
मेरी खुशियाँ थीं मलिन पर, बढ़ गया उनका उजाला
ताल लय पर जब ढले थे, गीत के सब बोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
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14 कविताप्रेमियों का कहना है :
बढिया है अजय भाई!
सुंदर है अजय जी आपकी यह रचना हमेशा की तरह !!
बहुत कुछ कह दिया है.
सुंदर है.
बधाई.
अवनीश तिवारी
तू मेरे जीवन का साथी, मेरा क्या तुझसे छिपा है
जो भी मैंने गीत गाया, उसको तूने ही लिखा है
हों खुशी से मुस्कराते, या सिसक आँसू बहाते
मेरे गीतों ने संभाला, मन था डाँवाडोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
सुन्दर लिखा है यादव जी..
अजय जी
अच्छा लगा बदलाव । अभी तक गज़ल ही लिख रहे थे । आज गीत लिखा है ।
जब मेरे जीवन पे छाये, दुख के अंधियारे से बादल
आँसू जब आये दृगों में, जब हुआ अंतस भी घायल
बधाई स्वीकारें
जब मेरे जीवन पे छाये, दुख के अंधियारे से बादल
आँसू जब आये दृगों में, जब हुआ अंतस भी घायल
तब मेरी उस मौन पीड़ा को भी देकर रूप गीतों का
दे दिया मुझको सहारा, यार सा अनमोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है.....बधाई अजय जी... मौन पीड़ा को गीतों का रुप देना...वाकई
शब्द और बोल दोनों अच्छे हैं..
सुनीता यादव
जब मेरे जीवन पे छाये, दुख के अंधियारे से बादल
आँसू जब आये दृगों में, जब हुआ अंतस भी घायल
तब मेरी उस मौन पीड़ा को भी देकर रूप गीतों का
दे दिया मुझको सहारा, यार सा अनमोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है.....बधाई अजय जी... मौन पीड़ा को गीतों का रुप देना...वाकई
शब्द और बोल दोनों अच्छे हैं..
सुनीता यादव
अजय जी
तू मेरे जीवन का साथी, मेरा क्या तुझसे छिपा है
......, मन था डाँवाडोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
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आँसू जब आये दृगों में, जब हुआ अंतस भी घायल
तब मेरी उस मौन पीड़ा को भी देकर रूप गीतों का
दे दिया मुझको सहारा, यार सा अनमोल कह दूँ
शब्द मेरे, बोल कह दूँ
बहुत सुंदर .....
अजय जी,
गजल से गीत की और का सफ़र सुन्दर है.. हिन्दी और उर्दू के शब्दों का अच्छा समागम किया है आपने... बधाई
अजय जी बहुत सुंदर प्रस्तुति है , प्रेम की ऐसी अभियक्ति पढ़ कर आनंद आया
वाह-वाह बहुत सुन्दर अजय जी! बधाई।
तू मेरे जीवन का साथी, मेरा क्या तुझसे छिपा है
जो भी मैंने गीत गाया, उसको तूने ही लिखा है
मेरी खुशियाँ थीं मलिन पर, बढ़ गया उनका उजाला
ताल लय पर जब ढले थे, गीत के सब बोल कह दूँ
बहुत हीं खूबसूरत बोल हैं आपके अजय जी। इन्हें कहना हीं अच्छा है। :)
दिल को भा गई आपकी रचना। बधाई स्वीकारें।
आप गीत विधा में उतरे और अच्छा-खासा लिख गये। आपकी यूनिकविता भी कुछ इस कमरे की रोशनी थी, लेकिन इसबार प्रकाश ज्यादा है, लेकिन कम टिकाऊँ। लालटेन की जगह ट्यूबलाइट जलाइए।
Dear Sir / Teem
Good Day
mai Aap se pahle bhi vinti kar cuka hu ki mai Aap ko kavitayen bhijvata rhaa hu lekin bhut din ho gye ki ab kavitaye ki trh Aap ke fount me likhu so mai bhool gya please muje btaiye ki kaise likhu . muje kavitaye likhne ka bhut hi shokh ha
Ratan Kumar Sharma
PGT-Hindi
The Aditya Birla Public School
GCW-kovaya, 365541
09427491297
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