तुम्हें ज़रूर लग रहा होगा
के वो समय अब नहीं आयेगा
इतनी गहराई से तुम्हें
अब कोई नहीं चाहेगा
मगर ऐ उदास लड़की
मेरी एक बात सुनो
मेरी बात सुन कर फिर
आगे का रास्ता चुनो
हाँ, तुम्हारे मन में
एक सवाल ज़रूर आयेगा
कौन हूँ मैं, मेरी सुनने से
तुम्हें क्या मिल जायेगा?
मैं हूँ एक मुसाफिर
जिन्दगी की राह का
तुम्हारी ही तरह
जिसने तुमसे कुछ ज्यादा
बरसातें देखी है
कुछ बावजह कुछ बेवजह
मैं कुछ ऐसी बातें
देख आया हूँ जिससे
बहोत सिखने मिला है
घबराओ मत मैं तुम्हें
भी सीखने दूँगा
सब कुछ नहीं बताऊंगा
मुझे जो मिला है
सिर्फ तुम्हें इतना बता दूँ
मुझे चार अपने लोग
छोड़कर गये हैं
मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ
जिसके साथ ये हादसे
चार बार हुए हैं
हर बार मुझे लगा था
सब खतम हो गया
मुझे बनाने वाले ने
सच्चा साथी ही नहीं दिया
हर बार मैंने पूछा
मैं ही क्यूँ भला?
मेरे ही नाम दर्द क्यूँ आया?
मुझे ही ये सब क्यूँ मिला?
मैं चारों बार गुजर कर
हूँ वापस आया
मैंने हर बार अपने आप को
है नया पाया
तुम्हारे लिये बस
अब मैं कैसा हूँ
ये जानना ज़रूरी है
मैं खुश हूँ लड़की
मेरे पास चमकीली
खुशियों की टोकरी है
कहाँ से मिली?
हाँ जरूर बताऊंगा
तुम्हें वो राज
किसी को बताना नहीं
तुम बनने जा रही हो
मेरी हमराज़
मुझे लगता था
कोई आए
मेरी देखभाल करे
मुझे लगता था
कोई आये
मेरा घर सम्हाले, निहाल करे
ये इच्छाएँ थीं
तब तक दुख बढ़ता रहा
जख़्म रिसता रहा
मैं गुस्सा होता रहा
मन ही मन में
उसे कोसता रहा
लेकिन एक दिन
अचानक मेरी
इच्छाएँ खतम हो गईं
मैंने देखा वो इच्छाएँ
तो मेरा दुख दर्द भी
लेकर चली गईं
मैं अब भी
उसे चाहता हूँ
मैंने महसूस किया
मगर अब कोई दर्द
हमेशा की तरह
सामने नहीं आया
मैं खुश होकर
चीख पड़ा
हाँ मैंने प्यार किया है
अपने प्यार के लिये
मैंने दिल से
हर पल जिया है
अब मुझे वो छोड़ कर जाए
तो दुख नहीं होता
मेरी चाहत में कोई कमी नहीं
नहीं कोई समझौता,
मै़ने अपना दिल
करीब से अब जाना है
इसका तरीका है बाँटना
प्यार करते जाना है
अपना तरीका समझकर
जिन्दगी गुजारना
मेरी होशियारी है
ऐ लड़की यही वो मेरी
चमकीली अलबेली
खुशियों की टोकरी है
ऐ उदास लड़की
तुमको दर्द मिला
तुम खुशकिस्मत हो
इसी दर्द से तुम
खुद को ताकतवर पाओगी
इतना समझ लो
इस दर्द ने मुझे
सहना सिखाया है
हर मुसिबत में
डटे रहना सिखाया है
अब मैं इच्छा विरहित
विशुद्ध प्रेम क्या है
ये जानता हूँ
और मैं अपने
भीतरी स्वभाव को
पहचानता हूँ
अब मैं एक-एक
क्षण इस तरह
जीता हूँ
जैसे किसी ने
क्या जिया होगा
अब मैं इतना ज्यादा
प्यार देता हूँ
किसी ने क्या दिया होगा
हर उस व्यक्ति को
जो पास से गुजरता है
हर उस क्षण को
जो मेरी ड्यौढ़ी
प्रकाश से भरता है
इच्छाए भी होती हैं
मगर अब उनमें
आसक्ति नहीं होती
बिन शर्त प्यार
बाँटने में जो खुशी है
अब इच्छाओं की
पूर्तता (पूर्ति) से नहीं होती
उन चारों का क्या हुआ?
जानना चाहोगी?
तो फिर सुनो
बताता हूँ
मेरे सफर में
कुछ देर के लिये
वो साथी थे
मैं समझता हूँ
कुछ देर साथ चलना था
सब कुछ भुलाकर चले थे
रास्ते बदल सकते हैं
शायद भुलाकर चले थे
मेरी सफर में
कुछ घड़ी के लिये
सुख-दुख बाँटने
आये थे
बनाने वाले ने
जितना दिया था
उतना प्यार लाये थे
अब उन सबसे
मैं प्यार करता हूँ
अब क्योंकि
इच्छाएँ ना रहीं
अब उनकी यादों से
सजता हूँ सँवरता हूँ
क्योंकि अब कोई
गुस्सा नहीं
ऐ लडंकी मैं
आज खुश हूँ
इतना कि मुझसे ज्यादा
कोई नहीं
क्योंकि जान गया हूँ
सफर खतम नहीं हुआ है
और कितने ही साथी आयेंगे
जिन्हें मेरे प्यार की
आवश्यकता है
मैंने जाना है
मैं एक प्यार का
हूँ निरंतर बहता झरना
मेरा स्वभाव है
अपनी मस्ती में
निरंतर बहते रहना
कभी लगता है
मेरी ये सोच
दीवानी है सरफिरी है
लेकिन
ऐ लड़की यही वो मेरी
चमकीली अलबेली
खुशियों की टोकरी है
तुषार जोशी, नागपुर
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
ऐ उदास लड़की
तुमको दर्द मिला
तुम खुशकिस्मत हो
इसी दर्द से तुम
खुद को ताकतवर पाओगी
इतना समझ लो
……………………………………
सुंदर और सत्य
तुषार जी
बहुत ही भावपूर्ण कविता लिखी है । लड़कियों को ऐसा सम्बल देने के लिए बधाई । विशेष रूप से निम्न पंक्तियाँ
प्रभावशाली रहीं ----
ऐ उदास लड़की
तुमको दर्द मिला
तुम खुशकिस्मत हो
इसी दर्द से तुम
खुद को ताकतवर पाओगी
इतना समझ लो
अति सुन्दर । बहुत-बहुत बधाई ।
tushar ji,
ye aapki ab tak ki sabse achchhe kavita lagi mujhe....
dil se bahut bahut dhanyavaad is ke liye..
तुषार जी,
बहुत प्यारी कविता है.
अब मुझे वो छोड़ कर जाए
तो दुख नहीं होता
मेरी चाहत में कोई कमी नहीं
नहीं कोई समझौता,
मै़ने अपना दिल
करीब से अब जाना है
इसका तरीका है बाँटना
प्यार करते जाना है
अपना तरीका समझकर
जिन्दगी गुजारना
मेरी होशियारी है
ऐ लड़की यही वो मेरी
चमकीली अलबेली
खुशियों की टोकरी है
आपकी टोकरी पसंद आई.
Oi coisa!
Td bem com vx?
तुषार जी गौरव से सहमत हूँ, आप की श्रेष्ट रचनाओं मे से एक यक़ीनन
तुषार जी,
अब तक आपकी छोटी-छोटी सरल, सहज रचनाओं से ही वास्ता पडा था, इस बदली हुई शैली में आपने बहुत प्रभावित किया। बधाई आपको।
*** राजीव रंजन प्रसाद
तुषार जी,
बहुत ही भावपूर्ण कविता
टोकरी पसंद आई.
बधाई ।
जिंदगी का गूढ रहस्य आपने ऊड़ेल दिया है यहाँ। गिरि जी की तरह आप भी हिन्द-युग्म के दार्शनिक कवि हैं। ऎसी हीं रचनाएँ हमें पढाते जाएँ। हमें सीखने को मिलता रहेगा।
-विश्व दीपक 'तन्हा"
मैंने जब कविता की लम्बाई देखी तो लगा इसबार कहीं इसका मूड न बदल गया हो। लेकिन आपने आशावादिता का दामन अभी भी नहीं छोड़ा था। आपको पढ़ना सुखद रहा। एक सहज मगर गंभीर रचना।
तुषारजी,
आप आशावादी कवि हैं, आपकी कविताओं से हमेशा ही सम्बल मिलता है -
ऐ उदास लड़की
तुमको दर्द मिला
तुम खुशकिस्मत हो
इसी दर्द से तुम
खुद को ताकतवर पाओगी
इतना समझ लो
बहुत ही खूबसूरत! अत्यधिक लम्बाई के बावजूद भी "टोकरी" कहीं भी आशावादी भाव को छोड़ी नहीं है, बहुत-बहुत बधाई!!!
टोकरी एक बेहद ही भावपूर्ण और प्यारी कविता है.
तुषार जी बहुत बहुत बधाईयाँ
आलोक सिंह "साहिल"
मैं एक प्यार का
हूँ निरंतर बहता झरना
मेरा स्वभाव है
अपनी मस्ती में
निरंतर बहते रहना
कभी लगता है
मेरी ये सोच
दीवानी है सरफिरी है
लेकिन
ऐ लड़की यही वो मेरी
चमकीली अलबेली
खुशियों की टोकरी है
Dil ko chun jaane vali rachana hai.. bahut sundar...
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