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Wednesday, September 27, 2006

ख्वाबों की रानी


वो बला सी खूबसूरत, ख्वाबों की रानी है

थोड़ी नटखट, थोड़ी मासूम, थोड़ी सी सयानी है।

'सुमन' सा चेहरा, खुशबु सा बदन उसका

मोहब्बत की मूरत वो थोड़ी सी दीवानी है।

आँखे नशीली, होंठ रसीले और खाक करता हुश्न

नाजुक सा बदन उसका उफ् क्या मदमस्त जवानी है।

चाहत की अंगड़ाई लेती फिर पलटकर मुस्कुराती है

बाहों में है जन्नत उसके वो नजरों से शर्माती है।

सपनों में करती है मुझसे प्यारी-प्यारी बातें

मेरे सोये रहने के पिछे बस इतनी सी कहानी है।

--गिरिराज जोशी


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4 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

hello giriraj , ur poems are too good. these are much touchable.
i have proud on you.
dinesh sharma
lect. s.g.n khalsa college , sgnr

Anonymous का कहना है कि -

आप की कविताये बहुत अच्छी है , गागर में सागर भर कर रख दिया है
dinesh sharma

Anonymous का कहना है कि -

Giriraj JOshi JI kuch Kaviraj jaisa material bhi daliye yahan! Please

jeje का कहना है कि -

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