हिन्द-युग्म ने जब अपना पहला संगीतबद्ध गीत बानया था और श्रोताओं ने प्रोत्साहन किया था तभी से संगीतकारों, गायकों और रचनाकारों की ऊर्जा में गुणात्मक वृद्धि देखनी को मिली थी। परिणाम यह हुआ कि दूसरा गीत महीने भर में बन गया जिसपर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आईं। तीसरा गीत बनने में महीने भर का समय लगा जिसपर अभी भी काम करने की ज़रूरत है। चौथे गीत पर हमारी टीम को श्रोताओं ने यह सुझाया कि गीत-संगीत-गायन तीनों के स्तर पर सुधार की आवश्यकता है। लेकिन इसी बीच युग्म की अलग-अलग टीमें अलग-अलग गीतों पर काम कर रही है। पिछले १ महीने से सजीव सारथी-सुबोध साठे-ऋषि एस॰ बालाजी की तिकड़ी आजकल के चलन वाली धुन (तेज़ संगीत) पर एक गीत बनाने का प्रयास कर रही थी। लेकिन तीनों में कोई संतुष्ट नहीम हो पा रहा था। ऊपर से इंटरनेट से जुड़कर ही सारा काम करना मुश्किल था, इसलिए इस गीत को अंतिम रूप देने में इतना समय लगा। लेकिन किसने कितनी मेहनत की है ये तो श्रोता बतायेंगे। हम आप सभी श्रोताओं से गुज़ारिश करेंगे कि कृपया आप सच्ची टिप्पणी लिखें ताकि हम आने वाले समय में बेहतर संगीत-गीत संयोजन की दिशा में बढ़ सकें।
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गीत के बोल
देखी जो उसकी एक झलक,
बंद नही हो पायी पलक,
नींद बनी दर्पण उसका,
जागी है आँखें सुबह तलक...
देखी जो उसकी एक झलक.......
शे'र - न जाने क्या था उन आखों में, शोखी या हया,
जालिम की एक नज़र ने दीवाना कर दिया....
सुबहें उसकी याद का मेला,
उसका तस्सव्वुर साँझ की बेला,
उसके ख्याल हैं मन को घेरे,
एक पल भी छोड़े न अकेला,
मासूमियत से.....
वो मुस्कुराना.....
आता है उसको जादू चलाना,,,,
शे'र - या खुदा कितना तड़पायेगा अब इंतज़ार उसका,
माँगता हूँ दुआ, मिल जाए फिर दीदार उसका....
मुझको मिली थी, वो जिस डगर पे,
कब से खड़ा हूँ, उस रह-गुजर पे,
मैं जिस की धुन में, आशिक हुआ हूँ,
कह दे कोई जा के उस बेखबर से ,
देख ले आकर....
अब हाले बिस्मिल....
और न तड़पा, ओ भोले कातिल...
देखी जो उसकी एक झलक.......
शे'र को स्वर दिया है ऋषि एस॰ बालाजी ने।
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23 कविताप्रेमियों का कहना है :
बहुत अच्छी परख तो नहीं है गीत संगीत की परंतु कर्णप्रिय संगीत के साथ सुन्दर बोल है.. अच्छा गीत है.. बहुत बहुत बधाई
हिन्द-युग्म का पाँचवाँ संगीतबद्ध गीत ---
यह गीत बहुत ही सुंदर है |
ख़ास कर के जीत के बोल बहुत sundar है |
सभी को बधाई |
जबरदस्ती मे यदि कुछ कमी निकालना हो तो -
१. बेखबर
२. गुजर
इन शब्दों का उच्चारण और बेहतर हो ता |
याने ख और ज का उच्चारण जैसे उर्दू भाषा मे करते हैं |
लेकिन यह बहुत सूक्ष्म है |
My personal rating is - 8/10.
अवनीश तिवारी
बहुत ही मधुर गीत.
शेरों का बीच बीच में कहना गीत में चार चाँद लगा रहा है.ऋषि जी की आवाज गुलजार साहब की याद दिला रही है.उनके एक एल्बम में इसी तरह से उन के भी संवाद हैं.गीत का स्तर अति-उत्तम.अगर सिर्फ़ नेट पर आपने इतना अच्छा गीत तैयार किया है तो फ़िर स्टूडियो में तो कमाल की मिक्सिंग होगी.
'वह नरम सी' और इस गीत को सुनते हुए उसको देखा भी जा सकता है-मतलब गीत में इतनी जान है कि आप को कल्पना करने पर मजबूर कर दे.
आप सब ने बहुत मेहनत की होगी यह समझ आ रहा है.
मेरी रेटिंग तो ९/१० है .
संगीत/गीत/और आवाज़ सभी अति-उत्तम.
बहुत बहुत बधाई-
हिंद युग्म की एक और जोरदार प्रस्तुति, बालाजी के आवाज से सजी ये रचना मस्त कर गई.
बहुत बहुत बधाई.
आलोक सिंह "साहिल"
मैं संगीत का विद्वान नहीं हूं, लेकिन तकनीक का हूँ. अत: मुझे आप लोगों की यह प्रस्तुति बहुत आश्चर्यजनक लगी. कम से कम साधनों द्वारा आप लोगों ने अधिकतम कार्य किया है.
सफर जारी रहे !!
इसकी सबसे अच्छी बात यह लगी कि ऑडियो फाइल ogg फॉर्मैट में भी है।
बड़िया आवाज, सुन्दर संगीत और लुभावने बोल्॥सब मिल कर बहुत ही कर्णप्रिय गीत्…बधाई सब कलाकारों को
बहुत ही सुंदर बोल और मधुर आवाज.
बेहतरीन प्रस्तुती .... आपके प्रयास सुंदर प्रस्तुती में निखर कर आया ..बधाइयाँ ....
sunita
hi sajeev apke gane mujhe bahut pasand aya aap ko ish gane ki prena kahan se mili keep doin d gud work
क्या बात है भाई! बोल, स्वर और संगीत तीनों निखरता जा रहा है। सफल जोड़ियों के यही लक्षण होते है। यह गीत मुझे अब तक का सबसे बढ़िया गीत लगा है। पूरी टीम को बधाइयाँ।
जय हिन्द-युग्म
वाह मज़ा आ गया सुनकर भाई आपका काम निखरता जा रहा है सब कुछ उम्दा है,और ये कि गीत मधुर ब पड़ा है बधाई हो !!!
वाकई तारीफ़ ए काबिल!!
शुभकामनाएं
नमस्कार ,
आपकी कविता मुझे बहुत ही अच्छी लगी है ....
.
खैर मेरे बस में इतना टू नही है की मैं अआप की कविता में कोई नुक्स निकल सकूं ...
नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ .......अश्वनी कुमार गुप्ता ...
...... बहुत ही सुमधुर और कर्णप्रिय बधाई आगे की प्रस्तुतियों के लिए शुभकामनाएं
आपकी तारीफ़ में अब क्या कहें
कहनें को न अब तो कुछ बाकी रहा ।
फिर भी कहेंगे नग़मा ये, दिल छू गया
लफ्ज़ों और संगीत नें जादू किया ।
सजीव जी
बहुत ही मधुर गीत है । आपकी मेहनत सफल हुई है। पहले मैं इसको सुन नहीं पाई थी । आनन्द आगया सुनकर । आपकी पूरी टीम को बधाई
mujhe music composition ki knowledge nahi hai...iskepehelekebhigeet kaafiaache the...magar mujhe saare geeton me se yeh peheleaisa geet laga jise suna to laga ki main ise kai baar aur sunu....i can relate myself to this song...congratulation to all three of you....and सुबोध साठे has really shown a different style whichis real good
बहुत सुंदर है ...संगीत भी ..बोल भी और धुन भी ...........तीनों ने कमाल कर दिया है .बहुत खूब !!आप तीनों के अगले गीत का इंतज़ार रहेगा .बधाई आप तीनों को !!
सजीव सारथी-सुबोध साठे-ऋषि एस॰ बालाजी आप तीनो को बहुत-बहुत बधाई...
अब तक बहुत से गीत सुन चुकी हूँ मगर टिप्पणी अभी तक नही दे पाई थी...मगर सच मुच आप सब इस मिशन में विजयी हों यही मनोकामना है...कम साधनो में इतनी कामयाबी हासिल करना कोई कम बात नही है...सजीव जी इसके लिये आप और आपकी टीम सचमुच बहुत योग्य और परिश्रमी है...
Nice song i really liked it nice work Rishi bhaiii and nice singing too nice work team
सजीव जी !
गीत मधुर है ..........पहले मैं इसको सुन नहीं पाई ...... आनन्द आया .....
आपकी टीम को
बहुत बहुत बधाई
the lyrics r wonderful....aapki team ka bahut achcha effort dikh raha hai......
all the best wishes to ur team.....
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