(1)
तरसेगा जब दिल तुम्हारा मेरी मुलाकात को।
ख़्वाबों में होंगे तुम्हारे हम उसी रात को।।
ख़्वाबों में होंगे तुम्हारे हम उसी रात को।।
(2)
कहकर भी नहीं कहते वो सिर्फ डर के मारे।
सुनकर भी नहीं सुनते हम सिर्फ डर के मारे।।
कहकर भी नहीं कहते वो सिर्फ डर के मारे।
सुनकर भी नहीं सुनते हम सिर्फ डर के मारे।।
(3)
प्यार करना प्यार पाना दोनों हैं बातें ज़ुदा।
कश्ती को हरदम किनारा कहाँ देता है खुदा।।
प्यार करना प्यार पाना दोनों हैं बातें ज़ुदा।
कश्ती को हरदम किनारा कहाँ देता है खुदा।।
(4)
हम तो समझे थे कि अकेले हैं, अपना कोई हमारे पास नहीं।
तेरी ज़ानिब जो ये नज़र फेरी, करार मेरे दिल को तब आया।।
हम तो समझे थे कि अकेले हैं, अपना कोई हमारे पास नहीं।
तेरी ज़ानिब जो ये नज़र फेरी, करार मेरे दिल को तब आया।।
(5)
ख़्याल जब तुम्हारा आता है, दिल को मेरे यक़ीन होता है।
मेरे होने का कोई मतलब है, मेरी भी जग में कोई हस्ती है।।
ख़्याल जब तुम्हारा आता है, दिल को मेरे यक़ीन होता है।
मेरे होने का कोई मतलब है, मेरी भी जग में कोई हस्ती है।।
(6)
हमने की एक शरारत, चेहरे को भाँपकर।
पर हाय, अंदाज़ा गलत निकला, हम बदनाम हो गये।।
हमने की एक शरारत, चेहरे को भाँपकर।
पर हाय, अंदाज़ा गलत निकला, हम बदनाम हो गये।।
(7)
यह खेल तो शुरू था एक अर्से से जानेमन।
यह बात और है कि ख़बर देर से हुई।।
यह खेल तो शुरू था एक अर्से से जानेमन।
यह बात और है कि ख़बर देर से हुई।।
(8)
रूतबा है हरसूं बम-ओ-मिसाइल का यक़ीनन।
फूलों की अहमियत तो इससे कम नहीं होती।।
रूतबा है हरसूं बम-ओ-मिसाइल का यक़ीनन।
फूलों की अहमियत तो इससे कम नहीं होती।।
कवि- पंकज तिवारी
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2 कविताप्रेमियों का कहना है :
bahut achche sher hain aur achchhe hain aapke pryaas bhi shailesh ji.
meri shubhkaamnaayein sadaiv aapke saath hain.
bahut achche sher hain aur achchhe hain aapke pryaas bhi shailesh ji.
meri shubhkaamnaayein sadaiv aapke saath hain.
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