खेल बना खिलवाड़,खिलाड़ी बिक गये भैया
बोली बन गयी बॉल, बॉल से बड़ा रुपैया
आठ बाउंड्री का बँटवारा एक ही घर में
दिल्ली मुम्बई कलकत्ता कुछ चंडीगढ़ में
पेशा बन गया खेल,खेल अब बन गया पैसा
फिरे बेचता हुनर, खिलाडी बन गया ऐसा
खेल-दलालों ने ऐसी स्टम्प लगाई
हिट-विकिट स्टम्प कैच सब एक दम भाई
उचक-उचक के छक के मारें चौके छक्के
दिखे बॉल की जगह रुपैया, सब भोंचक्के
तुम भी जाओ चढ़ जाओ जल्दी से लपक के
खड़ी खेल की रेल, जाम हैं सारे चक्के
थोड़ा सा पैसा दो और प्रतिष्ठा पाओ
खड़े खड़े क्यूँ मुहुँ ताकते भाई जाओ
इससे पहले कोचवान, कोई हाँके गाड़ी
मारो कुछ खेरीज बखेरी, बनो खिलाड़ी