tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post947509619903969505..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: कवि तुम पागल हो--?शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84851945789607664732008-11-26T21:10:00.000+05:302008-11-26T21:10:00.000+05:30आप बडो का आशीर्वाद रहा तो हम ओर अच्छा लिखने की क...आप बडो का आशीर्वाद रहा तो हम ओर अच्छा लिखने की कोशिश करेंगेRAJEEVhttps://www.blogger.com/profile/17582009711486796154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-61522254994491597062007-12-07T11:27:00.000+05:302007-12-07T11:27:00.000+05:30जैसे पाप धोने कोआया गंगाजल हो--कवि तुम पागल हो ---...जैसे पाप धोने को<BR/>आया गंगाजल हो--<BR/>कवि तुम पागल हो ---?<BR/><BR/>जैसे कोई बादल हो--<BR/>कवि-- तुम पागल हो--?<BR/><BR/>जैसे- वो कोई कातिल हो<BR/>कवि? तुम पागल हो --<BR/><BR/>जिनका दिल दल-दल हो<BR/>कवि तुम पागल हो<BR/><BR/>चर्चा ये हर पल हो ?<BR/>कवि तुम पागल हो --?<BR/><BR/>शब्द, लय, भाव सब कुछ उम्दा है। पढकर महसूस हुआ कि कितना पागल हूँ मैं :)वैसे बड़ी हीं गूढ बात कही है आपने।<BR/><BR/>-विश्व दीपक 'तन्हा'विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-4351213391220078432007-12-04T19:04:00.000+05:302007-12-04T19:04:00.000+05:30शोभा जीकवि पागल ही होते हैं. होश वाले होते तो ये द...शोभा जी<BR/>कवि पागल ही होते हैं. होश वाले होते तो ये दुनिया रहने लायक नहीं रहती. बहुत सुंदर रचना. मेरी बधाई स्वीकार करें.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-46440450775811299222007-12-04T13:52:00.000+05:302007-12-04T13:52:00.000+05:30संतुलित,भावपूरण , सफल कविता --बहुत उत्तम----बधा...संतुलित,भावपूरण , सफल कविता --बहुत उत्तम----बधाई हो!Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74742980543604499452007-12-04T00:34:00.000+05:302007-12-04T00:34:00.000+05:30मतलबी..मौकापरस्त तबके को तमाचा मारता करारा व्यंग्य...मतलबी..मौकापरस्त तबके को तमाचा मारता करारा व्यंग्य ...<BR/><BR/><BR/>यूँ ही आईना दिखाती रहें....<BR/>कुछ तो बदलेगा...<BR/>कभी तो बदलेगा...<BR/>उम्मीद पे दुनिया कायम है ...राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17783563329935359592007-12-03T12:51:00.000+05:302007-12-03T12:51:00.000+05:30sahi kaha aapne kavi sahi me pagal hota hai....aac...sahi kaha aapne kavi sahi me pagal hota hai....aacha likha haiAnupamahttps://www.blogger.com/profile/12917377161456641316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-53956503734339233132007-12-03T10:06:00.000+05:302007-12-03T10:06:00.000+05:30आँखों में आँसू ले आते होजैसे पाप धोने कोआया गंगाजल...आँखों में आँसू ले आते हो<BR/>जैसे पाप धोने को<BR/>आया गंगाजल हो--<BR/>कवि तुम पागल हो ---?<BR/><BR/>पर-- तुम्हारी आँखों में<BR/>गिरा हुआ ही ठहर जाता है --<BR/>जैसे कोई बादल हो--<BR/>कवि-- तुम पागल हो--?<BR/><BR/>उनका क्या कर लोगे<BR/>जिनका दिल दल-दल हो<BR/>कवि तुम पागल हो<BR/><BR/>एक उबाल सा आजाता है<BR/>लगता है तुमको क्यों<BR/>चर्चा ये हर पल हो ?<BR/>कवि तुम पागल हो --?<BR/><BR/>शोभा जी कवि के पागलपन को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत करती आपकी रचना बधाई की पात्र है।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39141411988433806282007-12-01T23:12:00.000+05:302007-12-01T23:12:00.000+05:30आँखों में आँसू ले आते होजैसे पाप धोने कोआया गंगाजल...आँखों में आँसू ले आते हो<BR/>जैसे पाप धोने को<BR/>आया गंगाजल हो<BR/>कवि तुम पागल हो.....<BR/><BR/><BR/>बहुत खूब शोभा जी....<BR/><BR/>सुनीता यादवDr. sunita yadavhttps://www.blogger.com/profile/00087805599431710687noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-8367203176162196042007-12-01T23:07:00.000+05:302007-12-01T23:07:00.000+05:30"सड़क पर जाते हुए जबभूखा नंगा दिख जाता हैहर समझदार..."सड़क पर जाते हुए जब<BR/>भूखा नंगा दिख जाता है<BR/>हर समझदार आदमी<BR/>बचकर निकल जाता है<BR/>किसी के चेहरे पर भी<BR/>कोई भाव नहीं आता है<BR/>और तुम---?<BR/>आँखों में आँसू ले आते हो<BR/>जैसे पाप धोने को<BR/>आया गंगाजल हो--<BR/>कवि तुम पागल हो ---?"<BR/><BR/>बहुत बढिया कविता है,,,,,एकदम अलहदा.....मुझे अच्छा लगा....आपकी पिछली कविताओं से बेहतर लगी....<BR/><BR/>भाषा सम्मेलन में क्या-क्या किया....आपकी रचना उनकी किताब में छापने के लिए बधाई <BR/><BR/>निखिल आनंद गिरिNikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-78512293170779722422007-12-01T22:37:00.000+05:302007-12-01T22:37:00.000+05:30महोदया !!रचना की हरेक पंक्ति में कसाव है. हृदय को ...महोदया !!<BR/>रचना की हरेक पंक्ति में कसाव है. हृदय को झंकृत करने वाली इस रचना हेतु साधुवाद.<BR/><BR/>जीवन की दौड़ में<BR/>दौड़ते-भागते लोगों में<BR/>जब कोई गिर जाता है<BR/>उसे कोई नहीं उठाता है<BR/>जीतने वाले के गले में<BR/>विजय हार पड़ जाता है<BR/>हर देखने वाला<BR/>तालियाँ बजाता है<BR/>पर-- तुम्हारी आँखों में<BR/>गिरा हुआ ही ठहर जाता है --<BR/>जैसे कोई बादल हो--<BR/>कवि-- तुम पागल हो--?दिवाकर मणिhttps://www.blogger.com/profile/03148232864896422250noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-44773442557552797822007-12-01T15:38:00.000+05:302007-12-01T15:38:00.000+05:30अच्छा व्यंग्य है।अच्छा व्यंग्य है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55864597066980458152007-12-01T14:50:00.000+05:302007-12-01T14:50:00.000+05:30भूखे नंगे से समझदार का बचनाऔर तेरी आँख नम.... ...ज...भूखे नंगे से <BR/>समझदार का बचना<BR/>और तेरी आँख नम.... <BR/>...जबरदस्त रचना<BR/>गिरते को देख <BR/>उसी का ठहरना<BR/>और चारो तरफ<BR/>तालियों का बजना....<BR/>... कमाल की रचना<BR/>मेहनत और जी जान<BR/>मेडल पाये बेइमान<BR/>देख दिल मैन कसकना<BR/>... गजब की रचना<BR/>झूठे वादे, धर्म-धोखे<BR/>का आसानी से पचना<BR/>क.क..क्या कहूँ आपकी रचना<BR/><BR/>धन्यवाद - धन्यवाद<BR/>बधाई हो बधाई हो..<BR/>हमरा सौभाग्य है<BR/>जो आप यहाँ आयी हो..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-49794046335109141632007-12-01T14:05:00.000+05:302007-12-01T14:05:00.000+05:30शोभा जी दिन-ब-दिन आप की कलम जादू चला रही है. हिला ...शोभा जी दिन-ब-दिन आप की कलम जादू चला रही है. हिला हर रख देने वाला रचना दी है इस बार आपनेSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-15893858105052212022007-12-01T12:35:00.000+05:302007-12-01T12:35:00.000+05:30शोभा जी, अपनापन सा लगा कविता में :)शोभा जी, अपनापन सा लगा कविता में :)गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-18266675938043994992007-12-01T12:32:00.000+05:302007-12-01T12:32:00.000+05:30शोभा जी!धर्म और नैतिकता कीबड़ी-बड़ी बातें करने वाल...शोभा जी!<BR/><BR/>धर्म और नैतिकता की<BR/>बड़ी-बड़ी बातें करने वाला<BR/>धर्म को धोखे की दुकान बनाता है<BR/>तब चिन्तन शील समाज<BR/>सादर शीष नवाता है<BR/>सहज़ में ही--<BR/>सब कुछ पचा जाता है<BR/>और तुम्हारे भीतर<BR/>एक उबाल सा आजाता है<BR/>लगता है तुमको क्यों<BR/>चर्चा ये हर पल हो ?<BR/>कवि तुम पागल हो --?<BR/><BR/>रचना की मारक पंक्तियां.मेरे प्रिय बिन्दु पर दृष्टिपात करने के लिये धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09417713009963981665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-78163697015711041622007-12-01T11:40:00.000+05:302007-12-01T11:40:00.000+05:30शोभा जी,बहुत सुन्दर भाव भरी कविता लिखी है आपने. स...शोभा जी,<BR/>बहुत सुन्दर भाव भरी कविता लिखी है आपने. सिर्फ़ कोमल भाव रखने वाले दिल ही कवि बनते है तभी तो वह सारी दुनिया का दर्द शव्दों में ढाल पाते हैं<BR/><BR/>बधाई.Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-76729071964091113662007-12-01T11:01:00.000+05:302007-12-01T11:01:00.000+05:30और तुम---?आँखों में आँसू ले आते होजैसे पाप धोने को...और तुम---?<BR/>आँखों में आँसू ले आते हो<BR/>जैसे पाप धोने को<BR/>आया गंगाजल हो--<BR/>कवि तुम पागल हो ---?<BR/>बहुत खूब शोभा जीHarihar Jhahttps://www.blogger.com/profile/03094272277900318316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-42840193298439864732007-12-01T10:13:00.000+05:302007-12-01T10:13:00.000+05:30वाह शोभा जी ,सही कवि दिल सच में बहुत भावुक होता ...वाह शोभा जी ,सही कवि दिल सच में बहुत भावुक होता है ,अपनी पीड़ा के साथ साथ दूसरो का दर्द भी बखूबी उसकी कलम से निकल आता है,.... बहुत सुंदर भावों में आपने इस कविता को ढाला है ...बधाई आपको सुंदर रचना के लिए !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-21570741524343477702007-12-01T08:00:00.000+05:302007-12-01T08:00:00.000+05:30shobha jee bahut khoobsoorat kavita hai.... kya ba...shobha jee bahut khoobsoorat kavita hai.... kya baat kahi hai.....<BR/>wah wah.. is ki jitni taarf kee jai kammm hai...<BR/> bhagwan tume lakho is se achhi poem likhne ki prerna de....<BR/>congrates.<BR/>ShaileshShailesh Jamlokihttps://www.blogger.com/profile/17057836670556828623noreply@blogger.com