tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post9100333146443527283..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: देशशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-12953818140400865682008-02-19T12:59:00.000+05:302008-02-19T12:59:00.000+05:30यादो- यादोंअच्छी कविता है आलोक जी। आपने कविता की क...यादो- यादों<BR/><BR/>अच्छी कविता है आलोक जी। आपने कविता की कई विधाओं को बेहतर जिया है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39327973574664364502008-02-19T09:01:00.000+05:302008-02-19T09:01:00.000+05:30ek imandaar koshish hai yeh kavita...alok ji badha...ek imandaar koshish hai yeh kavita...alok ji badhaaiSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57730466924490070202008-02-19T04:28:00.000+05:302008-02-19T04:28:00.000+05:30कई सवाल जो हर बार बिना उत्तर रह जाते हैं....फ़िर भी...कई सवाल जो हर बार बिना उत्तर रह जाते हैं....फ़िर भी हर बार पूछे जाते हैं क्योंकि उनका उत्तर तलाशना है..आप की कविता भी दिमाग के तारों को झकझोर जाती है..और सोचने पर मजबूर करती है---अच्छी रचना है.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-14597590472814803072008-02-18T18:37:00.000+05:302008-02-18T18:37:00.000+05:30अच्छी कविता.अच्छी कविता.Avanish Gautamhttps://www.blogger.com/profile/03737794502488533991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34891652958273969332008-02-18T15:33:00.000+05:302008-02-18T15:33:00.000+05:30सुन्दर कविता अलोक जी..बहुत बहुत साधूवाद..सुन्दर कविता अलोक जी..<BR/><BR/>बहुत बहुत साधूवाद..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84318900461524547402008-02-18T14:07:00.000+05:302008-02-18T14:07:00.000+05:30आह!!!यही तो कविता है, और क्या है....."जाने वह कौन ...आह!!!<BR/><BR/>यही तो कविता है, और क्या है.....<BR/><BR/>"जाने वह कौन सा देश है,<BR/>जो लाल किले पर झंडा फ़हराता है ।"<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39624919450350278292008-02-18T11:07:00.000+05:302008-02-18T11:07:00.000+05:30आलोक जी,बैल न हो, किसान न हो, जवान न हो...तो देश क...आलोक जी,<BR/><BR/>बैल न हो, किसान न हो, जवान न हो...तो देश कहां बचता है.. फ़िर भी हर कोई अपने लिये कुछ न कुछ करते हुए अन्जाने में देश के लिये कुछ न कुछ कर रहा है...<BR/><BR/>सवाल गम्भीर हैं मगर जबाब भी हमें ही देने हैं<BR/>भाव भरी सुन्दर रचना के लिये बधाईMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-21394622029721983992008-02-18T10:24:00.000+05:302008-02-18T10:24:00.000+05:30आलोक जी,इस कविता हृदयस्पर्शी दिल को छू लेने वाले ह...आलोक जी,<BR/>इस कविता हृदयस्पर्शी दिल को छू लेने वाले हैं। Wonderful.<BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59349245378640325002008-02-18T10:04:00.000+05:302008-02-18T10:04:00.000+05:30अलोक जी बहुत सुंदर रचना !!अलोक जी बहुत सुंदर रचना !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34479301996650353602008-02-17T22:20:00.000+05:302008-02-17T22:20:00.000+05:30बधाई आलोक शंकर जी,सचमुच आपकी कविता देश की दशा को स...बधाई आलोक शंकर जी,<BR/><BR/>सचमुच आपकी कविता देश की दशा को सोचने पर मजबूर करती है । हर क्षेत्र में कितनी चिन्तनीय दशाएँ हैं, सारी तो कहना ही सम्भव नहीं है । इन दुर्दशाओं में से जितना भी हम कम कर सकें, हमें करना चाहिए । माना कि एक व्यक्ति सब कुछ नहीं कर सकता है पर बूँद बूँद से घट भर सकता है ।दिवाकर मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/15376537950079751261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38911189249524304222008-02-17T21:11:00.000+05:302008-02-17T21:11:00.000+05:30बेहतरी,बेहतरीन......आलोक जी,एक एक शब्द मानो फुरसत ...बेहतरी,बेहतरीन......आलोक जी,एक एक शब्द मानो फुरसत से तराशे गए हों,आनंद आ गया.<BR/>बधाई हो सर जी<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-40751087364841782212008-02-17T20:57:00.000+05:302008-02-17T20:57:00.000+05:30आलोक जी,सहमत हुँ आपके विचारों से।जाने वह कौन सा दे...आलोक जी,सहमत हुँ आपके विचारों से।<BR/>जाने वह कौन सा देश है,<BR/>जो लाल किले पर झंडा फ़हराता है <BR/>सुन्दर रचना।RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55537046474604738332008-02-17T19:21:00.000+05:302008-02-17T19:21:00.000+05:30बहुत खूब आलोक जी.. चेतना को झकझोरने में सफल रहे आप...बहुत खूब आलोक जी.. चेतना को झकझोरने में सफल रहे आप.. हर पैरा का अंत चुभता सा है | शब्दों मे अपनी वेदना को बखूबी ढाला है आपने ..<BR/>हाँ शब्द कुछ कम होते तो और निखार आ जाता शायद कविता में ... बधाई स्वीकारिये..विपुलhttps://www.blogger.com/profile/15032635217536871012noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-33789320521140023262008-02-17T18:28:00.000+05:302008-02-17T18:28:00.000+05:30चिंतन बिल्कुल ईमानदार है, लेकिन कविता एकाध जगह कृत...चिंतन बिल्कुल ईमानदार है, लेकिन कविता एकाध जगह कृत्रिम सी हो गई। हो सकता है कि वह अनायास ही हुआ हो, लेकिन इस विषय पर इतना कुछ लिखा जाता है कि अलग दिखने के लिए और मेहनत की आवश्यकता थी।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-65783001431070811562008-02-17T17:34:00.000+05:302008-02-17T17:34:00.000+05:30आलोक जी हृदयस्पर्शी .. !!ऐसा प्रतीत होता है ..... ...आलोक जी <BR/><BR/>हृदयस्पर्शी .. !!<BR/>ऐसा प्रतीत होता है ..... रोज भोगते है हम सभी. परन्तु संवेदना ... ?<BR/> .... बस इससे आगे और कुछ नहींAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09417713009963981665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82989694905943657632008-02-17T15:43:00.000+05:302008-02-17T15:43:00.000+05:30२६ जनवरी के बाद से आपकी कविता का सरोकार बदल गया है...२६ जनवरी के बाद से आपकी कविता का सरोकार बदल गया है...आप अलग लगने लगे हैं..शब्द और सिमटे हुए होते तो कविता का मर्म और उभर पाता..<BR/>वैसे, इस विषय पर तो कुछ भी लिखा जाए, दाद होगी ही....<BR/><BR/>निखिलNikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-37911143108337900312008-02-17T15:06:00.000+05:302008-02-17T15:06:00.000+05:30आलोक जी! हमेशा की तरह इस बार भी आपकी सोच ने लाजवाब...आलोक जी! हमेशा की तरह इस बार भी आपकी सोच ने लाजवाब कर दिया. पर आपके स्तर को देखते हुये रचना में काव्यात्मकता कम लगी. यदि रचना को गद्य की तरह लिखा जाता तो एक अच्छा लेख बन सकती थी. फिर भी आप अपनी बत पाठक तक पहु~म्चाने में सफल रहे हैं.SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-29784592881197191482008-02-17T15:03:00.000+05:302008-02-17T15:03:00.000+05:30आलोक जीबहुत ही सुंदर चित्र खींचा है देश का -आलीशान...आलोक जी<BR/>बहुत ही सुंदर चित्र खींचा है देश का -<BR/>आलीशान दफ़्तरों में<BR/>दरवाज़ों पर सलामी दागते,<BR/>चेहरे पर मुस्कान का पोस्टर लगाये<BR/>स्वागत करते ,<BR/>ए टी एम का दरवाज़ा खोलते,<BR/>गाड़ियों के शीशे पोंछते,<BR/>घरों के दरवाजे पर खड़े<BR/>साधूवादशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-65285509026179509282008-02-17T13:27:00.000+05:302008-02-17T13:27:00.000+05:30आलोक जी,इस कविता के हरेक शब्द दिल को छू लेने वाले ...आलोक जी,<BR/>इस कविता के हरेक शब्द दिल को छू लेने वाले हैं। बधाई स्वीकारें।<BR/><BR/>-विश्व दीपक ’तन्हा’विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-56842651376285660102008-02-17T10:56:00.000+05:302008-02-17T10:56:00.000+05:30जाने वह कौन सा देश है,जो लाल किले पर झंडा फ़हराता ह...जाने वह कौन सा देश है,<BR/>जो लाल किले पर झंडा फ़हराता है ।????<BR/><BR/>सही सवाल<BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-13803274951811969552008-02-17T09:39:00.000+05:302008-02-17T09:39:00.000+05:30बहुत भावुक बना दिया आपकी कविता ने ,हर शब्द एक तिस ...बहुत भावुक बना दिया आपकी कविता ने ,हर शब्द एक तिस छोड़ जाता है दिल में ,बहुत बढ़िया लिखा है और सच भी.mehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-20917777428961261552008-02-17T07:44:00.000+05:302008-02-17T07:44:00.000+05:30आलोक जीआपकी कविता दिलको छू जाती है जो हर दिनपेड़ की...आलोक जी<BR/>आपकी कविता दिल<BR/>को छू जाती है <BR/>जो हर दिन<BR/>पेड़ की डाली पर लटकी रस्सी<BR/>और घर जाने वाली सड़क<BR/>से एक चुनने में एक जीवन बिता देता है,<BR/>और फ़िर भी बच्चों की आँखों<BR/>में आधी रोटी की चमक नहीं देख पाता -<BR/>उसका देश<BR/>भूखे पेट सोता है ।Hariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.com