tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post8254673380195824137..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: चाँदनी, सूरज, उषा और निशा....शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17090150417008261782010-07-19T11:10:29.867+05:302010-07-19T11:10:29.867+05:30खूब रोई चाँदनी जार-जार
अपने जले हुए आँचल पर.
संध्य...खूब रोई चाँदनी जार-जार<br />अपने जले हुए आँचल पर.<br />संध्या ने कंधा दिया उसे<br />चुप कराया , उड़ाया अपना<br />आँचल, सितारे टाँक कर.<br /><br />सुन्दर शब्द रचना ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57751292359157369152010-07-18T20:32:29.758+05:302010-07-18T20:32:29.758+05:30संध्या ने कंधा दिया उसे
चुप कराया , उड़ाया अपना
आँ...संध्या ने कंधा दिया उसे<br />चुप कराया , उड़ाया अपना<br />आँचल, सितारे टाँक कर.<br /><br />कल्पनाशीलता की गहराई स्पष्ट दिखाई दे रही है। बधाई।<br /><br />प्रमोद ताम्बट<br />भोपाल<br />www.vyangya.blog.co.in<br />http://vyangyalok.blogspot.comप्रमोद ताम्बटhttps://www.blogger.com/profile/03951685009971991305noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-58548594752757327072010-07-18T15:38:14.038+05:302010-07-18T15:38:14.038+05:30खूब रोई चाँदनी जार-जार
अपने जले हुए आँचल पर.
संध्य...खूब रोई चाँदनी जार-जार<br />अपने जले हुए आँचल पर.<br />संध्या ने कंधा दिया उसे<br />चुप कराया , उड़ाया अपना<br />आँचल, सितारे टाँक कर.<br />ओढ़ कर नया आँचल पहुँची<br />चाँदनी अपने साजन के पास.<br />बहुत सुन्दर तरीके से प्रेम की अभिव्यक्ति को बयां करती प्यारी रचना के लिए शील निगम जी को बहुत-बहुत हार्दिक बधाईयां!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-56657313432882633132010-07-18T06:56:24.767+05:302010-07-18T06:56:24.767+05:30तब से रोज़ चाँदनी संध्या से
गले मिल कर चाँद से मिल...तब से रोज़ चाँदनी संध्या से<br />गले मिल कर चाँद से मिलती है,<br />और पौ फटते ही उषा को अपने<br />गले लगा कर विदा होती है. <br /><br />चलो इसी तरह यह सिलसिला चलता रहे<br />चाँद चादनी से सन्ध्या बेला में मिलता रहे<br />खूबसूरत ताने बाने की दास्तान है यह रचना .. सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com