tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post8140379910294082583..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: उसका कमराशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-51275357166605849872007-11-29T19:17:00.000+05:302007-11-29T19:17:00.000+05:30कुछ ऐसी जगहें भी होती हैं,जह्नो-दिल में,जिन्हें को...कुछ ऐसी जगहें भी होती हैं,<BR/>जह्नो-दिल में,<BR/>जिन्हें कोई भर नही सकता,<BR/>कोई भी नही.....<BR/><BR/>सजीव जी,<BR/>बात तो सच कही आपने। लेकिन जैसा कि शैलेश जी ने कहा, कविता विस्तार माँगती है। आप कविता को पूरे रंग में आने से पहले हीं पूर्णविराम लगा कर बंद कर देते हैं। अच्छी बात नहीं है यह :)<BR/><BR/>-विश्व दीपक 'तन्हा'विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62371547992713757202007-11-29T17:02:00.000+05:302007-11-29T17:02:00.000+05:30यह कविता जैसे ही ज़ादू बिखेरना शुरू करती है, आप उसे...यह कविता जैसे ही ज़ादू बिखेरना शुरू करती है, आप उसे रोक देते हैं। अरे भाई कविता आपसे जो-जो लिखवाना चाहती है, लिखने दिया कीजिए।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-73767426149061028032007-11-28T14:11:00.000+05:302007-11-28T14:11:00.000+05:30एनोनिमस जी,:-)कोई बात नहीं, माइन्ड मत करिये जनाब, ...एनोनिमस जी,<BR/>:-)<BR/>कोई बात नहीं, माइन्ड मत करिये जनाब, लगे रहिये, बस कुछ ढंग की आलोचना किया करिये साहब,आपको युग्म जैसे प्रतिष्ठित मंच पर बोलने की अनुमति मिल गयी है तो स्वाभाविक अपेक्षा है कि आपसे भी कुछ सीखने को मिलेगा| उक्त टिप्पणी का कोई अर्थ मेरी समझ में तो आया नहीं<BR/>खैर, प्रसन्न रहिये, सबके अपने-अपने तरीके हैं प्रसन्न रहने के :-) <BR/><BR/>सस्नेह<BR/>गौरव शुक्लGaurav Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12422162471969001645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-63589831463517718322007-11-25T20:49:00.000+05:302007-11-25T20:49:00.000+05:30गौरव जी, मेरे अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगा रहे ह...गौरव जी, <BR/><BR/>मेरे अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं बहुत ही मासूम मालूम होते हैं। कहीं से आ कर मैं अगर कुछ लिख रहा हूँ तो इसका मतलब मेरा अस्तित्व भी होगा ही! हाँ अगर आप नास्तिक हैं तो बात अलग है :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-60595955420925224682007-11-25T11:05:00.000+05:302007-11-25T11:05:00.000+05:30सजीव जी,गागर मे सागर है..मेरे शब्दों मेंखाली है आज...सजीव जी,<BR/>गागर मे सागर है..<BR/>मेरे शब्दों में<BR/>खाली है आज भी दिल का वो कोना<BR/>उठ कर चले गये थे जहां से तुम वर्षों पहले<BR/><BR/>बधाई.Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-83136311117247440892007-11-25T08:55:00.000+05:302007-11-25T08:55:00.000+05:30कुछ ऐसी जगहें भी होती हैं,जह्नो-दिल में,जिन्हें को...कुछ ऐसी जगहें भी होती हैं,<BR/>जह्नो-दिल में,<BR/>जिन्हें कोई भर नही सकता,<BR/>कोई भी नही.....<BR/><BR/>कुछ बातें ऐसी है जिन्हें कोई कह नही सकता शब्दों से.....<BR/>छोटी मगर सम्पूर्ण कविता..कमरे के और भी कोनों में लेकर जाते तो प्रभाव और बढ़ता,.........<BR/><BR/>निखिल आनंद गिरिNikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-42637700808516921422007-11-24T20:45:00.000+05:302007-11-24T20:45:00.000+05:30एनोनिमस जी, कविता पर अपनी समझ आप अपने परिचय से बता...एनोनिमस जी, कविता पर अपनी समझ आप अपने परिचय से बताते तो कितना अच्छा लगता हम सभी को,<BR/>अभी तो आपके अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न है, सो यही कह सकता हूँ कि आपकी निरर्थक टिप्पणी भी स्वागतेय है<BR/><BR/>सस्नेह<BR/>गौरव शुक्लGaurav Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12422162471969001645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-63008555450035803482007-11-24T18:38:00.000+05:302007-11-24T18:38:00.000+05:30सजीव जी,मान मन के कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ...सजीव जी,<BR/>मान मन के कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति स्वागतयोग्य है।<BR/><BR/>कुछ ऐसी जगहें भी होती हैं,<BR/>जह्नो-दिल में,<BR/>जिन्हें कोई भर नही सकता,<BR/>कोई भी नही.....RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-29802960177186393112007-11-24T04:20:00.000+05:302007-11-24T04:20:00.000+05:30ये क्या है ? कविता है कोई ????ये क्या है ? कविता है कोई ????Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-65428208831603319052007-11-23T21:32:00.000+05:302007-11-23T21:32:00.000+05:30सजीव जीअच्छा लिखा है आपने ।उसके जाने के बाद भी,आज ...सजीव जी<BR/>अच्छा लिखा है आपने ।<BR/>उसके जाने के बाद भी,<BR/>आज भी खाली है -उसका कमरा,<BR/>उस के बाद भी,<BR/>बहुत से लोग आये,<BR/>मगर महफूज़ है अब भी,<BR/>उसकी वो छुवन,<BR/>उसका वो एहसास...<BR/>यह मधुर अहसास सदा बना रहे ऐसी कामना है ।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62665167788680125062007-11-23T19:09:00.000+05:302007-11-23T19:09:00.000+05:30बहुत से लोग आये,मगर महफूज़ है अब भी,उसकी वो छुवन,उ...बहुत से लोग आये,<BR/>मगर महफूज़ है अब भी,<BR/>उसकी वो छुवन,<BR/>उसका वो एहसास...<BR/><BR/>बहुत सुंदर सजीव जी ..भाव भीनी दिल को सहलाती सी है आपकी यह रचना ..बधाई आपको !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62643689979899139412007-11-23T12:40:00.000+05:302007-11-23T12:40:00.000+05:30सजीव जी, सुन्दर भावयुक्त कविता है.. रूप लिये कविता...सजीव जी, <BR/><BR/>सुन्दर भावयुक्त कविता है.. <BR/><BR/>रूप लिये कविता का निकली अंतर की आवाज<BR/>खाली कमरे में गुंजित हो गया मधुर सा साज<BR/><BR/>साधूवादभूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43358983832449022007-11-23T11:46:00.000+05:302007-11-23T11:46:00.000+05:30सजीव जी आप उन कविओं में से एक है जो उम्मीद जगाते ह...सजीव जी आप उन कविओं में से एक है जो उम्मीद जगाते हैं. मुझे लगता है आप बहुत अच्छी कविता कर सकते है. कृपया करें. इस बार बात कुछ बनी नहीं.Avanish Gautamhttps://www.blogger.com/profile/03737794502488533991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-81189262202682859242007-11-23T11:24:00.000+05:302007-11-23T11:24:00.000+05:30सुंदर भाव, भावुक शब्द अच्छा प्रयाससुंदर भाव, भावुक शब्द <BR/>अच्छा प्रयासSunny Chanchlanihttps://www.blogger.com/profile/02921620323003577787noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39840014403623770232007-11-23T11:06:00.000+05:302007-11-23T11:06:00.000+05:30सजीव जी,कोमल कविताओं में आपका कोई सानी नहीं। बहुत ...सजीव जी,<BR/>कोमल कविताओं में आपका कोई सानी नहीं। बहुत ही मन को छू कर गुजरती रचना।<BR/><BR/>कुछ ऐसी जगहें भी होती हैं,<BR/>जह्नो-दिल में,<BR/>जिन्हें कोई भर नही सकता,<BR/>कोई भी नही.....<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59208644722030640142007-11-23T10:18:00.000+05:302007-11-23T10:18:00.000+05:30सुंदर है.आपके दिल का वो कमरा भरे ऐसी आशा के साथ......सुंदर है.<BR/>आपके दिल का वो कमरा भरे ऐसी आशा के साथ....<BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.com