tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post8127697596726017959..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: मतले का कानून सबसे बड़ा कानून है और कोई भी काफिया या रदीफ मतले के कानून से बाहर नहीं जा सकता है । मतले ने जो कह दिया वो पत्थर की लकीर होती है ।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17838199559589427282008-05-09T00:08:00.000+05:302008-05-09T00:08:00.000+05:30मेरे हिसाब से मुहब्बत की झूटी कहानी पे रोए गीत ह...मेरे हिसाब से मुहब्बत की झूटी कहानी पे रोए गीत है ग़ज़ल नही जैसा अपने रदीफ़ में बताया क्योकि उसके अंतरे में तीन पंक्तिया है. १ न सोचा न समझा २ तेरी आरजू ने हमें ३ जिए तो मगर जिंदगानी पे रोए शरद तैलंगशरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38271028058388390162008-02-26T00:35:00.000+05:302008-02-26T00:35:00.000+05:30अनंत व्यथाएक कदम नहीं चल सकता संसार पीछे छोड़ने की...अनंत व्यथा<BR/>एक कदम नहीं चल सकता <BR/>संसार पीछे छोड़ने की थी जिज्ञासा <BR/>आज अपाहिज बन बैठा <BR/>हाय कैसी है ये दुराशा <BR/><BR/>शिखर के छाती पर लिखा था अपना नाम कभी<BR/>आज उसे छू तक नहीं सकता <BR/>अब तो दर्शन भी दुर्लभ है लगता <BR/>अपना सर उठाओं भी तो कैसे <BR/>मुझ में अब वो बात नहीं दिखता <BR/><BR/>मैं अपने हिरदये की जवाला को <BR/>नैन रस से शांत करता <BR/><BR/>हर मोड़ हर गली में साजिश <BR/>सबकी निगाहें मुझपे जैसे <BR/>मैं बकडा, वो कसाई <BR/><BR/>अरे मुझे सीन्चो मुझे सजाओ <BR/>मैं विश्व का सबसे सुन्दर सबसे भिन्न फुलून वाला बगिया<BR/><BR/>जागो तुमने जिसे चुना है मेरा माली<BR/>वह स्वएं है सवार्थ का पुजारी <BR/><BR/>सब अवसरवादियों ने है पैठ बदहाली <BR/>कभी गुजरात कभी मुम्बई जैसे कांड से <BR/>अपनी मुकुट सजली<BR/><BR/><BR/>कितने कलियों की लालसा खिलने की थी <BR/>परन्तु इसके रक्षक ने दल ही काट डाली <BR/>बेचारी कलि तड़प तड़प कर मुरझा गयी <BR/>हाय! यह कैसा था माली<BR/><BR/>आश्चर्य, इन्होने भगवान् की शक्ति भी छिन्न कर डाला<BR/>अगर राम अयोध्या तक ही तो फिर नभ में कैसे फैला उजाला<BR/><BR/>यह कैसी श्रद्धा कैसा है प्रेम निराला <BR/>पालित ने ही पलक को निम्न बना डाला<BR/><BR/>यह एक नहीं ऐसे अनेक बादलों ने दीपक रोक <BR/>फैला रखा है अन्ध्यारा <BR/><BR/>अब तो मुझे मेरा मुकुट ही नहीं भाता <BR/>इसके रत्तन ने मुझ को ही घायल कर डाला<BR/>मैं असमंजस में! क्या मैं ही हूँ भारत <BR/>जिसने कबीर, भरत और नानक जैसे लाल को था पला<BR/><BR/>नबील खानNabeel A. Khanhttps://www.blogger.com/profile/01395603977886474704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-46329806024547270372008-02-16T14:02:00.000+05:302008-02-16T14:02:00.000+05:30guru ji ye हज़ल kya hota hai kripya spashta kare.guru ji ye हज़ल kya hota hai kripya spashta kare.Sunny Chanchlanihttps://www.blogger.com/profile/02921620323003577787noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-52443119894884309132008-02-12T21:49:00.000+05:302008-02-12T21:49:00.000+05:30yadi aap swyam hii qanoon 'क़ानून' ko kanoon 'कानून...yadi aap swyam hii qanoon 'क़ानून' ko kanoon 'कानून' likhenge to doosaron ko siikhaana mushkil ho jaayega...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-11402924909456683812008-02-09T11:46:00.000+05:302008-02-09T11:46:00.000+05:30गुरूजीसादर प्रणाम आप की कक्षा में मैं आज पहली बार ...गुरूजी<BR/>सादर प्रणाम <BR/>आप की कक्षा में मैं आज पहली बार उपस्थित हो रहा हूँ <BR/>और आज महसूस हो रहा हैं की इतनी देर से आ कर मैंने क्या खो दिया हैं<BR/>आप से जो ज्ञान प्राप्त हो रहा हैं वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं <BR/>और भविष्य इस बात को सिद्ध भी कर देगा <BR/>शुभ कामनाओं सहित <BR/>विपिन चौहान "मन"विपिन चौहान "मन"https://www.blogger.com/profile/10541647834836427554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-23782614667485847092008-02-01T00:49:00.000+05:302008-02-01T00:49:00.000+05:30aaj hi is kakshaa ko bhi GhonT liya.......... agli...aaj hi is kakshaa ko bhi GhonT liya..........<BR/> agli ke intjaar main....... aapke naye vidhayarthi<BR/><BR/>saadar....<BR/>hemAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55201974284955861172008-01-31T22:44:00.000+05:302008-01-31T22:44:00.000+05:30गुरु जी मै आपकी बात से सहमत हू.. क्यों की कक्षा मै...गुरु जी मै आपकी बात से सहमत हू.. क्यों की कक्षा मै मेरे जैसे बच्चे भी है.. जो थोडा देर से समझ पाते है,..<BR/>गुरु जी मेरे सवाल है <BR/>१) काफिया बनाते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए ?<BR/>२) आप क्या केवल कुछ काफियो को बताएँगे या सब पर थोडा थोडा कुछ कहेंगे.. मुझे सबसे अच्छा आं वाला काफिया लगा की कम प्रचलित है और ग़ज़ल तो बहुत ही खूबसूरत बन गयी उस से...<BR/>३) क्या मतला शब्द चयन का भी कानून बना देता है .. जैसे.. अगर मतले मै हमने हिंदी शब्दों का प्रयोग किया है तो. सारी ग़ज़ल मै इस तरह होना चाहिए.. ग़ज़ल की सुन्दरता की दृष्टि से...<BR/>४) क्या रस छन्द अलंकार यहाँ पर भी ग़ज़ल की सुन्दरता बड़ा सकते है?<BR/>५) जो कुछ भी मतले में दोहरा लिया जाता है वो फिर क़ाफिये का हिस्सा न रह कर रदीफ जैसा हो जाता है ।<BR/>६) मेरे ख्याल से ये अच्छा हो सकता है की आप हमे कुछ क्रियाकलाप दे करने को आज के विषय पर ताकि हम उसे कार्यान्वित कर पाएं...<BR/>शुक्रिया<BR/>शैलेशShailesh Jamlokihttps://www.blogger.com/profile/17057836670556828623noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-70286640553270098782008-01-30T23:59:00.000+05:302008-01-30T23:59:00.000+05:30पंकज जी,आपकी क्लास में अब खूब मन लगता है। इसी तरह ...पंकज जी,<BR/>आपकी क्लास में अब खूब मन लगता है। इसी तरह हमें शिक्षा देते रहें। <BR/>गज़ल के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।<BR/><BR/>-विश्व दीपक'तन्हा'विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-9547322141590706752008-01-29T20:30:00.000+05:302008-01-29T20:30:00.000+05:30वक़्त की गोद से हर लम्हा चुराया जाएइक नई तर्ज से...वक़्त की गोद से हर लम्हा चुराया जाए<BR/>इक नई तर्ज से दुनिया को बसाया जाए<BR/>गुरूदेव आज के इस शेर में काफ़िया है आया और रदीफ़ है जाए...क्या यह सही है?सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-44848875269568520862008-01-29T17:26:00.000+05:302008-01-29T17:26:00.000+05:30आज के अच्छे और सुलझे हुए पाठ के लिए शुक्रिया.सारे...आज के अच्छे और सुलझे हुए पाठ के लिए शुक्रिया.<BR/>सारे पाठ प्रिंट कर के रखने योग्य हैं.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-15520850979409360322008-01-29T13:28:00.000+05:302008-01-29T13:28:00.000+05:30सर जी दिन पर दिन आपकी शिक्षा मजेदार होती जा रही है...सर जी दिन पर दिन आपकी शिक्षा मजेदार होती जा रही है, सच कहूँ टू जब पहले दिन आपकी कक्षा में उपस्थित हुआ तो(बुरा मत मानिएगा) मैं बोर हो गया था,पर आज के दिन लगता है की मैं कितना बेवकूफ था,.<BR/> बहुत बहुत धन्यवाद सर जी<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64023072805917525082008-01-29T11:27:00.000+05:302008-01-29T11:27:00.000+05:30aaj ke udharan ke taur par liye sher bahut achhe h...aaj ke udharan ke taur par liye sher bahut achhe hai,samajh mein thoda aaya.koshih jari hai sikhane ki.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-42750670499680964172008-01-29T10:58:00.000+05:302008-01-29T10:58:00.000+05:30"मगर यदि मिसरा उला में काफिया आया है चलता और आपने ..."मगर यदि मिसरा उला में काफिया आया है चलता और आपने सानी में ले लिया गिरता तो आपका काफिया हो गया 'ता' "<BR/>उस्तादों का कहना है की चलता से और गिरता से 'ता' हटा दे तो चल और गिर बचता है जो समान तुक के शब्द नहीं हैं इसलिए काफिये नहीं बन सकते, आप का क्या कहना है? गुरुदेव स्पष्ट करें. <BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com