tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post750097281398573111..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: इक बार मुड़ के देख लेशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-33461081485172171542008-03-05T21:17:00.000+05:302008-03-05T21:17:00.000+05:30शिल्प बहुत कमज़ोर हैशिल्प बहुत कमज़ोर हैशैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84550994084996004972008-02-28T11:10:00.000+05:302008-02-28T11:10:00.000+05:30इक बार मुड के देख लेसफ़र की तल्लखियां भुलाशम्मा आस ...इक बार मुड के देख ले<BR/>सफ़र की तल्लखियां भुला<BR/>शम्मा आस की जला<BR/>खडा है कोई मोड पर<BR/>नजरें राह में बिछा<BR/>इक बार मुड के देख ले<BR/><BR/>सुंदर गीत <BR/><BR/><BR/>बधाई<BR/><BR/>स-स्नेह<BR/>गीता पंडितगीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74824917308574082852008-02-21T14:37:00.000+05:302008-02-21T14:37:00.000+05:30mohindar ji achchi kavitamohindar ji <BR/>achchi kavitaAlok Shankarhttps://www.blogger.com/profile/03808522427807918062noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85463404885697343532008-02-21T13:06:00.000+05:302008-02-21T13:06:00.000+05:30सुंदर भाव, अच्छे शब्द बढिया रचना....नीरजसुंदर भाव, अच्छे शब्द बढिया रचना....<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-83398736502146242292008-02-20T20:08:00.000+05:302008-02-20T20:08:00.000+05:30सच में एक बढिया गीत बन पड़ा है। सजीव जी को इसपर नज़र...सच में एक बढिया गीत बन पड़ा है। सजीव जी को इसपर नज़र डालनी चाहिए।<BR/>मोहिन्दर जी!<BR/>बधाई स्वीकारें।<BR/><BR/>-विश्व दीपक ’तन्हा’विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-65665083761860986382008-02-19T23:21:00.000+05:302008-02-19T23:21:00.000+05:30जालिम की कल्पना :-कवि कल्पना कर रहा है मगर पीछे से...जालिम की कल्पना :-<BR/><BR/>कवि कल्पना कर रहा है मगर पीछे से .....वोः बुलाना चाहता है किसी को की जरा पीछे मुड़ कर देख.... परन्तु कवि कल्पना के सगर में डूब चूका है...<BR/><BR/>कवि महोदय जरा जोर से उसका नाम पुकारिये वो जरूर पीछे पलटेगा/पलटेगी<BR/>हा हा ..या उसके आगे खडे हो जाओ जीAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59024184687321549762008-02-19T21:01:00.000+05:302008-02-19T21:01:00.000+05:30इक बार मेरे पास आ ,इक बार तो ये एहसान कर ,मेरी तड़...इक बार मेरे पास आ ,<BR/>इक बार तो ये एहसान कर ,<BR/>मेरी तड़पती निगाह को ,<BR/>अपनी इक झलक तो दे ,<BR/>जो मै न देख पाऊ तुझे कभी ,<BR/>इक बार तू ही मुड़कर देख ले ....<BR/><BR/>आपकी इस प्यारी सी रचना को पढ़कर मेरे दिल से कुछ यही शब्द निकले हैं ....बहुत खूबअभिषेक ताम्रकार "अभि"https://www.blogger.com/profile/16103390666108038878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-20030731938441841882008-02-19T19:24:00.000+05:302008-02-19T19:24:00.000+05:30मोहिंदर जी !मैं भी गौरव जी से सहमत हूँ. इस बार सज...मोहिंदर जी !<BR/><BR/>मैं भी गौरव जी से सहमत हूँ. इस बार सजीव जी की टीम को कोई और कारण नहीं मिलना चाहिए इस गीत को लेकरAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09417713009963981665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-87012117980885751782008-02-19T18:58:00.000+05:302008-02-19T18:58:00.000+05:30यह अगर फ़िल्मी गीत बने तो बहुत प्यारा गाना बनेगा। ए...यह अगर फ़िल्मी गीत बने तो बहुत प्यारा गाना बनेगा। एलबम के लिए बहुत अच्छा गाना है।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-31727840922646108452008-02-19T17:49:00.000+05:302008-02-19T17:49:00.000+05:30रचना मे उतार - चढाव होता रहता है |यह रचना विशेष तो...रचना मे उतार - चढाव होता रहता है |<BR/>यह रचना विशेष तो नही लेकिन भाव तो अच्छे हैं ही |<BR/>इसके लिए बधाई |<BR/><BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-22912905178523136932008-02-19T17:39:00.000+05:302008-02-19T17:39:00.000+05:30एक बेहतरीन गीत देने के लिये बधाई. आनन्द आ गया.एक बेहतरीन गीत देने के लिये बधाई. आनन्द आ गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74753641750355811652008-02-19T17:30:00.000+05:302008-02-19T17:30:00.000+05:30मोहिंदर जी इक बार मुद के देखने की तमन्ना तो हमारी ...मोहिंदर जी इक बार मुद के देखने की तमन्ना तो हमारी भी थी,पर नयापन नही लगा तो चाह कर भी नही देख पाए,कविता सुंदर बन पड़ी है पर पाठक अब नए उपमान तलाशता है और खासकर आप जैसे लोगो से तो हक़ बनता है,सुंदर गीत के लिए बधाई.<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-56771058401638085462008-02-19T17:22:00.000+05:302008-02-19T17:22:00.000+05:30मोहिन्दर जीदिल के भाव सुन्दर रूप में व्यक्त हुए है...मोहिन्दर जी<BR/>दिल के भाव सुन्दर रूप में व्यक्त हुए हैं । <BR/>इक बार मुड के देख ले<BR/>सफ़र की तल्लखियां भुला<BR/>शम्मा आस की जला<BR/>खडा है कोई मोड पर<BR/>नजरें राह में बिछा<BR/>इक बार मुड के देख ले<BR/><BR/>बधाईशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-83568210733981201592008-02-19T16:36:00.000+05:302008-02-19T16:36:00.000+05:30आपकी अन्य कविताओं व रचनाओं के तुलनात्मक दृष्टिकोण ...आपकी अन्य कविताओं व रचनाओं के तुलनात्मक दृष्टिकोण से तो लेखनी कमतर प्रतीत हुई परंतु गायन के साथ देखा जाये तो मधुर गीत बनेगा..<BR/><BR/>अन्य से थोडा हटकर है..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-76293990908434731722008-02-19T14:14:00.000+05:302008-02-19T14:14:00.000+05:30madhur geet....madhur geet....Keerti Vaidyahttps://www.blogger.com/profile/01874727539434284858noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59714704530662632442008-02-19T14:07:00.000+05:302008-02-19T14:07:00.000+05:30इक बार मुड के देख लेसफ़र की तल्लखियां भुलाइक बार मु...इक बार मुड के देख ले<BR/>सफ़र की तल्लखियां भुला<BR/><BR/>इक बार मुड के देख ले<BR/>मंजिलों को तलाशता <BR/>है रुका हुआ एक रास्ता<BR/><BR/>गाये जाने पर इसे सुनने का अलग अनुभव होगा। अच्छी रचना..<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-60272303781082440172008-02-19T13:51:00.000+05:302008-02-19T13:51:00.000+05:30इक बार मुड के देख लेसफ़र की तल्लखियां भुलाशम्मा आस ...इक बार मुड के देख ले<BR/>सफ़र की तल्लखियां भुला<BR/>शम्मा आस की जला<BR/>खडा है कोई मोड पर<BR/>नजरें राह में बिछा<BR/>इक बार मुड के देख ले<BR/><BR/>सुंदर गीत .बधाईseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-60358631856449147762008-02-19T12:57:00.000+05:302008-02-19T12:57:00.000+05:30मोहिन्दर जी, अजय जी से सहमत हुँ। आपकी अन्य रचनाओं ...मोहिन्दर जी, अजय जी से सहमत हुँ। आपकी अन्य रचनाओं से कमजोर है यह।RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-77658947341230927812008-02-19T12:47:00.000+05:302008-02-19T12:47:00.000+05:30’इक बार मुड़ के देख ले’ मगर यहाँ तो सब देखा हुआ लग ...’इक बार मुड़ के देख ले’ मगर यहाँ तो सब देखा हुआ लग रहा है. मोहिन्दर जी! पूरी रचना कहीं भी पाठक को बाँध नहीं पाती. प्रयुक्त सारे प्रतीक और बिंब पुराने हो चुके हैं. लयबद्धता के लिये कई भर्ती के शब्दों का प्रयोग खटकता है.<BR/>आशा है कि अगली बार फिर आप अपनी पुरानी रंगत में नज़र आयेंगे!SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-79676830027691620212008-02-19T12:34:00.000+05:302008-02-19T12:34:00.000+05:30ये लिखना भूल गए की जितनी खूबसूरत kavita hai saath ...ये लिखना भूल गए की जितनी खूबसूरत kavita hai saath juda chitra bhi utna hi khubsurat hai.mehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-86851473851105814242008-02-19T12:13:00.000+05:302008-02-19T12:13:00.000+05:30बहुत सुंदर बधाईबहुत सुंदर बधाईmehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-4534227869464966282008-02-19T11:52:00.000+05:302008-02-19T11:52:00.000+05:30इक बार मुड के देख लेसफ़र की तल्लखियां भुलाशम्मा आस ...इक बार मुड के देख ले<BR/>सफ़र की तल्लखियां भुला<BR/>शम्मा आस की जला<BR/>खडा है कोई मोड पर<BR/>नजरें राह में बिछा<BR/>इक बार मुड के देख ले<BR/><BR/>सुंदर गीत सुंदर भाव से सजा हुआ ..बहुत पसन्द आया .बधाई मोहिंदर जी !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.com