tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post7489109423897657301..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: सिगरेटशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62069770894584040842008-03-18T18:28:00.000+05:302008-03-18T18:28:00.000+05:30सजीव जी ,बहुत बहुत शुभकामनाएं सिगरेट छोड़ने पर और ...सजीव जी ,बहुत बहुत शुभकामनाएं सिगरेट छोड़ने पर और उसके पीने से होने वाले नुकसान बताने वाली कविता लिखने के लिए !मेरी कोशिश रहेगी की में ये कविता नो स्मोकिंग डे पर होने वाली सेमिनार में इसको डिस्पले करूं और राजीव गांधी अस्पताल में भी और ईम्स में भी इसके पोस्टर बनवा कर भेजूं !ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के लिए धन्यवाद !shivanihttps://www.blogger.com/profile/12442995596648165021noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-20346153763993952772008-03-15T21:20:00.000+05:302008-03-15T21:20:00.000+05:30इस बार का आपका लेखन बहुत पसंद आया। मैंने आपमें तेव...इस बार का आपका लेखन बहुत पसंद आया। मैंने आपमें तेवर हमेशा देखा है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34518377487242867512008-03-15T17:56:00.000+05:302008-03-15T17:56:00.000+05:30achcha kaam kiya tumne dil ko chooti kavitaachcha kaam kiya tumne dil ko chooti kavitaManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64407942324522809752008-03-14T21:06:00.000+05:302008-03-14T21:06:00.000+05:30बहुत सुंदर बधाई cigg se alvida kehne ke liye.बहुत सुंदर बधाई cigg se alvida kehne ke liye.mehekhttps://www.blogger.com/profile/09699913237708970128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-8476870117950672302008-03-14T20:39:00.000+05:302008-03-14T20:39:00.000+05:30अंत अच्छा लगा पर अब समय है विदा कहने का,धुवें के ल...अंत अच्छा लगा <BR/>पर अब समय है विदा कहने का,<BR/>धुवें के लंबे कश अब और नही, <BR/>अलविदा.... सिगरेट ....अलविदा...anjuhttps://www.blogger.com/profile/05253751080116301279noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-12423046732186991202008-03-14T20:04:00.000+05:302008-03-14T20:04:00.000+05:30संजीवजी अपनी कमजोरी पर विजय प्राप्त करना ही आपको व...संजीवजी <BR/>अपनी कमजोरी पर विजय प्राप्त करना ही आपको विजेता बनाता है. माध्यम आपकी बिटिया बनी है तो आप अपनी इच्छा-शक्ति को विचलित न होने दीजियेगा. आपको शुभ कामना .<BR/>अलका मधुसूदन पटेलGyaana-Alka Madhusoodan Patelhttps://www.blogger.com/profile/13177952733157767138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-3606457205976949072008-03-14T20:01:00.000+05:302008-03-14T20:01:00.000+05:30आपकी इमानदारी के हम कायल हो गए,खैर,इस अछे गुण को छ...आपकी इमानदारी के हम कायल हो गए,खैर,इस अछे गुण को छोड़ने के लिए बधाई. हा हा हा ..............<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-30233763494418154272008-03-14T17:29:00.000+05:302008-03-14T17:29:00.000+05:30बधाई अच्छी रचना और सिगरेट छोड़ने के लिए |अवनीश तिव...बधाई अच्छी रचना और सिगरेट छोड़ने के लिए |<BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-83103514298431013422008-03-14T16:04:00.000+05:302008-03-14T16:04:00.000+05:30kya khuboo likha hai.kya khuboo likha hai.neshhttps://www.blogger.com/profile/07644531352581674569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-10514649960087635872008-03-14T15:33:00.000+05:302008-03-14T15:33:00.000+05:30सजीव जीक्या बात है. बधाई टू बिटिया को मिलनी चाहिए ...सजीव जी<BR/>क्या बात है. बधाई टू बिटिया को मिलनी चाहिए . -<BR/>इतनी बुरी भी नही है शायद ...<BR/>फैंक आया हूँ यही सोच कर अब -<BR/>भरी हुई एश ट्रे, डस्ट बिन में,<BR/>शुक्रिया सिगरेट, तेरह सालों के साथ का,<BR/>पर अब समय है विदा कहने का,<BR/>धुवें के लंबे कश अब और नही, <BR/>अलविदा.... सिगरेट ....अलविदा...<BR/>आशा है और मित्र भी सिगरेट को अलविदा कर देंगे . बधाईशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-5241203220672353812008-03-14T15:16:00.000+05:302008-03-14T15:16:00.000+05:30सजीव जी!चलिए देर आये दुरूस्त आये।पर.......धुवें के...सजीव जी!<BR/><BR/>चलिए देर आये दुरूस्त आये।<BR/><BR/>पर.......<BR/>धुवें के छल्ले जैसे, <BR/>कुछ दर्द भी बाँध ले जाते थे, साथ अपने,<BR/><BR/><BR/>तो भईया जो सिगरेट आपका कुछ दर्द मिटा देने के लिए खुद मिट जाती थी, <BR/>वो क्या सोचेगी आपके बारे में............<BR/><BR/>खैर.....<BR/>दुआ करूंगा आप अपने फैसले पर मजबूत रहें और बाकी भाई लोग भी आपसे सीखें।मनीष वंदेमातरम्https://www.blogger.com/profile/10208638360946900025noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74260735439759713582008-03-14T15:15:00.000+05:302008-03-14T15:15:00.000+05:30सर्व प्रथम टू आपको सिगरेट छोड़ने पर बधाई और आप अपन...सर्व प्रथम टू आपको सिगरेट छोड़ने पर बधाई और आप अपने इस फैसले पर अटल रहे ,यही शुभकामना है , काश सभी ऐसा सोचने लगे तो आधी बीमारियाँ तो वैसे ही ख़त्म हो जाएँ |आपकी कविता मी पोरी इमानदारी झलकती है ...सीमाseema sachdevahttps://www.blogger.com/profile/15533434551981989302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-12878174231385852872008-03-14T14:25:00.000+05:302008-03-14T14:25:00.000+05:30पूर्वार्द्ध बहुत अच्छा है। संदेश देने हों तो थोड़ा ...पूर्वार्द्ध बहुत अच्छा है। संदेश देने हों तो थोड़ा घुमा फिरा कर दिए जाएं तो ज्यादा कारगर होते हैं।<BR/>सीधे नहीं कहना था कि सिगरेट फेंक दिया।<BR/>break up की बधाई :)<BR/>सच में ईमानदार रचनागौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-58045400772907600132008-03-14T13:13:00.000+05:302008-03-14T13:13:00.000+05:30शुरुआत बेहद खूबसूरत है पढ़ते पढ़ते लगा की संदेश आ...शुरुआत बेहद खूबसूरत है पढ़ते पढ़ते लगा की संदेश आप किसी दूसरे अंदाज मे देंगे .....पर फ़िर भी सिगरेट पर लिखी ये रचना अच्छी लगी........डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-66879256046559850352008-03-14T12:29:00.000+05:302008-03-14T12:29:00.000+05:30काश सब आपकी तरह सोच पाते।काश सब आपकी तरह सोच पाते।anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85508990839148255222008-03-14T10:59:00.000+05:302008-03-14T10:59:00.000+05:30बडी ही ईमानदार रचना..*** राजीव रंजन प्रसादबडी ही ईमानदार रचना..<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82909977242078041342008-03-14T10:36:00.000+05:302008-03-14T10:36:00.000+05:30एक भुक्तभोगी ही ऐसा दर्द बयां कर सकता था . आपने बह...एक भुक्तभोगी ही ऐसा दर्द बयां कर सकता था . आपने बहुत अच्छे तरीके से मन के विचार रखे है . पर क्या सचमुच आपने १३ साल बाद सिगरेट छोड़ दी. अगर ऐसा है तो बधाई हो आपको.AMIT ARUN SAHUhttps://www.blogger.com/profile/03524891426021398604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55042903940698175162008-03-14T10:07:00.000+05:302008-03-14T10:07:00.000+05:30वाह सजीव जी बहुत खूब ...सबसे पहले बधाई इस बात की क...वाह सजीव जी बहुत खूब ...सबसे पहले बधाई इस बात की कि आपने सिगरेट छोड़ दी हैं ... :) सच को कहती यह रचना अच्छी लगी आपकी ..अब बाकी सिगरेट पीने वाले भी इस से सबक ले तो अच्छा है :)!!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1677987750644390292008-03-14T09:38:00.000+05:302008-03-14T09:38:00.000+05:30जिंदगी.... इतनी बुरी भी नही है शायद ...फैंक आया हू...जिंदगी.... <BR/>इतनी बुरी भी नही है शायद ...<BR/>फैंक आया हूँ यही सोच कर अब -<BR/>भरी हुई एश ट्रे, डस्ट बिन में,<BR/>शुक्रिया सिगरेट, तेरह सालों के साथ का,<BR/>पर अब समय है विदा कहने का,<BR/>धुवें के लंबे कश अब और नही, <BR/>अलविदा.... सिगरेट ....अलविदा...<BR/>" एक सच जिसे जानते तो सब हैं , पर फ़िर भी अपनाते नही, आपकी रचना ने जो सिगरेट का एक घीनोना रूप उजागर किया है, काश उसको सब समझ पाएं और उसका भी अंत ऐसा ही हो जो आपने कहा है, उपयोगी अच्छी रचना" <BR/><BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.com