tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post7162811300849633723..comments2024-03-09T13:57:59.872+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: भारतीय बनेंशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-25974557014937378932008-05-20T22:10:00.000+05:302008-05-20T22:10:00.000+05:30विनती है 'भारत' काभारत में भारतीय बनें ,भावात्मक ए...विनती है 'भारत' का<BR/>भारत में भारतीय बनें ,<BR/>भावात्मक एकता को बनाए रखें ,<BR/>प्रेम , अहिंसा के मार्ग पर बढ़कर<BR/>विश्व शान्ति के लिए मंगल कामना करें<BR/>बहुत सुंदरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39300854263029642852008-05-20T11:26:00.000+05:302008-05-20T11:26:00.000+05:30बार बार यही बातें दोहराई जाती है लेकिन प्रभाव कही ...बार बार यही बातें दोहराई जाती है लेकिन प्रभाव कही नही दिखता ,आपने भी कहने का प्रयास किया उसमे आकर्षण नही हैसीमा सचदेवhttps://www.blogger.com/profile/04082447894548336370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-33156756683721891302008-05-19T23:40:00.000+05:302008-05-19T23:40:00.000+05:30उपदेशात्मक कविताएं अक्सर किसी को पसंद नहीं आतीं।बा...उपदेशात्मक कविताएं अक्सर किसी को पसंद नहीं आतीं।<BR/>बात बहुत बार कही जा चुकी है, कहना ही था तो बेहतर तरीके से कहा जाना चाहिए था।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-52700282917961871242008-05-19T19:44:00.000+05:302008-05-19T19:44:00.000+05:30सुनीता जी , बहुत ही देश प्रेम भरे भावों के साथ लिख...सुनीता जी , <BR/>बहुत ही देश प्रेम भरे भावों के साथ लिखी गयी रचना अच्छी लगी , परन्तु इसमें कविता का प्रवाह नहीं दिखा , प्रथम पंक्तियाँ प्रभावित करती हैं <BR/><BR/>जब भूकंप ने उत्पात मचाया था ,<BR/>सामुद्रिक तूफ़ान ने तबाही मचाई थी , <BR/>सुनामी ने कहर बरसाया था ,<BR/>तबाही के इस मंजर में <BR/>किसी ने यह न पूछा था <BR/>तेरा धर्म क्या है <BR/><BR/>शुभकामनाएं<BR/>^^पूजा अनिलPooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-72190022215626475882008-05-19T18:11:00.000+05:302008-05-19T18:11:00.000+05:30खूबसूरतखूबसूरतKavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84991458817353958592008-05-19T17:19:00.000+05:302008-05-19T17:19:00.000+05:30सुनाता जी,रचना अपनी बात कह पाने में सक्षम है तथापि...सुनाता जी,<BR/><BR/>रचना अपनी बात कह पाने में सक्षम है तथापि काव्यात्मकता बहुत प्रभावी नहीं बन पडी है अपितु एक ही बात को कहने के लिये विश्लेषण की कोशिश नें संभाषण बना दिया है।<BR/><BR/>***राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57758287914835367042008-05-19T14:22:00.000+05:302008-05-19T14:22:00.000+05:30विनती है 'भारत' काभारत में भारतीय बनें ,भावात्मक ए...विनती है 'भारत' का<BR/>भारत में भारतीय बनें ,<BR/>भावात्मक एकता को बनाए रखें ,<BR/>प्रेम , अहिंसा के मार्ग पर बढ़कर<BR/>विश्व शान्ति के लिए मंगल कामना करें<BR/>विश्व शान्ति के लिए मंगल कामना करें ..<BR/><BR/>बहुत खूब लिखा है सुनीता जी ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-27118805545676237772008-05-19T11:59:00.000+05:302008-05-19T11:59:00.000+05:30अच्छी कविता है. भारतीय बनें, बहुत सुंदर बात है. पर...अच्छी कविता है. भारतीय बनें, बहुत सुंदर बात है. पर भारतीय बनने की शुरुआत कहाँ से होगी, जरा इस पर भी प्रकाश डालें.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-22483981855478005802008-05-19T08:50:00.000+05:302008-05-19T08:50:00.000+05:30तबाही के इस मंजर में किसी ने यह न पूछा था तेरा धर्...तबाही के इस मंजर में <BR/>किसी ने यह न पूछा था <BR/>तेरा धर्म क्या है <BR/><BR/>अवनीश जी, मेरे विचार से<BR/>कवि शब्दों का प्रयोग प्रचलित अर्थों में करता है<BR/> यहां हिन्दू-मुसलमान के अर्थ में भी<BR/>धर्म शब्द बराबर है । दार्शनिक अर्थ में अवश्य धर्म<BR/>व सम्प्रदाय को अलग किया जा सकता हैHariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-37258094809149481062008-05-18T23:52:00.000+05:302008-05-18T23:52:00.000+05:30पहले छंद की इन पंक्तियों मे - किसी ने यह न पूछा ...पहले छंद की इन पंक्तियों मे - <BR/>किसी ने यह न पूछा था <BR/>तेरा धर्म क्या है <BR/><BR/>यदि धर्म के स्थान पर सम्प्रदाय शब्द हो तो कैसा होगा ?<BR/><BR/>रचना दमदार है | सन्दर्भ सुंदर है |<BR/><BR/>-- अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.com