tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post6807844525761419477..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: ग़ज़ल आने वाले समय की हिंदी कविता है, आने वाले समय के मीर और गालिब हिंदी से ही आयेंगेंशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-5284137254455955652008-11-05T22:17:00.000+05:302008-11-05T22:17:00.000+05:30"ग़ज़ल आने वाले समय की हिंदी कविता है, आने वाले सम..."ग़ज़ल आने वाले समय की हिंदी कविता है, आने वाले समय के मीर और गालिब हिंदी से ही आयेंगें"<BR/>sach kha subir ji aapne.हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74435567912955781112008-11-05T18:25:00.000+05:302008-11-05T18:25:00.000+05:30पंकजी को दुबारा आने के लिए धन्यवाद |हिंद युग्म और ...पंकजी को दुबारा आने के लिए धन्यवाद |<BR/>हिंद युग्म और शैलेश को भी |<BR/><BR/>इसबार का सफर लंबा और कामयाब रहे ऐसी शुभकामनाएं <BR/><BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-73205038686844319592008-11-05T00:03:00.000+05:302008-11-05T00:03:00.000+05:30एक सवाल. क्या कारण है कि दुष्यंत के अलावा किसी हि...एक सवाल. क्या कारण है कि दुष्यंत के अलावा किसी हिन्दी ग़ज़ल कार के श'एर आम बोलचाल या भाषण इत्यादि के बीच उद्धृत नही होते हैं <BR/>मुहम्मद अहसनAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-40050048526029972212008-11-05T00:00:00.000+05:302008-11-05T00:00:00.000+05:30गुरू जी,अच्छा है जो क्लास फ़िर शुरू हुई। मेरे जैसे ...गुरू जी,<BR/>अच्छा है जो क्लास फ़िर शुरू हुई। मेरे जैसे अनाड़ियों के लिये रिवीजन जरूरी था।रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43050374987354647032008-11-04T23:08:00.000+05:302008-11-04T23:08:00.000+05:30गुरू जी,आप बस शुरु कीजिये.. अब इंतज़ार मुश्किल हो र...गुरू जी,<BR/>आप बस शुरु कीजिये.. अब इंतज़ार मुश्किल हो रहा है...तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34291710638076684162008-11-04T22:17:00.000+05:302008-11-04T22:17:00.000+05:30गुरु जी प्रणाम !पिछली बार की कक्षाओं की posts पिछ...गुरु जी प्रणाम !<BR/><BR/>पिछली बार की कक्षाओं की posts पिछले दो-चार दिनों में पढी ... बहुत सारे सवाल अभी से हैं ... लेकिन आप की अब की कक्षाओं के आधार पर फिर से शुरू कर रहा हूँ. बिल्कुल ही अनाड़ी हूँ .... मात्राओं को पढने / गिनने से शुरू करना है .... लेकिन करना है ..... <BR/><BR/>जैसे मन की कोई मुराद पूरी हो रही हो ...अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80061211876947159622008-11-04T22:05:00.000+05:302008-11-04T22:05:00.000+05:30सर,सादर प्रणाम ,जैसा की आज हमारी बात हो ही रही थी,...सर,<BR/>सादर प्रणाम ,<BR/>जैसा की आज हमारी बात हो ही रही थी,और मुझे आप समझा रहे थे के अरबी और फारसी से मेरे ग़ज़ल के प्रवाह में थोड़ा सा प्रॉब्लम आरहा है और आज सुबह ही आपने मुझे कहा था की अगला ग़ज़ल का मीर या गालिब हिन्दी से ही पैदा होगा ...<BR/>मैं उमीद करता हूँ के आपका प्यार और आशीर्वाद मेरे ऊपर बना रहेगा और मैं अच्छा लिखने के लायक बन पाउँगा या मुझे लोग पसंद करेंगे..<BR/><BR/>आपका विनीत ,<BR/>अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17183557836720615632008-11-04T21:46:00.000+05:302008-11-04T21:46:00.000+05:30सप्ताह के बस दो दिन....बुहुहुहुहुहुहुहुहुहु!!!!!इत...सप्ताह के बस दो दिन....बुहुहुहुहुहुहुहुहुहु!!!!!<BR/>इतने सारे शक-सवाल हैं-लेकिन गुरू जी जैसा कि आपने कहा है ये तो धैर्य का काम है.धिमी आँच पर धिरे-धिरे पकाया जाने लायक.<BR/>शुक्र है हिन्दी-युग्म वालों.गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-47589022408160848342008-11-04T20:56:00.000+05:302008-11-04T20:56:00.000+05:30हिंदी और गज़ल के बीच जो बास्ता है वो आपने बड़े ही ...हिंदी और गज़ल के बीच जो बास्ता है वो आपने बड़े ही प्यारे और एक खूबसूरत अंदाज़ मे बताया ,जो मुझे काफी पसंद आया !<BR/>खैर हिंदी युग्म पर नापसंद जैसा तो कुछ भी नहीं है !अनमोल तहों से बाकिफ कराने के लिए <BR/>शुक्रिया<BR/>संजय सेन सागरNews4Nationhttps://www.blogger.com/profile/13760067539334792762noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-32296206095801098972008-11-04T20:35:00.000+05:302008-11-04T20:35:00.000+05:30धन्यवाद सर , आप आए ........मै क्या कहूँ ,मेरे पास ...धन्यवाद सर , आप आए ........<BR/>मै क्या कहूँ ,मेरे पास तो शब्द ही नही है कि कैसे अपनी खुशी जाहिर करूँ............<BR/>अगली क्लास का इंतज़ार रहेंगा.......<BR/>" आप आए तो हिन्दयुग्म पर बहार आ गई "<BR/> अमित अरुण साहूAMIT ARUN SAHUhttps://www.blogger.com/profile/03524891426021398604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82693270883470676212008-11-04T19:22:00.000+05:302008-11-04T19:22:00.000+05:30गुरू जी, मेरा होमवर्क भी जाँच लें ...प्लीज :)लगी ह...गुरू जी, <BR/>मेरा होमवर्क भी जाँच लें ...प्लीज :)<BR/><BR/><B>लगी है कक्षा बेहतरीन ग़जलकारी की।<BR/>ग़जल है कहनी,बने का़फिया पिचकारी की॥<BR/><BR/>गुरू सुबीर सिखाया किए कानून-ए-मतला।<BR/>औ रुक्न,वज़्न,व मिसरे की कलमकारी की॥<BR/><BR/>चुना जो काफिया - रदीफ़ अपने मतले में।<BR/>शेर- दर- शेर निभा लेने की फनकारी की॥<BR/><BR/>लिखा किए थे जो कविता बना के तुकबन्दी।<BR/>कसेंगे उसको कसौटी कसीदाकारी की॥<BR/><BR/>हुए शागिर्द तो कह डालो भी मक्ता-ए-ग़जल।<BR/>तूने <A>‘सिद्धार्थ’</A> अजब सी ये अदाकारी की॥</B>सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-13644281605911365342008-11-04T19:11:00.000+05:302008-11-04T19:11:00.000+05:30गुरु जी प्रणामजब आपने यहाँ पर क्लास बंद की थी तो म...गुरु जी प्रणाम<BR/><BR/>जब आपने यहाँ पर क्लास बंद की थी तो मेरे पास कई सवाल थे जिनका कोई जवाब मुझे सूझ नही रहा था और वो कुछ दिन कितनी बेचैनी भरे थे मेरे सिवा और कौन जान सकता है <BR/>और फ़िर आपके ब्लॉग जब मिला तो ही मन शांत हो पाया था ये क्लास जो आप यहाँ पर चलायेगे मेरे लिए भी काफी लाभदायक होगी क्योकि मैंने आपके ब्लॉग की क्लास बहुत जल्दी में पूरी की थी १ साल की क्लास लगभग १० दिन में सो मेरे लिए तो ये एक अच्छा रिविज़न होगा <BR/><BR/>क्लास शुरू होने के इंतज़ार में <BR/>आपका वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-68062689324622696832008-11-04T16:11:00.000+05:302008-11-04T16:11:00.000+05:30नमस्कार गुरु जी,अब सप्ताह के दो दिनों का बेसब्री स...नमस्कार गुरु जी,<BR/>अब सप्ताह के दो दिनों का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा.Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-18647600492370385602008-11-04T13:19:00.000+05:302008-11-04T13:19:00.000+05:30"समय से जूझिये यूं जाइये मत,गवाही दीजिये तुतलाइये ..."समय से जूझिये यूं जाइये मत,<BR/>गवाही दीजिये तुतलाइये मत'' <BR/>सुभान अल्लाह...अब आप यहाँ आ गए हैं समझिये जानकारी का खजाना हाथ लग जाएगा और प्रसाद स्वरुप ऐसे नायाब शेर पढने को मिलेंगे सो अलग. अपनी तो लाटरी लग गई समझिये...ज़हे-नसीब जो आप आए.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57036698901999215252008-11-04T12:21:00.000+05:302008-11-04T12:21:00.000+05:30गुरू जी,मैने रेडियो पर कुछ गज़ले ऐसी सुनी है जिनका ...गुरू जी,<BR/>मैने रेडियो पर कुछ गज़ले ऐसी सुनी है जिनका रदीफ एक होने से एक गजल सुनते ही दूसरी दिमाग मे घूमने लगती है<BR/>उदाहरणः <BR/>गजल-रहे ईश्क की इंतहा चाहता हूँ,<BR/> जुनूं सा कोई रहनुमा चाहता हूँ.<BR/><BR/>दूसरी- तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ ये दूसरा शायद गीत है और <BR/>एक याद नही आ रही वो भी कुछ ऐसी ही है<BR/><BR/>इसलिए रदीफ चुनते हुए दिक्कत आ रही है<BR/>सुमित भारद्वाजUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38446281376989990252008-11-04T12:10:00.000+05:302008-11-04T12:10:00.000+05:30गुरू जीशुक्रवार की कक्षा का इंतजार रहेगागुरू जी<BR/>शुक्रवार की कक्षा का इंतजार रहेगाUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.com