tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post6588442651642162375..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानीशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-12729212372509616362009-09-22T16:53:06.042+05:302009-09-22T16:53:06.042+05:30achchhi gazal......achchhi gazal......Sunil Kumar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/15639062857964077724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-25640937647910290062009-08-16T16:56:45.757+05:302009-08-16T16:56:45.757+05:30मनु जी आपकी shayeri का जवाब नहीं, सबसे अच्छी बात ...मनु जी आपकी shayeri का जवाब नहीं, सबसे अच्छी बात जो मुझे लगती है वो है रवानी. हर शे'र अपनी रवानी में होता है.<br /><br />शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानी<br />दवा का काम कभी ज़हर से निकाला हैShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-42580686310073145522009-08-10T18:43:46.655+05:302009-08-10T18:43:46.655+05:30सब ने इतनी तारीफ लिखा दी की मेरे लिए कुछ बचा ही नह...सब ने इतनी तारीफ लिखा दी की मेरे लिए कुछ बचा ही नही <br />फिर भी अपनी पसंद का शे'र बताना तो पडेगा ही <br />तेरी जफ़ायें है इल्मे-इलाहियात मुझे<br />तेरा ख्याल, मेरी रूह का उजाला है<br />सलाम स्वीकारे (हिंदी उर्दू का इससे बढ़िया मेल क्या होगा ) <br />सादरVinaykant Joshihttps://www.blogger.com/profile/05111242447033341492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-21791171091287500392009-08-10T17:02:31.765+05:302009-08-10T17:02:31.765+05:30वफ़ा ने टूट कर यूं अपना दिल सम्भाला है
बहुत ही सु...वफ़ा ने टूट कर यूं अपना दिल सम्भाला है<br /><br />बहुत ही सुन्दर हर शेर लाजवाब आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59386473320645279902009-08-10T10:32:48.410+05:302009-08-10T10:32:48.410+05:30manu ji, kamaal kar ditaa, waah waah .....
किये सव...manu ji, kamaal kar ditaa, waah waah .....<br />किये सवाल जो खुद से तो पाया है अक्सर<br />के मैंने खुद को अजब कशमकश में डाला है<br />Surinder RattiSURINDER RATTIhttps://www.blogger.com/profile/16463726937474940326noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62966420975941333552009-08-08T22:26:51.636+05:302009-08-08T22:26:51.636+05:30अरे कहीं कुछ नहीं अटक रहा है बेतखल्लुस साब...हम तो...अरे कहीं कुछ नहीं अटक रहा है बेतखल्लुस साब...हम तो बस आपके साथ खिंचाई कर रहे थे...मुझे लगा कि कमेंट पढ़ते ही आपका फोन आयेगा...मैंने तो उसे बकायदा धुन में गा कर पढ़ा था...और जहाँ तक ’शमा’ की बात है तो याद है एक दिन आपने ही कहा था कि हम और आप ग़ज़ल वाले हैं न कि हिंदी-उर्दू वाले। प्रचलित उच्चारण शमा का है वो बिल्कुल सही बैठ रहा है धुन पर...<br /><br />और ये आखिरी शेर मेरे लिये है क्या?<br />हा!हा!! मजाक कर रहा हूँ हुजूरssssssss...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-81509349454624204762009-08-08T21:40:31.989+05:302009-08-08T21:40:31.989+05:30शुक्रिया मेजर साहिब,,,
एक जगह पे अटका लगा...और वो ...शुक्रिया मेजर साहिब,,,<br />एक जगह पे अटका लगा...और वो शब्द के सही और आम उच्चारण के कारण..<br />हम शमा शब्द का आम तौर पे प्रयोग करते हैं जब की सही शब्द शम्म'अ है,,,<br /><br />कभी दी शम्म'अ को तूफ़ान की निगहबानी...<br />ऐसे कर सकते हैं....तो शमा का सही उच्चारण आ जाएगा...शम्म'अ..<br /><br />इसके अलावा और क्या खटका है .... कृपया मेरी मदद करें ढूँढने में...<br />हमें तो बस वो जहानारा की गजल पे पता है<br />किसी की याद में दुनिया को हैं भुलाए हुए...<br />:)<br />एक बार फिर आपका आभार...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55658942301735553512009-08-08T16:16:01.759+05:302009-08-08T16:16:01.759+05:30मनु जी,
हेड लाइन पढ़ कर आपकी ग़ज़ल होने का भ्रम हुआ...मनु जी,<br />हेड लाइन पढ़ कर आपकी ग़ज़ल होने का भ्रम हुआ था , और जब यह भ्रम सच निकला तो बहुत ख़ुशी हुई. <br /><br />सिर्फ अच्छी है......., बहुत अच्छी है....., कह देना आपकी ग़ज़ल के साथ अन्याय होगा.... पर मुश्किल यह है कि आपकी ग़ज़ल के सामने कोई तारीफ़ के लायक शब्द मिल नहीं रहे ....अब हमारी मुश्किल समझ जाइए और मुबारकबाद कुबूल कीजिये :)Pooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57265961337544513812009-08-08T12:57:06.832+05:302009-08-08T12:57:06.832+05:30मनु जी...
बंधू क्या अच्छी ग़ज़ल कही है... इतने लोग...मनु जी...<br />बंधू क्या अच्छी ग़ज़ल कही है... इतने लोगों की प्रतिक्रियीएं इस बात की गवाह हैं कि ये लोगों के दिलों तक घर करने में भी कामयाब रही... अल्लाह करे ज़ोरे क़लम और ज़ियादा...<br />नाज़िम नक़वीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-3353309247055554582009-08-08T11:54:42.690+05:302009-08-08T11:54:42.690+05:30वफ़ा ने टूट कर यूं अपना दिल सम्भाला है
ग़ज़ल में ज...वफ़ा ने टूट कर यूं अपना दिल सम्भाला है<br />ग़ज़ल में जब भी तेरा अक्स मैंने ढाला है<br /><br /><br />उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी<br />वो एक ख्वाब जो मैंने नज़र में पाला है<br /><br />bahot khoob ,behad umdaneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-41661897623621567202009-08-08T09:49:29.545+05:302009-08-08T09:49:29.545+05:30manu saheb,
main ne t'areef mein jaan nikaal d...manu saheb,<br />main ne t'areef mein jaan nikaal di aur aap shukriya ada karain ge itni kanjoosi se. waah janaab. aaendah se main bhi t'areef mein kanjoosi karron ga, soch lijiye!<br /><br />shaaer mere dil ko wasii'a kar zara<br />shukr mein na bukhl se kaam le abhi <br />- mohammad ahsanmohammad ahsannoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-30906717697041143952009-08-08T09:04:14.378+05:302009-08-08T09:04:14.378+05:30ओह गोड़,,,,,,,,,
मेजर साहिब,
अब इस का पोस्टमार्टम ...ओह गोड़,,,,,,,,,<br />मेजर साहिब,<br />अब इस का पोस्टमार्टम करके देखना पडेगा,,,,,,???????????<br /><br />सभी दोस्तों का बहुत बहुत शुक्रिया...<br />न सिर्फ गजल को पसंद करने के लिए....बल्कि मुझ पर अपना स्नेह बनाए रखने के लिए..<br />एक बार फिर से आभार...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-6764211829438215472009-08-08T08:52:40.045+05:302009-08-08T08:52:40.045+05:30"तेरा ख्याल, मेरी रूह का उजाला है"
ये मि..."तेरा ख्याल, मेरी रूह का उजाला है"<br />ये मिस्रा मेरा हुआ मनु जी। कल देर रात गये की बातचीत...और ये लिंक न मिलता तो कुछ खूबसूरत शेरों से वंचित ही रह जाता मैं तो।<br /><br />"वो इत्मीनान से मुझको हलाक कर के गया/जिसे मैं समझा था, बंदा ये देखा-भाला है"- अहा !! और इस शिर्षक वाले शेर का तो कहना ही क्या। <br /><br />बहर कई जगह पर खटका-सा दे रहा है वैसे तो मुझे, शायद उस्ताद लोग ठीक से बता पायेंगे, लेकिन चंद मिस्रों ने दिल लूट लिया..गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-36445361893227004932009-08-08T08:16:18.396+05:302009-08-08T08:16:18.396+05:30मैं गजल पर टिप्पणी करते डरता हूँ -----मुझे यह विध...मैं गजल पर टिप्पणी करते डरता हूँ -----मुझे यह विधा बहुत कठिन लगती है----<br />डरता हूँ कि कहीं फाइलातून-फाइलातून समझ कर तारीफ कर दिया और तभी कोई अफलातून प्रकट हो कहने लगा-<br />फाइलातून-फाइलातून नहीं यह तो मफाइलातून -मफाइलातून है किस मूरख ने तारीफ कर दी ---<br />--मगर मनु जी आप की गजलों ने मुझे इतना प्रभावित किया कि सब भय त्याग कर यहाँ लिखने आ गया।<br />ईश्वर आपकी लेखनी को धार और पाठकों का भरपूर प्यार दे। <br />--बधाई स्वीकारें।<br />-देवेन्द्र पाण्डेय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84830172533974736112009-08-08T05:02:05.351+05:302009-08-08T05:02:05.351+05:30मनु जी,
ये आप क्या कर रहे हैं? हिन्दयुग्म पर आपने ...मनु जी,<br />ये आप क्या कर रहे हैं? हिन्दयुग्म पर आपने अपनी नायाब गज़लों से तहलका मचा रखा है आजकल. एक से एक बढ़कर.....आये दिन.....वाह! वाह! <br /><br />तेरी जफ़ायें है इल्मे-इलाहियात मुझे<br />तेरा ख्याल, मेरी रूह का उजाला है<br /><br />लाजबाब! Superb!<br /><br />तारीफ़ में इसकी मैं क्या क्या न कहूं <br />आपकी ग़ज़ल तो शर्बत का इक प्याला हैं.Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-22217694557654039962009-08-08T04:01:54.253+05:302009-08-08T04:01:54.253+05:30शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानी
दवा का काम कभी ज...शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानी<br />दवा का काम कभी ज़हर से निकाला है...<br /><br />वाह..Akhileshhttps://www.blogger.com/profile/09641299718027515895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-28834899478246484552009-08-08T00:17:29.217+05:302009-08-08T00:17:29.217+05:30शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानी
दवा का काम कभी ज...शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानी<br />दवा का काम कभी ज़हर से निकाला है...<br /><br />वाह...मनु जी जबर्दस्त लिखते हो आप... मजा आ गया...तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-13277273629223350872009-08-07T23:32:28.248+05:302009-08-07T23:32:28.248+05:30बहुत सुंदर शब्द हैं गजल लेखन का ज्ञान मुझे नहीं है...बहुत सुंदर शब्द हैं गजल लेखन का ज्ञान मुझे नहीं है पर गीत गजल कविता मेरे लिए भावों की अभिव्यक्ति है. और आपकी गजल का एक एक भाव मन को छूने वाला है जीवन का अनुभव बताता है. आपकी यह पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी <br /><br />वो इत्मीनान से मुझको हलाक कर के गया<br />जिसे मैं समझा था, बंदा ये देखा-भाला है<br /><br />भला सा होता है यूं तो कलाम अपना भी<br />पर उनके कहने का अंदाज़ ही निराला है<br /><br />धन्यवाद इस सुंदर रचना के लिए<br />सादर<br />अमिताअमिताnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84176457359183089002009-08-07T22:57:38.262+05:302009-08-07T22:57:38.262+05:30किये सवाल जो खुद से तो पाया है अक्सर
के मैंने खुद ...किये सवाल जो खुद से तो पाया है अक्सर<br />के मैंने खुद को अजब कशमकश में डाला है<br /><br />बड़े भाई मनु जी नमस्कार आजकल आपके कलम से खुछ ज्यादा ही नायब उम्दा गज़लें कही जा रही है ये मुझे बहोत दूर से समाचार प्राप्त हुआ है ,,, मगर सिर्फ शे'र के बारे में अगर कहूँ तो हुजूर ये सिर्फ एक शे'र आपको ग़ज़ल के बुलंदियों पे पहुंचाने के लिए काफी है क्या खून कही है आपने जनाब... वाह मजा आगया कमाल है ये तो ...अब तो ऐसा लगता है के ग़ज़ल के आपके दिवानो के फेहरिस्त कम होती जायेंगी जब से दिवानियाँ बढेंगी .... बहोत बहोत बधाई मेरे तरफ से भी कुबूल की जाये क्यूँ जॉन...<br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55888994330758610492009-08-07T22:05:55.248+05:302009-08-07T22:05:55.248+05:30मनु जे मेरी उपर वली टिप्पणी पर मत गौर करें वो तो औ...मनु जे मेरी उपर वली टिप्पणी पर मत गौर करें वो तो औपचारिकतावश क दिया आपकी गज़ल पर तो मै कुछ भी नहीं कह सकती मुझे अभी गज़ल आती नहीं तो कहूँ क्या मगर भाव सारी गज़ल के दिल को छू गये मै तो बस आशीर्वाद ही दे सकती हूँ सो ढेरों आशीर्वाद हैंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62178960007671478592009-08-07T22:00:39.138+05:302009-08-07T22:00:39.138+05:30उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी
वो एक ख्वाब जो म...उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी<br />वो एक ख्वाब जो मैंने नज़र में पाला ह<br />लाजवाब बधाइनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-6202695297618701632009-08-07T21:49:14.789+05:302009-08-07T21:49:14.789+05:30अल्फाज़ ओ फ़न ओ लताफ़त, सभी तो हैं इस ग़ज़ल में ...अल्फाज़ ओ फ़न ओ लताफ़त, सभी तो हैं इस ग़ज़ल में <br /> लगता है शाएर ने रूह फूँक कर चश्मा ए सखुन निकाला हैmohammad ahsannoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-77827412024749199042009-08-07T21:26:54.291+05:302009-08-07T21:26:54.291+05:30उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी
वो एक ख्वाब जो म...उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी<br />वो एक ख्वाब जो मैंने नज़र में पाला है<br /><br />वो इत्मीनान से मुझको हलाक कर के गया<br />जिसे मैं समझा था, बंदा ये देखा-भाला है<br /><br />बहुत बढ़िया शेर हैं ... बधाई.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-29475136920459637472009-08-07T20:46:18.460+05:302009-08-07T20:46:18.460+05:30मनु जी,
बहुत ही अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। आज वाकई श...मनु जी,<br />बहुत ही अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। आज वाकई शमा को तूफ़ान की निगेहबानी की जरूरत है। बधाई।Satyaprasannahttps://www.blogger.com/profile/12174918340977781647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43951225927223822872009-08-07T20:44:56.503+05:302009-08-07T20:44:56.503+05:30उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी
वो एक ख्वाब जो म...उसी के टूटने बनने से है हयात मेरी<br />वो एक ख्वाब जो मैंने नज़र में पाला है<br /><br />शमा को दी कभी तूफ़ान की निगेहबानी<br />दवा का काम कभी ज़हर से निकाला है<br /><br />भला सा होता है यूं तो कलाम अपना भी<br />पर उनके कहने का अंदाज़ ही निराला है<br /><br />मनु जी... मनु जी ...<br />ये हैं लाजवाब शेर ..<br />सच में जीवन दर्शन को भी दर्शाते हुवे <br />Great !! Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.com