tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post6222585952274407995..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: शांति दूतशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-46571351638123292482009-02-23T20:13:00.000+05:302009-02-23T20:13:00.000+05:30कविता की ऑर बढ़ते कदम...पहली ठीक ठाक रचना के लिए ...कविता की ऑर <BR/>बढ़ते कदम...<BR/>पहली ठीक ठाक रचना के लिए <BR/>बधाई स्वीकार करें <BR/>वाकई अच्छा प्रयास....manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57056134790804813642009-02-23T18:12:00.000+05:302009-02-23T18:12:00.000+05:30बहुत अच्छा गुलशन जी, ये पंक्तियाँ वास्तव में पसंद ...बहुत अच्छा गुलशन जी, ये पंक्तियाँ वास्तव में पसंद आई : <BR/><BR/>लेकिन क्यों आज <BR/>दोनो पक्षों में से <BR/>किसी पक्ष से<BR/>मध्य में खड़ा होकर कोई योद्धा<BR/>अपने हथियार डालते हुए यह नहीं पूछता<BR/>कि शायद जो उधर खडा है वो मेरा अपना है<BR/>क्यों आज मध्य में खड़े किसी रथ पर <BR/>कोई कृष्ण किसी अर्जुन को<BR/>गीता का सन्देश नहीं देता<BR/><BR/>वैसे जो आचार्य जी ने कहा है उस पर भी ध्यान दें वैसे कविता बहुत अच्छी है .....Arun Mittal "Adbhut"https://www.blogger.com/profile/18192424604648383037noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-7362190837636959082009-02-23T15:19:00.000+05:302009-02-23T15:19:00.000+05:30अपने हथियार डालते हुए यह नहीं पूछताकि शायद जो उधर ...अपने हथियार डालते हुए यह नहीं पूछता<BR/>कि शायद जो उधर खडा है वो मेरा अपना है<BR/><BR/>गुलशन जी !!!!<BR/><BR/>वास्तव में आज भी कुछ प्रश्न अधूरे हैं उत्तर के अभाव में ..<BR/>दमदार,अर्थपूर्ण अद्भुत भाव !!!!<BR/><BR/>सादर !!! Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38204259527656450262009-02-23T15:18:00.000+05:302009-02-23T15:18:00.000+05:30हनुमान एवं अंगद श्री राम के शांति दूत बनकर लंका...हनुमान एवं अंगद श्री राम के शांति दूत बनकर लंका गए और असफल होकर लौटे थे. आपने दोनों को भुला दिया. <BR/><BR/>sanjivsalil.blogspot.comDivya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-30394051604041037332009-02-23T11:44:00.000+05:302009-02-23T11:44:00.000+05:30गुलशन जी,बहुत अच्छा रूपक लिया है. क्यों आज असम...गुलशन जी,<BR/>बहुत अच्छा रूपक लिया है. <BR/>क्यों आज असम्भव हो रहा है <BR/>यह निश्चित कर पाना <BR/>कि कौन सा पक्ष धरूँ<BR/>और कौन सा अधर्म करूँ? <BR/><BR/>गहरी सोच लिए प्रश्न है .<BR/>सुंदर रचना के लिए बधाई.संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com