tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post6148555543977197087..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: एक गीत एक पीड़ाशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-50057064579688355632008-12-03T17:07:00.000+05:302008-12-03T17:07:00.000+05:30धन्यवाद शोभा जी...मैं भी लेबर में शामिल हूँ आओ घर ...धन्यवाद शोभा जी...<BR/><BR/>मैं भी लेबर में शामिल हूँ <BR/>आओ घर बनाये<BR/>आओ घर बचाये..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-66751985812567895812008-11-30T17:30:00.000+05:302008-11-30T17:30:00.000+05:30रूदन और चीख ने हमको डराया, हमारी हर खुशी पर डर का ...रूदन और चीख ने हमको डराया, हमारी हर खुशी पर डर का साया<BR/>मैं डर सबका मिटाना चाहती हूँ, निडर सबको बनाना चाहती हूँ।<BR/><BR/>shobha ji dil se aabhaar aapka ,aise hi preratmak geeton ki <BR/>sabhi bhaaratwaasiyon ko jaroorat hai ,sanjiv ji aapke hausle ko bhi naman karti hoonneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-22502326543996278132008-11-30T08:04:00.000+05:302008-11-30T08:04:00.000+05:30ये तमन्ना शायद आज हर किसी देश प्रेमी की सब से बड़ी ...ये तमन्ना शायद आज हर किसी देश प्रेमी की सब से बड़ी जरूरत हैmanuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-10931055987915290452008-11-29T23:33:00.000+05:302008-11-29T23:33:00.000+05:30शोभा जी आप के सुर में सुर अपना मिलाना चाहती हूँ दर...शोभा जी <BR/>आप के सुर में सुर अपना मिलाना चाहती हूँ <BR/>दर्द के दरिया का रुख मोड़ना चाहती हूँ <BR/>बेसहारा हुई उम्मीद को सहारे का बल देना चाहती हूँ <BR/>आप की कविता पढ़ के निराश दिल में कुछ तो आशा का संचार हुआ है <BR/>सादर<BR/>रचनाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-89667382632717199062008-11-29T19:42:00.000+05:302008-11-29T19:42:00.000+05:30शोभाजी, यह दर्द एक आम आदमी का दर्द है | इश्वर उन्ह...शोभाजी, <BR/>यह दर्द एक आम आदमी का दर्द है |<BR/> इश्वर उन्हें सदबुद्धि दे जो आतंक की राह पर है |<BR/>.<BR/>जिंदगी हर बार जीती है <BR/>जिंदगी हर बार जीतेगी <BR/>.<BR/>एक पुराने गीत के बोल याद आ रहे है |<BR/>. <BR/>रात भर का है मेहमां अँधेरा <BR/>किस के रोके रुका है सवेरा <BR/>विनयVinaykant Joshihttps://www.blogger.com/profile/05111242447033341492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-86951720314027721172008-11-29T19:17:00.000+05:302008-11-29T19:17:00.000+05:30आँख नम होने न देंगे...फोड़ लो बम,चला लो गन.किंतु ह...आँख नम होने न देंगे...<BR/><BR/>फोड़ लो बम,<BR/>चला लो गन.<BR/>किंतु हम <BR/>होंगे न उन्मन.<BR/>शान्ति से <BR/>सब कुछ सहेंगे,<BR/>काल से <BR/>भी न डरेंगे. <BR/>एक्य कम होने न देंगे...<BR/><BR/>खून अपना <BR/>है न पानी.<BR/>कसम हमको <BR/>है भवानी.<BR/>अमन हम <BR/>कायम रखेंगे.<BR/>मौत को भी <BR/>हंस वरेंगे.<BR/>शान्ति हम खोने न देंगे...<BR/><BR/>असुर गण <BR/>शत बार आए. <BR/>हूण-शक <BR/>हमने भगाए.<BR/>हमें क्या<BR/>आतंक का भय?<BR/>हमसे भय<BR/>आतंक खाए.<BR/>चैन से सोने न देंगे...<BR/><BR/>अडिग द्रढ़ <BR/>संकल्प अपना.<BR/>सब सुखी हों<BR/>मन्त्र जपना.<BR/>करेंगे साकार <BR/>हम मिल-<BR/>शहीदों का<BR/>हरेक सपना.<BR/>देश को रोने न देंगे...<BR/><BR/>जग करे <BR/>विश्वास हम पर.<BR/>रखे कल भी <BR/>आस हम पर.<BR/>दिवाली के <BR/>दिए की सौं-<BR/>जयी होंगे<BR/>'सलिल' तम पर.<BR/>अन्य को बोने न देंगे...<BR/><BR/>सलिल.संजीव@जीमेल.कॉम<BR/>संजिव्सलिल.ब्लागस्पाट.कॉम<BR/>संजिव्सलिल.ब्लॉग.सीओ.इनDivya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.com