tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post599316241853907924..comments2024-03-09T13:57:59.872+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: हम मरेशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74067314693445143062011-04-26T17:34:02.413+05:302011-04-26T17:34:02.413+05:30Sahi hai..
Sabra tutne se hi to marta hai..kisi ne...Sahi hai..<br />Sabra tutne se hi to marta hai..kisi ne kha bhee hai..<br />Kuch log meri jindagi se tang aaye hue hain..hum hai ki jeene ki kasam khaye hue haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01868677755299734518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-51343802114458579692011-04-24T12:24:07.835+05:302011-04-24T12:24:07.835+05:30वाह , कविता खुद में ही कितने सवाल जवाब समेटे हुए ह...वाह , कविता खुद में ही कितने सवाल जवाब समेटे हुए है ...वाह कहते हुए मरे ...न तो और क्या करते ...सब्र की इन्तिहाँ जब हो जाती है तो आदमी खुद माहौल का हिस्सा बन कर जीने की कोशिश करने लगता है ...क्योंकि जिन्दगी इंसान की मजबूरी है , और जश्न के बिना जिया नहीं जाता , जैसे मरने के बाद चार काँधे चाहिए जीते जी भी तो चार काँधे चाहिए दिलासे के लिये ।शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-83024842753229754482011-04-24T08:07:50.639+05:302011-04-24T08:07:50.639+05:30बाहुत ठीक दिशा की अंतरदृष्टि है कवि की...पहले अपना...बाहुत ठीक दिशा की अंतरदृष्टि है कवि की...पहले अपना मारना दिखा है...अहम का मरण तो प्रतीक्षित है !! बधाई होSafarchandhttps://www.blogger.com/profile/15362905291830639168noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-48737831594115769542011-04-23T11:26:15.439+05:302011-04-23T11:26:15.439+05:30मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भ...मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,<br />हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।<br /><br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-3481608900042126002011-04-22T15:21:32.993+05:302011-04-22T15:21:32.993+05:30बहुत अच्छी अभिव्यक्तिबहुत अच्छी अभिव्यक्तिindianrjhttps://www.blogger.com/profile/16452757563692397750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34807154743944496592011-04-22T14:42:10.662+05:302011-04-22T14:42:10.662+05:30हुम्म, अच्छी कविता है। मुझे इस कविता की याद आ गई।
...हुम्म, अच्छी कविता है। मुझे इस कविता की याद आ गई।<br /><br />एक मरा हुआ आदमी घर में<br />एक सड़क पर<br />एक बेतहाशा॔ भागता किसी चीज़ की तलाश में<br /><br />एक मरा हुआ लालकिले से घोषणा करता<br />कि हम आज़ाद हैं<br />कुछ मरे हुए लोग तालियाँ पीटते<br />कुछ साथ मिलकर मनाते जश्न<br /><br />हद तो तब<br />जब एक मरा हुआ संसद में पहुँचा<br />और एक दूसरे मरे हुए पर एक ने जूते से किया हमला<br /><br />एक मरे हुए आदमी ने कई मरे हुए लोगों पर<br />एक कविता लिखी<br />और एक मरे हुए ने उसे पुरस्कार दिया<br /> <br />एक देश है जहाँ मरे हुए लोगों की मरे हुए लोगों पर हुकूमत<br />जहाँ हर रोज़ होती हज़ार से कई गुना अधिक मौतें<br /><br />अरे कोई मुझे उस देश से निकालो<br />कोई तो मुझे मरने से बचा लो|<br /><br />रचनाकार: विमलेश त्रिपाठी<br />---- कविता कोश से साभार‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59029776177692228022011-04-22T14:23:06.136+05:302011-04-22T14:23:06.136+05:30KAVITA ko VIPUL ki kavita pasand aai. keep it up.....KAVITA ko VIPUL ki kavita pasand aai. keep it up....Unknownhttps://www.blogger.com/profile/06102664478228237752noreply@blogger.com