tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post5926641500725251914..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: हर लम्हा एक विस्मयशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55188210195957436012007-07-27T00:25:00.000+05:302007-07-27T00:25:00.000+05:30अगर हर लम्हा चमत्कार और विस्मय है तो यह उपसंहार कव...अगर हर लम्हा चमत्कार और विस्मय है तो यह उपसंहार कविता के विस्तार में नहीं है। हाँ यह ज़रूर है कि हर लम्हा सत्य है, हर लम्हा सम्पूर्ण है, उसे ही जीना सीखो, यह ज्यादा सटीक होता। रचना संपादित करते वक़्त शब्दों की सटीकता जाँचनी चाहिए।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-22022919644476085052007-07-26T19:34:00.000+05:302007-07-26T19:34:00.000+05:30अदभुत..... अंत बहुत सटीक है.... समय को गुजरता देख ...अदभुत..... <BR/>अंत बहुत सटीक है.... <BR/>समय को गुजरता देख ख़ुशी महसूस करना मुश्किल है पर आपकी कविता इसका बोध कराती है........ <BR/>बधाइयाँAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-45720691566157681942007-07-26T17:18:00.000+05:302007-07-26T17:18:00.000+05:30आप सभी की टिप्पणियों के लिए धन्यवाद । धन्यवाद विका...आप सभी की टिप्पणियों के लिए धन्यवाद । <BR/><BR/>धन्यवाद विकास, मेरी कविता को अपनी आवाज़ के साथ एक नया और सुंदर रूप देने के लिए :) <BR/><BR/>यहाँ मैंने और भी कुछ लिखा है इस कविता के बारे में : http://lalpili.blogspot.com/2007/07/blog-post_26.html<BR/><BR/>खासक अजय जी एवँ गौरव जी अवश्य पढ़ें । हर लम्हा एक विस्मय दरसल मेरी अंग्रेज़ी कविता 'Each Moment is a Wonder' का हिन्दी रूपांतर है । <BR/><BR/>- सीमा कुमारDr. Seema Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16605133497857832550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-28568579147377549932007-07-25T22:10:00.000+05:302007-07-25T22:10:00.000+05:30जीयो, प्रेम करो,हो उत्क्रांत औरकरो आत्म-उत्थान,हो ...जीयो, प्रेम करो,<BR/>हो उत्क्रांत और<BR/>करो आत्म-उत्थान,<BR/>हो आनंदित<BR/>और संजो कर रखो<BR/>हर नन्हें पल को<BR/>वक्त के हर कतरे को<BR/><BR/>हँसते , गाते जीने की कला सीखाती यह रचना हृदय को छुकर हौले से निकल गई। सबसे पहले तो शीर्षक हीं आकर्षित करता है। लगता है कि विस्मय शब्द से आपका गहरा नाता है। आपकी पिछली रचना में भी इस शब्द ने धमाल मचाया था। [:)] <BR/>आपकी अगली रचना की प्रतीक्षा रहेगी। बस कुछ नया पढाते रहिये।विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1103437325218228552007-07-25T21:55:00.000+05:302007-07-25T21:55:00.000+05:30ठहरा हुआ पानीएक छोटा सा कंकड़या एक हल्का सा स्पर्शऔ...ठहरा हुआ पानी<BR/>एक छोटा सा कंकड़<BR/>या एक हल्का सा स्पर्श<BR/>और उठी असंख्य, अनगिनत लहरें;<BR/>पानी की सतह पर<BR/>खिली असंख्य तरंगें.. ।<BR/><BR/>पंक्तियॊं में एक आकर्षण है। दिल की गहराई में उतर जाने की ताकत भीAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-47813684159195836852007-07-25T21:08:00.000+05:302007-07-25T21:08:00.000+05:30यह कविता मेरी आवाज मे यहां सुनेंयह कविता मेरी आवाज मे <A HREF="http://hindyugm.mypodcast.com/2007/07/post-30430.html" REL="nofollow">यहां सुनें</A>Vikashhttps://www.blogger.com/profile/01373877834398732074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-66710880516520100322007-07-25T20:57:00.000+05:302007-07-25T20:57:00.000+05:30SUNDER RACHNA...TERI YAAD KE IS DIL MEIN BHANWAR P...SUNDER RACHNA...<BR/><BR/>TERI YAAD KE IS DIL MEIN BHANWAR PADANE LAGE<BR/>BAHUT MUSHKIL MERA DOOB KE NIKALNA IS SAEMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-25498132253309841722007-07-25T18:00:00.000+05:302007-07-25T18:00:00.000+05:30सीमा जी!बेहद सरल शब्दों में एक गंभीर दर्शन दे दिया...सीमा जी!<BR/>बेहद सरल शब्दों में एक गंभीर दर्शन दे दिया आपने.<BR/><BR/>और संजो कर रखो<BR/>हर नन्हें पल को<BR/>वक्त के हर कतरे को<BR/>क्योंकि हर लम्हा<BR/>अपने आप में<BR/>है एक चमत्कार,<BR/>एक विस्मय।<BR/><BR/>इन पंक्तियों को पढ़कर अनायास बहुत पहले पढ़ी एक अंग्रेज़ी कविता की याद आ गयी:<BR/>Life is hard<BR/>By the yard;<BR/>But by an inch<BR/>Its a cinch.<BR/>बधाई स्वीकारें.SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-41453415186376861662007-07-25T15:08:00.000+05:302007-07-25T15:08:00.000+05:30कविता पढ़ते हुए समंदर के किनारे खड़े होने का अहसास आ...कविता पढ़ते हुए समंदर के किनारे खड़े होने का अहसास आखिर तक बना रहा.. साधारण शब्दों में काफ़ी कुछ कहा आपकी कविता ने।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-92221367314225219692007-07-25T15:06:00.000+05:302007-07-25T15:06:00.000+05:30ठहरा हुआ पानीएक छोटा सा कंकड़या एक हल्का सा स्पर्शऔ...ठहरा हुआ पानी<BR/>एक छोटा सा कंकड़<BR/>या एक हल्का सा स्पर्श<BR/>और उठी असंख्य, अनगिनत लहरें;<BR/>पानी की सतह पर<BR/>खिली असंख्य तरंगें.. ।<BR/><BR/>लहरें मेरी ओर आती रहीं<BR/>और वापस जा कहीं दूर<BR/>विलीन होती रहीं ।<BR/>तट पर खड़ी मैं<BR/>उन अनगिनत लहरों को<BR/>एक एक कर<BR/>गिनने की कोशिश करती रही ।<BR/><BR/>pyare komal bhaav......likhti rahiye<BR/><BR/>sasneh<BR/>AnupamaAnupamahttps://www.blogger.com/profile/12917377161456641316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-20993993838609251382007-07-25T13:33:00.000+05:302007-07-25T13:33:00.000+05:30और मैं रेत के एक-एक कण कोबिना आहटफर्श पर तरलता सेब...और मैं रेत के एक-एक कण को<BR/>बिना आहट<BR/>फर्श पर तरलता से<BR/>बिखरते देखती रही ।<BR/><BR/>उनकी मोहक खुशबू ने कहा<BR/>उठा लो आनंद<BR/>इससे पहले कि मैं<BR/>हो जाऊँ लुप्त ।<BR/><BR/>क्योंकि हर लम्हा<BR/>अपने आप में<BR/>है एक चमत्कार,<BR/>एक विस्मय <BR/><BR/>सुन्दर रचना सीमा जी, बहुत सादगी से लिखा है आपनें।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-24649715461018597792007-07-25T13:04:00.000+05:302007-07-25T13:04:00.000+05:30कविता में सुन्दरता है और सुन्दर दर्शन भी, लेकिन वह...कविता में सुन्दरता है और सुन्दर दर्शन भी, लेकिन वह विस्मय मुझे नहीं मिल पाया, जिसकी मैं हर कविता में आकांक्षा करता हूं। कहीं पर दिल से एकदम से वाह उफनकर नहीं निकल पाई।लेकिन आपने एक छोटी सी बात को बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है।<BR/>इस सुन्दर कृति के लिए बहुत बधाई।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34514261405903743822007-07-25T12:57:00.000+05:302007-07-25T12:57:00.000+05:30और संजो कर रखोहर नन्हें पल कोवक्त के हर कतरे कोक्य...और संजो कर रखो<BR/>हर नन्हें पल को<BR/>वक्त के हर कतरे को<BR/>क्योंकि हर लम्हा<BR/>अपने आप में<BR/>है एक चमत्कार,<BR/>एक विस्मय ।<BR/>.... सचमुच अद्भुत।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-46581241798592776412007-07-25T11:17:00.000+05:302007-07-25T11:17:00.000+05:30हर पल को जीना ही हो तो जीवन है... अति सुंदर...हर पल को जीना ही हो तो जीवन है... अति सुंदर...Anil Aryahttps://www.blogger.com/profile/14108322173036444861noreply@blogger.com