tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post5645456619825585701..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: आ गयी है सल्तनत फौलाद की अब गांव मेंशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-56393087679501603632008-06-24T16:18:00.000+05:302008-06-24T16:18:00.000+05:30बहुत खूब.....बहुत खूब.....भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-13673702943123743312008-06-24T13:21:00.000+05:302008-06-24T13:21:00.000+05:30अच्छी लगी आपकी गजलअच्छी लगी आपकी गजलरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-32647690809662740752008-06-24T11:07:00.000+05:302008-06-24T11:07:00.000+05:30अच्छी गज़ल । किसान के लिए किसां का प्रयोग..यह तो छं...अच्छी गज़ल । किसान के लिए किसां का प्रयोग..यह तो छंदशास्त्री ही बता सकते हैं किंतु पढ़ने में थोड़ा अटपटा लगा...इसलिए लिख दिया..Kavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55141443818721612132008-06-24T10:37:00.000+05:302008-06-24T10:37:00.000+05:30बहुत खूब हर बार की तरह....बहुत खूब हर बार की तरह....Sajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-12661437111819682992008-06-24T05:42:00.000+05:302008-06-24T05:42:00.000+05:30आ गयी है सल्तनत फौलाद की अब गांव में या ज़मीं दे द...आ गयी है सल्तनत फौलाद की अब गांव में <BR/>या ज़मीं दे दें इन्हें या अपनी जाँ देते रहें <BR/>बेहतरीन गजल !Hariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-15826785340921033182008-06-23T18:30:00.000+05:302008-06-23T18:30:00.000+05:30सारी खुशबू आपकी और खार हों मेरे सभीऔर कितने इश्क क...सारी खुशबू आपकी और खार हों मेरे सभी<BR/>और कितने इश्क के हम इम्तिहाँ देते रहें <BR/>बहुत खूबसीमा सचदेवhttps://www.blogger.com/profile/04082447894548336370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-11064912851920983592008-06-23T14:59:00.000+05:302008-06-23T14:59:00.000+05:30प्रेमचंद सहजवाला जी---आपको दी खुदा ने गज़ल लिखने क...प्रेमचंद सहजवाला जी---<BR/><BR/>आपको दी खुदा ने गज़ल लिखने की हुनर<BR/>पाठकों को आप यूँ ही फलसफा देते रहें।<BR/>--देवेन्द्र पाण्डेय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-141571922297769912008-06-23T13:28:00.000+05:302008-06-23T13:28:00.000+05:30प्रेमचंद सहजवाला जीआपकी गजलो का मै दीवाना हो चुका ...प्रेमचंद सहजवाला जी<BR/>आपकी गजलो का मै दीवाना हो चुका हूँ<BR/>आप बहुत ही बढिया लिखते हो।<BR/>काफिया और रदीफ दोनो ही अच्छी तरह निभा रखे है।<BR/>सुमित भारद्वाज।Unknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38752418027813295642008-06-23T12:03:00.000+05:302008-06-23T12:03:00.000+05:30कायदों का मैं नहीं हों कायदे मेरे गुलाम फलसफा ये म...कायदों का मैं नहीं हों कायदे मेरे गुलाम <BR/>फलसफा ये मुन्सिफों को हुक्मराँ देते रहें <BR/>क्या बात है प्रेमचन्द जी, हाकिमों की तानाशाही का सुन्दर चित्रण है. आज लोकतन्त्र के बाबजूद हाकिम अपने को मालिक मानकर ही व्यवहार करते हैं.डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.com