tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post562525681605651445..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: क्या ज़रूरी है कि सबसे ज्ञान लेंशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38830665727230066792009-02-08T12:37:00.000+05:302009-02-08T12:37:00.000+05:30behatarin guruvarALOK SINGH "SAHIL"behatarin guruvar<BR/>ALOK SINGH "SAHIL"आलोक साहिलhttps://www.blogger.com/profile/07273857599206518431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-19675558635181584982009-02-06T17:44:00.000+05:302009-02-06T17:44:00.000+05:30रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भीआओ अब यादों की चादर...रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भी<BR/>आओ अब यादों की चादर तान लें...<BR/><BR/>क्या बात है नाजिम जी...तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-50106886695691137032009-02-06T16:07:00.000+05:302009-02-06T16:07:00.000+05:30रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भीआओ अब यादों की चादर...रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भी<BR/>आओ अब यादों की चादर तान लें<BR/><BR/>सर्द मौसम को बदलने के लिये<BR/>आओ नाज़िम धूप का एहसान लें<BR/><BR/>खूबसूरत गज़ल है। <BR/>बधाई स्वीकारें!<BR/><BR/>-विश्व दीपकविश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-62435813221583252392009-02-06T15:33:00.000+05:302009-02-06T15:33:00.000+05:30बहुत अच्छा,रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भीआओ अब या...बहुत अच्छा,<BR/>रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भी<BR/>आओ अब यादों की चादर तान लें<BR/><BR/>सर्द मौसम को बदलने के लिये <BR/>आओ नाज़िम धूप का एहसान लेंDilsher Khanhttps://www.blogger.com/profile/05615429748023876069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-48976715559138095282009-02-06T14:35:00.000+05:302009-02-06T14:35:00.000+05:30गजल अच्छी लगी, तीनो मतले बहुत अच्छे है , पहले और द...गजल अच्छी लगी, <BR/>तीनो मतले बहुत अच्छे है , पहले और दूसरा ज्यादा पसंद आयाUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-70272179272572355112009-02-06T10:03:00.000+05:302009-02-06T10:03:00.000+05:30रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भीआओ अब यादों की चादर...रात है, फ़ुर्सत भी है तन्हाई भी<BR/>आओ अब यादों की चादर तान लें<BR/><BR/>सर्द मौसम को बदलने के लिये <BR/>आओ नाज़िम धूप का एहसान लें<BR/>बहुत बढ़िया...चारुhttps://www.blogger.com/profile/14865148205613538719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64178050836777802262009-02-05T21:42:00.000+05:302009-02-05T21:42:00.000+05:30नज़्म कह ,चाहे रुबाई या ग़ज़ल,फिक्र का दिल में मगर...नज़्म कह ,चाहे रुबाई या ग़ज़ल,<BR/>फिक्र का दिल में मगर मीजान ले,,<BR/><BR/>हुज़ूर नकवी साहेब ,आपकी जमीन पर कहा गया ये शे'र अआपकी इस हसीं ग़ज़ल के लिए हरगिज नहीं है...ये तो लिखने और परखने वालों के लिए है....मैं तो समझा था के आखिरी टिपण्णी कर चुका हूँ.....पर आपको पढ़ कर कहा रुका जाता है...<BR/>मुबारक......<BR/>हाँ ..आपके हसीं मकते से कुछ मिलता जुलता सा कहा था कभी...<BR/><BR/>गम-ऐ-हस्ती के सौ बहाने हैं <BR/>आज अपने पे आजमाने हैं<BR/><BR/>सर्द रातें गुजारने के लिए <BR/>धुप के गीत गुनगुनाने हैं.<BR/><BR/>वैसे मुझे ये यहाँ लिखना नहीं चाहिए था.....पर फ़िर भी....manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59811624307592557572009-02-05T18:57:00.000+05:302009-02-05T18:57:00.000+05:30सर्द मौसम को बदलने के लिये आओ नाज़िम धूप का एहसान ...सर्द मौसम को बदलने के लिये <BR/>आओ नाज़िम धूप का एहसान लें<BR/><BR/>bahoot khoob है ये sher ...........<BR/>lajawaabदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-73678494927313640262009-02-05T17:08:00.000+05:302009-02-05T17:08:00.000+05:30कैसे मुमकिन है कि ख़ुद को जान लेंअजनबी हो तो उसे प...कैसे मुमकिन है कि ख़ुद को जान लें<BR/>अजनबी हो तो उसे पहचान लें<BR/><BR/>नाजिम जी बहुत ,बहुत .बहुत ही सुंदर लिखा है पूरी ग़ज़ल दिल में कही गहरे तक असर करती है <BR/> कलम गोयद की मन शाहे जहानम <BR/> कलमकश रा बदौलत मी रसानमneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-29473321191963575432009-02-05T14:47:00.000+05:302009-02-05T14:47:00.000+05:30बहुत अच्छा लिखा है! बधाई !बहुत अच्छा लिखा है! बधाई !रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-53514852230215173212009-02-05T13:08:00.000+05:302009-02-05T13:08:00.000+05:30क्या ज़रूरी है कि सबसे ज्ञान लेंएक दिन तो अपना कहन...क्या ज़रूरी है कि सबसे ज्ञान लें<BR/>एक दिन तो अपना कहना मान लें<BR/><BR/>सर्द मौसम को बदलने के लिये <BR/>आओ नाज़िम धूप का एहसान लें<BR/>बहुत खूब .......... अच्छा लिखा है बधाई .............Arun Mittal "Adbhut"https://www.blogger.com/profile/18192424604648383037noreply@blogger.com