tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post5585374732357005952..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: मंजिलशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-54795947965801736222008-02-02T17:57:00.000+05:302008-02-02T17:57:00.000+05:30"युगों से गुम है ,मेरा अलसाया सा अस्तित्वअब इसकी म..."युगों से गुम है ,<BR/>मेरा अलसाया सा अस्तित्व<BR/>अब इसकी मंजिल<BR/>मैं ख़ुद ही बनूंगी !!"<BR/><BR/>ह्रदय को छू गयी ये कविता , बहुत बहुत बधाई आपकोDivya Prakashhttps://www.blogger.com/profile/10953256514562221873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34126300177796877742008-02-01T11:59:00.000+05:302008-02-01T11:59:00.000+05:30किरण तो आपके हाथ में पहले से ही थी.. जो स्वर्ण कलम...किरण तो आपके हाथ में पहले से ही थी.. जो स्वर्ण कलम बन गई... बहुत बहुत बधाई.. ठंडे पड़ते वजूद को गरमाहट देने वाली सुन्दर रचना....मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-20093769830405913922008-01-31T21:47:00.000+05:302008-01-31T21:47:00.000+05:30रंजू जी मंजिल की तरफ उन्मुख आपका काव्य सराहनीय है....रंजू जी मंजिल की तरफ उन्मुख आपका काव्य सराहनीय है.<BR/>स्वर्ण कमल के लिए विशेष तौर से मुबारकबाद<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-91164742589512652732008-01-31T20:01:00.000+05:302008-01-31T20:01:00.000+05:30रंजना जी,प्यारी रचना है। हालांकि-बंद कर लिया है इस...रंजना जी,<BR/>प्यारी रचना है। हालांकि-<BR/>बंद कर लिया है इस किरण को<BR/>अपनी बंद मुट्ठी में<BR/> <BR/>इस किरण कॊ बंद करने की ख्वाहिश क्यों? क्या ये मुक्त होती तो और प्रेमपूण नही होती??? वैसे ये मेरा निजि विचार है। कविता अच्छी है, मैं इससे इनकार नही करूँगा।RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82429464355968122982008-01-31T19:33:00.000+05:302008-01-31T19:33:00.000+05:30रंजू जी, मंजिल सुन्दर है.. रास्ते कठिन है तो क्या ...रंजू जी, <BR/>मंजिल सुन्दर है.. रास्ते कठिन है तो क्या हुआ.. <BR/>रास्ते कट जायेंगे आसानी से यकीं मानिये..<BR/>गुनगुनाकर चलते रहिये बस कलम का लिखा हुआ..<BR/><BR/>और हाँ बधाई स्वर्ण कमल के लिये.. <BR/><BR/>वैसे रंजना जी "पोल" मे हमने भी हिस्सा लिया था तो "पोला" (कैप) पर तो अपना भी हक़ बनता है ना..<BR/>जेब में लगा लो तो पोला(कैप) की क्लिप ही नज़र आती है किसी को क्या पता अन्दर पेन है कि नहीं.... <BR/>ही ही.. माफ कीजियेगा.. उंगलियाँ कंट्रोल से बाहर हो जाती है कभी कभी और ना लिखने की बात भी लिख जाती है..<BR/>- पुनः बधाई..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-63975146269198718792008-01-31T15:40:00.000+05:302008-01-31T15:40:00.000+05:30ranjana जीबहुत ही सुंदर लिखा है -पाने लगा है अब एक...ranjana जी<BR/>बहुत ही सुंदर लिखा है -<BR/>पाने लगा है अब एक राह<BR/>लगता है अब इस बार<BR/>तलाश कर लूंगी मैं ख़ुद को<BR/>युगों से गुम है ,<BR/>मेरा अलसाया सा अस्तित्व<BR/>अब इसकी मंजिल<BR/>मैं ख़ुद ही बनूंगी !!<BR/>शुभ कामनाएं और बधाईशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-72096515211649601142008-01-31T14:35:00.000+05:302008-01-31T14:35:00.000+05:30bahut sundar kavita hai,badhai hobahut sundar kavita hai,badhai hoAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-2244356631431995612008-01-31T13:02:00.000+05:302008-01-31T13:02:00.000+05:30रंजना जी,स्वर्ण कलम पाने के लिएबधाई,रंजना जी,स्वर्ण कलम पाने के लिए<BR/>बधाई,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-9086807099130062542008-01-31T12:57:00.000+05:302008-01-31T12:57:00.000+05:30रंजना जी,सुंदर भावस्वर्ण कलम पाने के लिए बधाईरंजना जी,<BR/><BR/>सुंदर भाव<BR/><BR/>स्वर्ण कलम पाने के लिए <BR/>बधाईगीता पंडितhttps://www.blogger.com/profile/17911453195392486063noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-48701922849546661282008-01-31T12:38:00.000+05:302008-01-31T12:38:00.000+05:30क्या बात है, चलिए राह पाई तो सही आपने ।बढ़िया भाव!!...क्या बात है, चलिए राह पाई तो सही आपने ।<BR/>बढ़िया भाव!!<BR/><BR/>स्वर्ण कलम पाने के लिए बधाईSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74522783384382351492008-01-31T10:25:00.000+05:302008-01-31T10:25:00.000+05:30रंजना जी,आशावाद का सूरज चमकता रहे तो हर अंधेरा अपन...रंजना जी,<BR/><BR/>आशावाद का सूरज चमकता रहे तो हर अंधेरा अपने आप मिट जाता है... इस आशावादी सुन्दर रचना के लिये बधाईMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-68142570352737132062008-01-31T10:01:00.000+05:302008-01-31T10:01:00.000+05:30सबसे पहले स्वर्ण कलम के विजेता को बधाई...बहुत सुन्...सबसे पहले स्वर्ण कलम के विजेता को बधाई...<BR/>बहुत सुन्दर और सच्ची रचना है...अगर आप चाहेंगी तो मुश्किले खुद-ब-खुद आसान हो जायेंगी...मेरी शुभ कामनाएं सदैव आपके साथ है...:)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-117775732688771062008-01-31T09:06:00.000+05:302008-01-31T09:06:00.000+05:30उमड़ रहे है कई जज्बात,जो क़ैद है कई बरसों सेइस दिल ...उमड़ रहे है कई जज्बात,<BR/>जो क़ैद है कई बरसों से<BR/>इस दिल के किसी कोने में<BR/>भटकता हुआ सा<BR/>मेरा बावरा मन..<BR/>पाने लगा है अब एक राह<BR/>लगता है अब इस बार<BR/>तलाश कर लूंगी मैं ख़ुद को<BR/>" बहुत खूब, मंजिल तलाशती और उम्मीद से भरी एक सुंदर रचना "<BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.com