tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post5350238704472991978..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: हम शब्दों के बुनकर हैंशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-3304239590546613872008-01-21T16:37:00.000+05:302008-01-21T16:37:00.000+05:30यूँ तो मूलतः मै अकवि ही हूं, कभी कुछ प्रयास शब्दों...यूँ तो मूलतः मै अकवि ही हूं, कभी कुछ प्रयास शब्दों को गीत रूप में बुनने का भी कर लेता हूँ ,पत्र पत्रिकाओ में खूब छपा ,पाठकों से प्रतिक्रियायें भी मिली किंतु एक साथ इतनी सारी और इतनी सारगर्भित टिप्पणियाँ ..... ब्लाग की ताकत हम सब की सामूहिक शक्ति है , इस सारस्वत शक्ति को नमन करता हूँ . आप ने पढ़ा ,आप सब की समीक्षा के शब्दों ने मुझे ऊर्जा दी है , आभार. विवेक रंजन श्रीवास्तवVivek Ranjan Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/06945725435403559585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-86785311610308467892008-01-20T18:26:00.000+05:302008-01-20T18:26:00.000+05:30विनम्र जी बहुत सुंदर रचना. बधाई हो आलोक सिंह "साह...विनम्र जी बहुत सुंदर रचना.<BR/> बधाई हो<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34784439523747432412008-01-20T13:59:00.000+05:302008-01-20T13:59:00.000+05:30हम पहचाने नीर क्षीर को ,सबको इतनी बुद्धि दो !और-नव...हम पहचाने नीर क्षीर को ,<BR/>सबको इतनी बुद्धि दो !<BR/>और-<BR/>नव युग के इस नव विहान में<BR/>बच्चा बच्चा "दिनकर" हो !!<BR/>बहुत ही सुंदर कामना की है आपने विवेक जी.<BR/>कविता सरल और व्यवस्थित लगी.प्रवाह और प्रभाव दोनों दिखाई दिये.<BR/>शुभकामनाओं सहित-Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-40549311915209337522008-01-19T18:34:00.000+05:302008-01-19T18:34:00.000+05:30कागज कलम और कविता सेमन वीणा स्पंदित कर के !युग की ...कागज कलम और कविता से<BR/>मन वीणा स्पंदित कर के !<BR/>युग की दिशा बदलकर रख दे<BR/>कवि ऐसा जादूगर हो !!<BR/><BR/>अँत (अंत) करो माँ अंधकार का<BR/>जन गण के मन में प्रकाश दो !<BR/>नव युग के इस नव विहान में<BR/>बच्चा बच्चा "दिनकर" हो !!<BR/><BR/>आपकी कविता की ये कड़ियाँ विषय से विचलित कविता को पुनः विषय पर ले आती हैं । यहाँ पर सचमुच वही बात दिखाई पड़ती है जो आपने माँ से पहले माँगा है- भाव शब्द से गुरुतर हों । ये शब्द उतने जोशीले नहीं लगते पर भाव अवश्य ही क्रान्तिकारी है । सचमुच माँ ने आपकी कितनी जल्दी सुन ली । वही कविता लिखते समय ही उस माँग की स्वीकृति दिखने लगती है ।दिवाकर मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/15376537950079751261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-92229093770169354652008-01-19T18:24:00.000+05:302008-01-19T18:24:00.000+05:30विवेक विनम्र जी, आपकी कविता की कड़ियाँ एक एक अलग अल...विवेक विनम्र जी, आपकी कविता की कड़ियाँ एक एक अलग अलग भाव भरती सी हैं । कविता पढ़ने में और भाव की दृष्टि से भी अच्छी है । पर कुछ कमियाँ भी दिख रही हैं, जैसे, कविता की तीन पहली कड़ियाँ ही शीर्षक से मेल खाती हैं, बाकी कड़ियाँ अलग अलग विषयों में विचरण करने लगती है । शायद कविता लिखते समय भाव प्रधान हो गया इसलिए भावना से जो भी निकला वह लिख दिया । पहली तीन कड़ियाँ काव्य रचना और प्रतिभा से सम्बन्धित हैं और बाद की कड़ियाँ वर्तमान समस्याओं से । शीर्षक से मेल पहली तीन ही खाती हैं । <BR/><BR/>सृजन सफल जब हों आल्हादित<BR/>श्रोता रचना सुनकर हैं !!<BR/>इन पंक्तियों में एक तो आल्हादित की जगह आह्लादित होना चाहिए था । और दूसरी बात कि इन पंक्तियों का वाक्य विन्यास नहीं समझ में आया । अन्त वाला ‘हैं’ किससे अन्वित है ? ऐसा भी हो सकता था <BR/>"सृजन सफल हो जब आह्लादित <BR/>श्रोता रचना सुनकर हों !!" <BR/>वैसे कवि की रचना से छेड़छाड़ करने का हक़ मुझे नहीं है, फिर भी मैने कहना उचित समझा ।<BR/><BR/>एक और बात ! अन्तिम दूसरी पंक्ति का ‘विहान’ शब्द मुझे नहीं समझ में आया । क्या इसकी जगह दूसरा शब्द रखना चाहते थे या यदि यही शब्द है तो इसका अर्थ क्या है ।दिवाकर मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/15376537950079751261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-75576155329461880322008-01-19T17:19:00.000+05:302008-01-19T17:19:00.000+05:30कागज कलम और कविता सेमन वीणा स्पंदित कर के !युग की ...कागज कलम और कविता से<BR/>मन वीणा स्पंदित कर के !<BR/>युग की दिशा बदलकर रख दे<BR/>कवि ऐसा जादूगर हो !!<BR/><BR/>अँत करो माँ अंधकार का<BR/>जन गण के मन में प्रकाश दो !<BR/>नव युग के इस नव विहान में<BR/>बच्चा बच्चा "दिनकर" हो !!<BR/><BR/>भा गयी आपकी कविता.. बहुत बढिया जी..<BR/>सुन्दर ..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-33557203216819991032008-01-19T15:18:00.000+05:302008-01-19T15:18:00.000+05:30"कागज कलम और कविता से मन वीणा स्पंदित कर के ! युग ..."कागज कलम और कविता से<BR/> मन वीणा स्पंदित कर के !<BR/> युग की दिशा बदलकर रख दे<BR/> कवि ऐसा जादूगर हो !!"<BR/><BR/>हम सब "तथास्तु" कहते हैं . <BR/><BR/>इस सुन्दर रचना पर बधाई !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-36669509417431216992008-01-19T11:50:00.000+05:302008-01-19T11:50:00.000+05:30पुरानी शैली में आज के समय पर व्यंग्य बढ़िया है। आप...पुरानी शैली में आज के समय पर व्यंग्य बढ़िया है। आपको कथ्यों को थोड़ा और भार अपनी कविता पर लादना होगा।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-84508509013164265942008-01-19T11:40:00.000+05:302008-01-19T11:40:00.000+05:30बहुत सुंदर |-- अवनीश तिवारीबहुत सुंदर |<BR/>-- अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17899860856948488212008-01-19T11:03:00.000+05:302008-01-19T11:03:00.000+05:30कागज कलम और कविता सेमन वीणा स्पंदित कर के !युग की ...कागज कलम और कविता से<BR/>मन वीणा स्पंदित कर के !<BR/>युग की दिशा बदलकर रख दे<BR/>कवि ऐसा जादूगर हो !!<BR/><BR/>बहुत सही।RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-52967617201929296232008-01-19T09:32:00.000+05:302008-01-19T09:32:00.000+05:30कागज कलम और कविता सेमन वीणा स्पंदित कर के !युग की ...कागज कलम और कविता से<BR/>मन वीणा स्पंदित कर के !<BR/>युग की दिशा बदलकर रख दे<BR/>कवि ऐसा जादूगर हो !!<BR/><BR/>अँत करो माँ अंधकार का<BR/>जन गण के मन में प्रकाश दो !<BR/>नव युग के इस नव विहान में<BR/>बच्चा बच्चा "दिनकर" हो !!<BR/>"very nicepoetry"<BR/>regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-10312651886339304512008-01-19T05:39:00.000+05:302008-01-19T05:39:00.000+05:30वाह भई वाह, क्या खूब कही....आमीन !!वाह भई वाह, क्या खूब कही....आमीन !!Dr Parveen Choprahttps://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-70361016270481489782008-01-19T02:20:00.000+05:302008-01-19T02:20:00.000+05:30अरे का कहै के बा... तोहार कविताई ने त नीचे से ऊपर ...अरे का कहै के बा... तोहार कविताई ने त नीचे से ऊपर ले झनझनाइ देहलसि भैया...झन्न से।भोजवानीhttps://www.blogger.com/profile/13471814882417416836noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-70361900772205058512008-01-19T00:51:00.000+05:302008-01-19T00:51:00.000+05:30sach hum sab shabdho ke bunkar hi tho hai,sundar s...sach hum sab shabdho ke bunkar hi tho hai,sundar shabdho se rachi sundar kavita,mann ko ulhasit kar diya.Anonymousnoreply@blogger.com