tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post5067174739762742924..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: नदी कभी नहीं आएगीशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-30041738891561272912010-05-03T15:25:50.247+05:302010-05-03T15:25:50.247+05:30nadiyon ke sath yahi hota raha jo aaj kal ho raha ...nadiyon ke sath yahi hota raha jo aaj kal ho raha hai to sachmuch nadi nahi aayegi ..स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-32544888956972196662010-04-26T10:00:41.803+05:302010-04-26T10:00:41.803+05:30प्रकृति पर सुन्दर रचना, बहुत बहुत बधाई
हम सभी को...प्रकृति पर सुन्दर रचना, बहुत बहुत बधाई <br />हम सभी को मिल कर प्रकृति , नदी नालों , बन, उपवन , झील, सागर, पेड़, पौधों आदि को बचाने का मन से सकारात्मक प्रयास करना चाहिए <br />धन्यवाद <br />विमल कुमार हेडाUnknownhttps://www.blogger.com/profile/10349939645452917532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-67397016120836956102010-04-26T02:38:57.132+05:302010-04-26T02:38:57.132+05:30प्रकृति ईश्वर के सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक.. ...प्रकृति ईश्वर के सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक.. और उस पर लिखी गई ये खूबसूरत कविता वाह..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-168635865071192412010-04-26T00:44:44.970+05:302010-04-26T00:44:44.970+05:30बहुत ही सुंदर । यदि नदी को इन्सान लील जायेगा तो धर...बहुत ही सुंदर । यदि नदी को इन्सान लील जायेगा तो धरती नही देगी नदी फिर कितनी ही तपस्या करे ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-3888349724466856782010-04-26T00:35:42.088+05:302010-04-26T00:35:42.088+05:30वाह, जितनी अच्छी लगी कविता उतनी ही अच्छी लगीं भूमि...वाह, जितनी अच्छी लगी कविता उतनी ही अच्छी लगीं भूमिका की पंक्तियाँ..<br />’प्रकृति का हर पल सृजन की प्रेरणा देता है कि एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए साहित्य सृजन आवश्यक है।’<br /><br />कितनी शाश्वत बात!..सच कुछ नया सीखने-समझने को मिला..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85005397789461328072010-04-25T21:03:04.091+05:302010-04-25T21:03:04.091+05:30नदी के बदले में सबकुछ
देने को तैयार है धरती
जीवन ...नदी के बदले में सबकुछ <br />देने को तैयार है धरती<br />जीवन भी भला कोई देता है<br />सुन्दर रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com