tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post493251762359476547..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: एक दिन......शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80590665855411350212008-06-25T15:54:00.000+05:302008-06-25T15:54:00.000+05:30झूठे सहारों की आगे न होगी जरूरत कोईजो कुछ है यहीं ...झूठे सहारों की आगे न होगी जरूरत कोई<BR/>जो कुछ है यहीं रह जायेगा<BR/>जो दिया था किसी को वो पुल बन जायेगा<BR/>राह की हर खाई पट जायेगी<BR/>थोड़ा निराशावादी परन्तु सटीकसीमा सचदेवhttps://www.blogger.com/profile/04082447894548336370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-7474346507613597382008-06-25T12:13:00.000+05:302008-06-25T12:13:00.000+05:30बहुत ही बेहतरीन मर्मों को समेटे आपकी रचना.बधाईआलोक...बहुत ही बेहतरीन मर्मों को समेटे आपकी रचना.बधाई<BR/>आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80168767017223838332008-06-25T11:58:00.000+05:302008-06-25T11:58:00.000+05:30मोहिंदर जी ,ऐसे मोह भंग ना कीजिये !!अरे जनाब, और भ...मोहिंदर जी ,<BR/><BR/>ऐसे मोह भंग ना कीजिये !!<BR/>अरे जनाब, और भी ग़म हैं जमाने में....<BR/>कथ्य और शिल्प दोनों पारम्परिक ! कविता में उपदेश हो यह तो ठीक है पर कवि को उपदेशक होने से बचना चाहिए...<BR/><BR/>और अंत में यह मेरा ख्याल है !करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-69718135848407973922008-06-25T08:26:00.000+05:302008-06-25T08:26:00.000+05:30एक दिन खाक में मिलना तय बात हैयाद रख पाये तो बेहतर...एक दिन खाक में मिलना तय बात है<BR/>याद रख पाये तो बेहतर रहे<BR/>आंधीयों में उडता हर जर्रा यह जान ले<BR/>एक दिन यह हवा रुक जायेगी<BR/>दार्शनिकता से भरी अच्छी रचना है।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85004845361647052612008-06-25T05:24:00.000+05:302008-06-25T05:24:00.000+05:30झूठे सहारों की आगे न होगी जरूरत कोईजो कुछ है यहीं ...झूठे सहारों की आगे न होगी जरूरत कोई<BR/>जो कुछ है यहीं रह जायेगा<BR/>जो दिया था किसी को वो पुल बन जायेगा<BR/>राह की हर खाई पट जायेगी<BR/><BR/>सुन्दर परम्परागत रचना ! बहुत अच्छा लगा<BR/>पढ़ करHariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-38963727301997191122008-06-24T21:00:00.000+05:302008-06-24T21:00:00.000+05:30सुंदर बने है |अवनीश तिवारीसुंदर बने है |<BR/><BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-13561738022431566582008-06-24T19:52:00.000+05:302008-06-24T19:52:00.000+05:30मांगना है तो खैर सबकी मांग लेये दिल भरा है न भरेगा...मांगना है तो खैर सबकी मांग ले<BR/>ये दिल भरा है न भरेगा कभी<BR/>खुद ब खुद भर जाएगी झोली तेरी<BR/>बांटी है हंसी तो खुशी आएगी<BR/><BR/>---सुंदर।----देवेन्द्र पाण्डेय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-11759027778308235862008-06-24T16:44:00.000+05:302008-06-24T16:44:00.000+05:30jeevan ki styta ka bodh krane vaali rachna hai ,yh...jeevan ki styta ka bodh krane vaali rachna hai ,yhi bodh to geta krati hai,, so spsl thnks tu u,,अनिरुद्ध सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07781197130380609009noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-7640771483545764042008-06-24T16:08:00.000+05:302008-06-24T16:08:00.000+05:30मोहिन्दर जी, बडे दिनों बाद दस्तक .... ह्म्म्म्म्म्...मोहिन्दर जी, <BR/><BR/>बडे दिनों बाद दस्तक .... <BR/><BR/>ह्म्म्म्म्म्म.. बढिया :-<BR/><BR/>जिन्दगी और मौत दोनों किनारे पर हैं<BR/>जाने कब कौन सी लहर आयेगीभूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82272622280116011792008-06-24T13:15:00.000+05:302008-06-24T13:15:00.000+05:30मांगना है कुछ तो खैर सब की मांग लेये दिल भरा है न ...मांगना है कुछ तो खैर सब की मांग ले<BR/>ये दिल भरा है न भरेगा कभी<BR/>खुद बखुद भर जायेगी खाली झोली तेरी<BR/>बांटी है हंसी तो खुशी आयेगी<BR/><BR/>बहुत सही ..सुंदर रचना ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-45222077999231651192008-06-24T12:29:00.000+05:302008-06-24T12:29:00.000+05:30zindagi ki aakhari sachhai bahut sundar alfazon se...zindagi ki aakhari sachhai bahut sundar alfazon se varnit,bahut badhaimehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-69716217795992011932008-06-24T12:03:00.000+05:302008-06-24T12:03:00.000+05:30बहुत ही सुंदर मर्मस्पर्शी रचना.जीवन का सत्य तो यही...बहुत ही सुंदर मर्मस्पर्शी रचना.जीवन का सत्य तो यही है.इसे जिसने जितना अधिक अंगीकार किया उसकी झोली उतनी ही भरी रही नही तो जाते समय जुटाया हुआ कौन सा धन दौलत साथ जाता है किसी के.सरल और भावपूर्ण शब्दों में बहुत ही सुंदर लिखा है आपने.साधुवाद.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.com