tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post4520256058920434349..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: झमा झम बारिश में भी देवेन्द्र नहीं भीगेशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55537294023622683052008-07-15T15:04:00.000+05:302008-07-15T15:04:00.000+05:30कविता की गहराई में उतरे तो हम भी भीग गएकविता की गहराई में उतरे तो हम भी भीग गएdevendra kumar mishrahttps://www.blogger.com/profile/10418159674868665384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57224661566586955402008-07-11T21:02:00.000+05:302008-07-11T21:02:00.000+05:30आप तो बच गए हमें भिंगो दिया. आलोक सिंह "सा...आप तो बच गए हमें भिंगो दिया.<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-13289974002255796872008-07-10T18:40:00.000+05:302008-07-10T18:40:00.000+05:30एक बार यदि असफल हुए तो ये दुर्भाग्य नही है देवेन्द...एक बार यदि असफल हुए तो ये दुर्भाग्य नही है देवेन्द्र जी <BR/>असफलता आपको और अच्छा काम करने को प्रेरित करती है <BR/>कैर इस माह के लिए यूनिपाठक के लिए बधाईBRAHMA NATH TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/02914568917315736973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39473492802881647162008-07-10T00:20:00.000+05:302008-07-10T00:20:00.000+05:30सुंदर |बधाई |अवनीश तिवारीसुंदर |<BR/><BR/>बधाई |<BR/><BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-72795905987833384552008-07-09T23:01:00.000+05:302008-07-09T23:01:00.000+05:30मन भीग गया आपकी कविता से .. बहुत अच्छा दिव्य प्...मन भीग गया आपकी कविता से .. बहुत अच्छा <BR/>दिव्य प्रकाशDivya Prakashhttps://www.blogger.com/profile/03694378793921509465noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-74887222716632500022008-07-09T20:12:00.000+05:302008-07-09T20:12:00.000+05:30अति सुंदर, देवेन्द्र जी. आनंद आ गया पढ़ कर. अखबारों...अति सुंदर, देवेन्द्र जी. आनंद आ गया पढ़ कर. अखबारों से चुने शब्दों से बने लंबे वाक्यों वाली अर्थहीन, लम्बी व नीरस तथाकथित कविताओं और सतही भावों पर चिपकाए हुए शब्दों से बनी तथाकथित ग़ज़लों के बीच में आपकी यह उत्साह भरी कविता एक सुखद अनुभव है. इस माह की प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-55654768039008148472008-07-09T15:31:00.000+05:302008-07-09T15:31:00.000+05:30अरे वाह, देवेन्द्र जी !आप नही भींगे पर आपकी कविता ...अरे वाह, देवेन्द्र जी !<BR/>आप नही भींगे पर आपकी कविता ने तो मेरा पोर-पोर भींगा दिया !!!<BR/>निःशब्द हूँ ...करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.com