tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post3756593794256020809..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: डॉ॰ सुमन की एक नई ज़िंदगी के लिएशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59265499949051434112008-01-17T18:05:00.000+05:302008-01-17T18:05:00.000+05:30मैं भी निर्णायकों से सहमत हूँ। लेकिन यह मानता हूँ ...मैं भी निर्णायकों से सहमत हूँ। लेकिन यह मानता हूँ कि यह कविता कवि की अंतिम रचना नहीं है। कवि के पास यदि साफ विजन आ गया तो बहुत कुछ रच सकता है, क्योंकि कवि में आग है। बस अभी उसमें भटकाव है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-23186925494918165022008-01-13T14:09:00.000+05:302008-01-13T14:09:00.000+05:30पुरस्कार के लिए आप को बधाई.**कविता अच्छी है. पुरान...पुरस्कार के लिए आप को बधाई.<BR/>**कविता अच्छी है. पुराने के गमन के साथ नए का आगमन हो जाता है.यह दुनिया की रीत है.<BR/> *निराशाओं में न जीते रहने की सीख और उसका कारन देते हुए देते हुए यह कविता आशा का संचार करने का प्रयास कर रही है.<BR/> *बस थोड़ा लम्बी हो गयी है यही एक कमी समझ आ रही है. जैसे' नई पत्तियां<BR/>नई कोपलें' में कोई एक पंक्ति भी बहुत थी---और-<BR/>'शायद नया जन्म है<BR/>मौत क बाद' <BR/>में अगर सिर्फ़ शायद नया जनम' पंक्ति भी काफ़ी थी--धन्यवाद.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-86997670349968232202008-01-12T12:49:00.000+05:302008-01-12T12:49:00.000+05:30सुमन सर जोरदार कविता के लिए बधाई पर climex थोड़ा और...सुमन सर जोरदार कविता के लिए बधाई पर climex थोड़ा और दमदार होना चाहिए.खैर, चौथे स्थान पर विराजने के लिए बधाई.<BR/> आलोक सिंह "साहिल"आलोक साहिलhttps://www.blogger.com/profile/07273857599206518431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-14647244715710998362008-01-12T11:34:00.000+05:302008-01-12T11:34:00.000+05:30सुमन जी,अच्छी कविता है.. परंतु कांत जी से सहमति जत...सुमन जी,<BR/><BR/>अच्छी कविता है.. परंतु कांत जी से सहमति जताते हुए यही कहुँगा की कविता का अंत कविता को थोडा कमजोर कर रहा है..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-59993555328218016632008-01-12T11:16:00.000+05:302008-01-12T11:16:00.000+05:30सुमन जी,वहाँ तोअब कुछ भी नहींकोई कह रहा थाकाट दिया...सुमन जी,<BR/><BR/>वहाँ तो<BR/>अब कुछ भी नहीं<BR/>कोई कह रहा था<BR/>काट दिया गया<BR/>इंसानी दरिंदों द्वारा<BR/>मानव स्वार्थ क लिए<BR/><BR/>सूखे हुए पेड़ को काटने पर आपकी पीड़ा हैरान करती है पाठक को खासकर तब जबकि परिणाम मे यह फ़िर से सुखद हो गया है कविता के अंत में।<BR/>इस अंश को हटा दें तो बाकी कविता अच्छी है।RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-70439360389395543582008-01-12T10:19:00.000+05:302008-01-12T10:19:00.000+05:30उस पेड़ केकटे हिस्से सेएक छोटा-सामगरबिलकुल नया-साए...उस पेड़ के<BR/>कटे हिस्से से<BR/>एक छोटा-सा<BR/>मगर<BR/>बिलकुल नया-सा<BR/>एक पौधा<BR/>उग आया है<BR/>अब ये पौधा<BR/>बंजर नहीं<BR/>पत्तियां भी हैं<BR/>हवा में एक महक<BR/>आने लगी है<BR/>लेकिन<BR/>बिलकुल नई महक<BR/>तो ये<BR/>उस विशालकाय पेड़ का<BR/>शायद नया जन्म है<BR/>मौत क बाद<BR/>ये धीरे-धीरे<BR/>बड़ा होगा<BR/>एक नए पेड़ के आकार में...<BR/>हाँ!<BR/>अब सब कुछ लौट आएगा<BR/>नई पत्तियां<BR/>नई कोपलें<BR/>नई महक<BR/>सबकुछ नया-नया<BR/>"बहुत खूब , एक नये उम्मीद के साथ एक नई आशा जगती ये कवीता काफी अच्छी लगी ,बहुत बहुत बधाई"seema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-58460820850051019402008-01-12T09:14:00.000+05:302008-01-12T09:14:00.000+05:30behad sundar inspirational kavita hai,aashavadi,hu...behad sundar inspirational kavita hai,aashavadi,hum kyun dho rahe hai,purane jakhm,naya kopla tho aayega hi maut ke baad.sahi hai.Anonymousnoreply@blogger.com