tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post3387184518406259866..comments2024-03-09T13:57:59.872+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: भारत महान है !शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-69448320177423860962008-04-01T15:45:00.000+05:302008-04-01T15:45:00.000+05:30vipul,shandar likha hai bhartiya sanskriti pe kuth...vipul,<BR/>shandar likha hai bhartiya sanskriti pe kutharaghat kiya hai tumne jo vartman mein dushit hoti ja rahi hai.aadhunik bharat ka yatharth chitran hai,kavita padhne ke bad laga yeh tumhari shreshtha rachnao mein se ek hai.isi tarah vyangatmak likho to maza aye.abhihttps://www.blogger.com/profile/05669157245340827521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-45036051921899064122008-03-31T22:17:00.000+05:302008-03-31T22:17:00.000+05:30काफी आछी रचना विपुल जी पद कर मज़ा आ गया बहुत ही करा...काफी आछी रचना विपुल जी <BR/>पद कर मज़ा आ गया <BR/>बहुत ही करारे व्यंग सचमुचUnknownhttps://www.blogger.com/profile/04142106432783863211noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-24466501690445700212008-03-31T18:40:00.000+05:302008-03-31T18:40:00.000+05:30बहुत ही करारा व्यंग्य किया है आपने विपुल जी , पर प...बहुत ही करारा व्यंग्य किया है आपने विपुल जी , पर पड़ने के बाद भी "मेरा भारत महान" , क्योंकि भारत सिर्फ़ कुछ भ्रष्ट लोगों से नहीं बना हुआ है , उसमें आप जैसे सुधि लोग भी रहते हैं जो वास्तव में भारत को विश्व की ऊँचाइयों पर देखना चाहते हैं , तभी तो ऐसा व्यंग्य कर पाते हैं .कविता बहुत अच्छी लगी और सार्थक भी , बधाई स्वीकार करें <BR/>पूजा अनिलAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-27183772040318363882008-03-30T11:39:00.000+05:302008-03-30T11:39:00.000+05:30विपुल ,आप की कविता में अच्छा कटाक्ष किया गया है...विपुल ,आप की कविता में अच्छा कटाक्ष किया गया है.<BR/>व्यंग्य को सलीके से प्रस्तुत करना भी कलाकारी है.<BR/>कविता अच्छी लगी.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-33255960365638074272008-03-29T23:57:00.000+05:302008-03-29T23:57:00.000+05:30विपुल जी,रचना बहुत अच्छी है व करारा व्यंग्य है। सब...विपुल जी,<BR/>रचना बहुत अच्छी है व करारा व्यंग्य है। सब कुछ लिख दिया है आपने।तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39424921018622435862008-03-29T18:23:00.000+05:302008-03-29T18:23:00.000+05:30कविता नही,आप ने मेरे महान देश को ओर उस के वासियो क...कविता नही,आप ने मेरे महान देश को ओर उस के वासियो को हक्कीत बतला दी, हम कितने पानी मे हे,बहुत बहुत धन्यवाद * जिने नाज हे हिन्द पर वो कहा हे...राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-18145731614661691392008-03-29T13:27:00.000+05:302008-03-29T13:27:00.000+05:30बहुत ही अच्छी लगी रचना बधाईबहुत ही अच्छी लगी रचना बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80848122028849600562008-03-29T10:56:00.000+05:302008-03-29T10:56:00.000+05:30कविता में बहुत कुछ समेटने की कोशिश हुई है, कहीं कह...कविता में बहुत कुछ समेटने की कोशिश हुई है, कहीं कहीं कुछ भटकाव है, पर फ़िर भी भाव बहुत सशक्त हैं....हर बार की तरहSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-50027384130862410952008-03-29T10:08:00.000+05:302008-03-29T10:08:00.000+05:30विपुल , तुम रंग में वापस आ गए हो और इस बात की मुझे...विपुल , <BR/>तुम रंग में वापस आ गए हो और इस बात की मुझे बेहद खुशी है। ऎसे हीं लिखते रहो और कवि-धर्म का पालन करते रहो। <BR/><BR/>-विश्व दीपक ’तन्हा’विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-47101258827633408762008-03-29T09:38:00.000+05:302008-03-29T09:38:00.000+05:30भारत महान है पर शायद हम लोग भूलते जा रहे हैं विपुल...भारत महान है पर शायद हम लोग भूलते जा रहे हैं <BR/>विपुल जी आपकी कविता बिल्कुल सटीक है और वर्तमान स्थिति को आपने बहुत अच्छे ढंग से दर्शाया है <BR/>हर शब्द ,हर बात मुझे पसंद आई . बहुत अच्छी रचना के लिए बधाई और जन्मदिन की ढेरों बधाई <BR/>शुभकामनाएं सहितanjuhttps://www.blogger.com/profile/05253751080116301279noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-89959451538899833152008-03-29T09:32:00.000+05:302008-03-29T09:32:00.000+05:30विपुल,व्यंग्य तुम्हारी लेखनी में निखर कर आया है। स...विपुल,<BR/><BR/>व्यंग्य तुम्हारी लेखनी में निखर कर आया है। स-तर्क किया गया हर कटाक्ष कविता को बेहद उँचाई प्रदान कर रहा है। <BR/><BR/>जन्म दिवस की बधाई।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43578759296406915492008-03-29T09:31:00.000+05:302008-03-29T09:31:00.000+05:30व्यंग अच्छा किया है आपने विपुल जी ..अच्छी लगी आपकी...व्यंग अच्छा किया है आपने विपुल जी ..अच्छी लगी आपकी रचना !!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-11924018333959656522008-03-29T07:50:00.000+05:302008-03-29T07:50:00.000+05:30विपुल जीमज़ा आगया कविता पढ़कर. सच मुच हम ऐसे ही महँ...विपुल जी<BR/>मज़ा आगया कविता पढ़कर. सच मुच हम ऐसे ही महँ हैं-<BR/>सिद्ध करना है हमें<BR/>पश्चिम से अच्छे हैं हम<BR/>देखिए ...<BR/>अमेरिका से सस्ता है यहाँ <BR/>मैकडोनाल्ड्स !<BR/>ये अकाट्य तर्क है<BR/>जो सिद्ध करता है..<BR/>भारत सचमुच महान है !<BR/>एक ओजस्वी रचना के लिए बधाईशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-22490847872496018912008-03-29T07:18:00.000+05:302008-03-29T07:18:00.000+05:30अब नही दीखते हमेंघुटनो के बल बैठे,प्याज-रोटी खाते ...अब नही दीखते हमें<BR/>घुटनो के बल बैठे,<BR/>प्याज-रोटी खाते मजबूर लोग!<BR/>आत्म निर्भर हो गये हैं हम..<BR/>रिज़र्व बैंक के भरोसे नही हैं अब<BR/>खुद ही छापते हैं नोट और स्टांप पेपर!<BR/>किडनी माफिया प्रतीक है<BR/>मज़बूत जीवनी शक्ति का<BR/>वो बताता है दुनिया को<BR/>गोरों की तारह नाज़ुक नहीं हम!<BR/><BR/>वाह विपुल जी बहुत करारा व्यंग्य हैHariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-30371500574643830102008-03-29T02:11:00.001+05:302008-03-29T02:11:00.001+05:30अपनी बात को कहती हुई सम्पूर्ण कविता। कवि ने जो कहन...अपनी बात को कहती हुई सम्पूर्ण कविता। कवि ने जो कहना चाहा है, वह सार्थक भी है और उसे अच्छी तरह कहने में वह सफल भी रहा है।<BR/>इसी तरह लिखते रहो।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39119623080161008192008-03-29T02:11:00.000+05:302008-03-29T02:11:00.000+05:30vipul ji कितना शार्थक व्यंग्य किया है अपने जो आज...vipul ji <BR/>कितना शार्थक व्यंग्य किया है अपने जो आज के भारत की स्थिति को प्रदर्शित करता हैvivek "Ulloo"Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08517005469491054267noreply@blogger.com