tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post3346044325521629962..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: वो प्रेम का त्यौहार हूँशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43474329900544993562009-10-19T09:53:32.296+05:302009-10-19T09:53:32.296+05:30क्या क्या है आप. यह तो मुझे नहीं पता लेकिन एक कवी ...क्या क्या है आप. यह तो मुझे नहीं पता लेकिन एक कवी ज़रूर हैं आप<br /><br />हूँ रंग वो जीवन भरूँ <br />अनुभूति जो सुखानंद दूँ <br />इति न हो जिसकी कभी <br />वो प्रेम का त्यौहार हूँShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-69997140123519633532009-10-04T14:06:42.540+05:302009-10-04T14:06:42.540+05:30वो प्रेम का त्योहार हूं...अति सुंदर ! आज के पा्श्च...वो प्रेम का त्योहार हूं...अति सुंदर ! आज के पा्श्चात्य परिवेश में भी युवाओं द्वारा हिन्दी में पर इतना अच्छा अधिकार होना बेहद खुशी की बात है। हिन्दी के उज्जवल भविश्य की किरण दिख रही है। सुंदर रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-75736685297758855732009-10-04T00:35:04.089+05:302009-10-04T00:35:04.089+05:30कवि का सत्य और प्रकृति से साक्षात्कार दिलचस्प है।कवि का सत्य और प्रकृति से साक्षात्कार दिलचस्प है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-31649287295887063432009-10-03T23:07:00.314+05:302009-10-03T23:07:00.314+05:30बहुत सुंदर कविता में शब्दों का चयन है .बधाई .बहुत सुंदर कविता में शब्दों का चयन है .बधाई .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-3779005991719342852009-10-03T22:15:38.404+05:302009-10-03T22:15:38.404+05:30बहुत सुन्दर कविता
अभियान्त्रिकी के छात्र द्वारा सु...बहुत सुन्दर कविता<br />अभियान्त्रिकी के छात्र द्वारा सुन्दर शब्द चयन | <br />नई पीढी से प्रार्थना है, कोमल भावों के वाहक हिंदी शब्दों का अधिकाधिक प्रयोग करे | <br />प्रयोग ही भाषा संजीवनी है | <br />विनय के जोशीVinaykant Joshihttps://www.blogger.com/profile/05111242447033341492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-14102372683125475742009-10-03T21:06:49.440+05:302009-10-03T21:06:49.440+05:30धरती से लेकर ब्रह्माण्ड तक
कण-कण और हर एक खंड तक
ग...धरती से लेकर ब्रह्माण्ड तक<br />कण-कण और हर एक खंड तक<br />गूंजेगा जो दिग-दिगंत तक<br />मैं शब्द वो साकार हूँ <br />बहुत सुन्दर सकारातमक , उत्साह से भरपूर कविता के लिये बहुत बहुत बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-69436884276747108872009-10-03T16:11:30.403+05:302009-10-03T16:11:30.403+05:30खुशबू बिखेरूँ चमन में
कर दूँ समर्पित आगमन में
मु...खुशबू बिखेरूँ चमन में <br />कर दूँ समर्पित आगमन में <br />मुरझा न सके जिसको अनल <br />मैं सुमन वो नव आकार हूँ <br /><br />कविता की बहुत सच्ची परिभाषा...बेहतरीन कविता...<br />बधाई...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com