tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post296887610950213763..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: सपने बीनने वाला....शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39199946947073373932008-09-11T20:22:00.000+05:302008-09-11T20:22:00.000+05:30यह बहुत प्रिय विषय है कवियों का। लगभग इसी तरह की क...यह बहुत प्रिय विषय है कवियों का। लगभग इसी तरह की कविता मैंने इसी मंच पर विनय के॰ जोशी की, मोहिंदर कुमार, अनुराधा श्रीवास्तव की पढ़ चुका हूँ। लेखनी में धार और ताज़ेपन का होना आवश्यक है। और यदि आप छुए विषय ही छूना चाहते हैं तो एक अलग और नायाब दृष्टि के साथ आयें और साहित्य-जगत का दृष्टि-पटल विस्तारित करें।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-75178464619731944672008-09-10T18:20:00.000+05:302008-09-10T18:20:00.000+05:30यथार्थ को प्रस्तुत करती उत्तम कविता . शुभकामनाएंयथार्थ को प्रस्तुत करती उत्तम कविता . <BR/><BR/>शुभकामनाएंPooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-4837791236810831402008-09-09T23:49:00.000+05:302008-09-09T23:49:00.000+05:30बहुत बढि़या मयंक जी...बधाई...बहुत बढि़या मयंक जी...<BR/>बधाई...तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-51791734917395795192008-09-09T20:27:00.000+05:302008-09-09T20:27:00.000+05:30सही बात सीधी बात सुंदर शब्दों में बधाई होसादररचनासही बात सीधी बात सुंदर शब्दों में <BR/>बधाई हो<BR/>सादर<BR/>रचनाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-25880662680543527582008-09-09T13:07:00.001+05:302008-09-09T13:07:00.001+05:30वह एक टुकड़ा धूप का वहीं बिछा हैअभी भी देख ले जा क...वह एक टुकड़ा <BR/>धूप का <BR/>वहीं बिछा है<BR/>अभी भी <BR/>देख ले जा कर कभी भी <BR/>वो सुनहरा टुकड़ा <BR/>अभी भी वहीं है <BR/>पर <BR/>उस पर बैठा बच्चा <BR/>अब नहीं है !!!! <BR/>बहुत यथार्थ बात कही है।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-50943223731771461352008-09-09T13:07:00.000+05:302008-09-09T13:07:00.000+05:30मयंक जी, आपके परिचय में एक जगह पर लिखा है कि इंजीन...मयंक जी, आपके परिचय में एक जगह पर लिखा है कि इंजीनियरों और डाक्टरों के कुल का एक कपूत पत्रकार बन गया है. यदि आप कपूत है तो मेरी ईश्वर से प्रार्थना है की हर घर में आप जैसा कपूत दे.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/00208790833084025931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-78238557227220295052008-09-09T12:23:00.000+05:302008-09-09T12:23:00.000+05:30माँ के पीटे जाने के अलार्म से जागा बाप की शराब के ...माँ के पीटे जाने के <BR/>अलार्म से जागा <BR/>बाप की शराब के <BR/>जुगाड़ को <BR/>घर से खाली पेट भागा <BR/><BR/>अच्छी कविता है मयंक जीHariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-15155762411217233692008-09-09T11:01:00.000+05:302008-09-09T11:01:00.000+05:30मयंक,यथार्थ का सजीव काव्यात्मक चित्रण करने के लिए ...मयंक,<BR/>यथार्थ का सजीव काव्यात्मक चित्रण करने के लिए बधाई. बात भी सही है और शब्द भी सुंदर है. <BR/>Keep it up!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com