tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post2868615030084155902..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: छत पर मैं हूँ और चाँद है...शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-45165472768861290012008-08-12T10:34:00.000+05:302008-08-12T10:34:00.000+05:30अरे मेरे चाँद, तुम्हारा जन्मदिन मैं कैसे भूल गया, ...अरे मेरे चाँद, तुम्हारा जन्मदिन मैं कैसे भूल गया, क्या कविता लिखी है भाई......ढेरों शुभकामनायेंSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-7887030745413032932008-08-11T18:56:00.000+05:302008-08-11T18:56:00.000+05:30MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY ! HAPP...MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY !<BR/><BR/> HAPPY B'DAY <BR/><BR/> DEAR MOST NIKHIL !<BR/><BR/>this is good know giving salutation on own birthday through words...no...no bunch of words....fantabulousअभिषेक पाटनीhttps://www.blogger.com/profile/10218693023761216554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-71503637551814927512008-08-11T12:37:00.000+05:302008-08-11T12:37:00.000+05:30निखिल जी!जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।कविता सच म...निखिल जी!<BR/>जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।<BR/><BR/>कविता सच में बेहद खूबसूरत बनी है, खुद को महसूस कराती है।<BR/>बधाई स्वीकारें।<BR/><BR/>-विश्व दीपक ’तन्हा’विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-12138289327437499002008-08-11T11:32:00.000+05:302008-08-11T11:32:00.000+05:30अब मैं क्या लिखूँ आपने तो खुद ही अपने जन्मदिन पर इ...अब मैं क्या लिखूँ आपने तो खुद ही अपने जन्मदिन पर इतनी सुन्दर और संवेदनशील कविता लिख ली है. <BR/>बहुत बहुत बधाईयाँ, शुभकामनाएँ, जन्मदिन के लिए भी और कविता के लिए भी.Avanish Gautamhttps://www.blogger.com/profile/03737794502488533991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-66600445794987595012008-08-11T11:26:00.000+05:302008-08-11T11:26:00.000+05:30नौ अगस्त पूरे होने में बीस मिनट अब भी बाकी हैं,छत ...नौ अगस्त पूरे होने में <BR/>बीस मिनट अब भी बाकी हैं,<BR/>छत पर मैं हूँ और चाँद है...<BR/>(वो भी आधा, मैं भी आधा)<BR/><BR/>चाँद मेरे अहसास के चाकू से आधा है,<BR/>केक समझकर मैंने आज इसे काटा है,<BR/>आधा चाँद उसी शहर में पहुँचा होगा,<BR/>जहाँ कभी एहसास कि फसलें उग आई थीं,<BR/>जहाँ कभी मेरे गालों पर,<BR/>गीले-से रिश्ते उभरे थे....<BR/>......<BR/><BR/>बहुत अच्छी कविता<BR/>जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं<BR/><BR/>सुमित भारद्वाजUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-9095150638963617662008-08-11T02:39:00.000+05:302008-08-11T02:39:00.000+05:30janm din ki dheron shubhm kamnayenaap sada yu hi l...janm din ki dheron shubhm kamnayen<BR/>aap sada yu hi likhte rahen<BR/>kavita to bahut hi achchhi hai<BR/><BR/>saader<BR/>rachanaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-71717677840890873862008-08-10T20:20:00.000+05:302008-08-10T20:20:00.000+05:30कविता बेहद दिल को छूने वाली लगती है. कवि प्रतिभा ...कविता बेहद दिल को छूने वाली लगती है. कवि प्रतिभा सम्पन्न हैं. मानवीय संवेदना को कागज़ पर बहुत मार्मिक ढंग से उतारते है. ये पंक्तिया विशेष कर बेहद बेहद सुंदर लगती हैं:<BR/><BR/>चाँद मेरे अहसास के चाकू से आधा है,<BR/>केक समझकर मैंने आज इसे काटा है,<BR/>आधा चाँद उसी शहर में पहुँचा होगा,<BR/>जहाँ कभी एहसास कि फसलें उग आई थीं,<BR/>जहाँ कभी मेरे गालों पर,<BR/>गीले-से रिश्ते उभरे थे....<BR/><BR/>साधुवाद. अन्य कविताओं की प्रतीक्षा रहेगी.Prem Chand Sahajwalahttps://www.blogger.com/profile/16785012663655370640noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-53713858997213000092008-08-10T19:42:00.000+05:302008-08-10T19:42:00.000+05:30mएक शब्द "गज़ब" !! जन्मदिन की हार्दिक शुभ कामनाएं...mएक शब्द "गज़ब" !! <BR/>जन्मदिन की हार्दिक शुभ कामनाएंDivya Prakashhttps://www.blogger.com/profile/10953256514562221873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-31592431383999941592008-08-10T19:19:00.000+05:302008-08-10T19:19:00.000+05:30जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं निखिल भाई,रही बात कवित...जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं निखिल भाई,<BR/>रही बात कविता की तो ये पंक्तियाँ ज्यादा खास लगीं...<BR/>चाँद मेरे अहसास के चाकू से आधा है,<BR/>केक समझकर मैंने आज इसे काटा है,<BR/>आधा चाँद उसी शहर में पहुँचा होगा,<BR/>जहाँ कभी एहसास कि फसलें उग आई थीं,<BR/>जहाँ कभी मेरे गालों पर,<BR/>गीले-से रिश्ते उभरे थे....<BR/>आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-44904590698585227812008-08-10T18:27:00.000+05:302008-08-10T18:27:00.000+05:30बहुत सुन्दर रचना है।अपनें भावों को बखूबी अभिव्यक्त...बहुत सुन्दर रचना है।अपनें भावों को बखूबी अभिव्यक्त किया है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-27269912529323666742008-08-10T17:34:00.000+05:302008-08-10T17:34:00.000+05:30आदि से अंत तक बहुत ही सुंदर कविता है निखिल जी. धन्...आदि से अंत तक बहुत ही सुंदर कविता है निखिल जी. धन्यवाद.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43867256495342691862008-08-10T16:38:00.000+05:302008-08-10T16:38:00.000+05:30जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ। यादों के समंदर में गह...जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ। <BR/><BR/>यादों के समंदर में गहरी डुबकी मार कर अहसास के मोती निकाल लाए हैं निखिल जी-----<BR/>इन मोतियों को हिन्द-युग्म के शीप में सजाने के लिए शुक्रिया। <BR/>-देवेन्द्र पाण्डेय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-47638576614547251662008-08-10T15:19:00.000+05:302008-08-10T15:19:00.000+05:30सबसे पहले मेरी ओर से आपको आपके जन्मदिन पर अनेकानेक...सबसे पहले मेरी ओर से आपको आपके जन्मदिन पर अनेकानेक शुभकामनाएं !इश्वर से दुआ है की आप दीर्घायु हों ओर आपकी कलम इसी प्रकार निरंतर चलती रहे !आपकी कविता पढ़ी !बहुत अच्छी लगी ,हर पंक्ति बार बार पढने को दिल करता है आपकी लेखनी में बहुत दम है !बस इसी तरह लिखते रहिये !shivanihttps://www.blogger.com/profile/12442995596648165021noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-10575503410122363482008-08-10T13:43:00.000+05:302008-08-10T13:43:00.000+05:30कुछ पंक्तियाँ बहुत ही सुंदर है - १.रिश्तों की कुछ ...कुछ पंक्तियाँ बहुत ही सुंदर है - <BR/><BR/>१.<BR/>रिश्तों की कुछ मीठी फसलें,<BR/>बीच के बरसों में बोईं थीं,<BR/>वक्त के घुन ने जैसे सब कुछ निगल लिया है....<BR/><BR/>-- वाह वाह | इसे कौन सा अलंकार कह सकते हैं ?<BR/><BR/>चाँद मेरे अहसास के चाकू से आधा है,<BR/>केक समझकर मैंने आज इसे काटा है,<BR/>आधा चाँद उसी शहर में पहुँचा होगा,<BR/>जहाँ कभी एहसास कि फसलें उग आई थीं,<BR/>जहाँ कभी मेरे गालों पर,<BR/>गीले-से रिश्ते उभरे थे....<BR/><BR/>-- क्या व्यथा है अपनों से दूर रहने का |<BR/><BR/>मेरा ख्याल है साहित्यकारों के लिए चाँद एक ऐसा उपग्रह (satellite) है जो दूर के अपनो को संदेश पहुंचाता है |<BR/>एक से receive कर दुसरे को send करता है |<BR/><BR/><BR/>३.सूरज रूठे बच्चे जैसी शक्ल बनाकर,<BR/>आसमान के इक कोने में दुबक गया है...<BR/><BR/>-- यह भी खूब बना है |<BR/><BR/><BR/>बधाई |<BR/><BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-19917281800926193692008-08-10T13:35:00.000+05:302008-08-10T13:35:00.000+05:30जन्म दिन की अनेक अनेक शुभकामनाएं |कविता के बारे मे...जन्म दिन की अनेक अनेक शुभकामनाएं |<BR/><BR/>कविता के बारे में क्या कहूँ ? यदि एक शब्द में बखानना हो तो कह सकता हूँ - Excellent !<BR/><BR/>दुबारा पढ़ने जा रहा हूँ रचना |<BR/><BR/>-- आपका,<BR/>अवनीशअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.com