tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post266805427587411527..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: जिन्दगी चलते चले जाने के सिवा क्या हैशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80387848887375272632007-05-31T15:28:00.000+05:302007-05-31T15:28:00.000+05:30मोहिन्दर जी,यह सुखद संयोग ही है कि आपकी और राजीव र...मोहिन्दर जी,<BR/><BR/>यह सुखद संयोग ही है कि आपकी और राजीव रंजन जी की ग़ज़ल एक साथ आई और दोनों ही 'क्या है' पर खत्म करके सवाल-जवाब कर रहे हैं। <BR/>भाई, मान गये>> आप तो ग़ज़ल के उस्ताद होते जा रहे हैं। किसकी शागिर्दगी में हैं? ज़रा हम भी तो जानें, हमें भी ग़ज़ल लिखने सीखना है।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-23875029204237192822007-05-31T13:13:00.000+05:302007-05-31T13:13:00.000+05:30achhhi gazal hai mohindarjiachhhi gazal hai mohindarjiUnknownhttps://www.blogger.com/profile/09328053643281927035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82596359419232809452007-05-30T16:44:00.000+05:302007-05-30T16:44:00.000+05:30क्षमा कीजियेगा मोहिन्दर जी देर से टिप्पणी कर रहा ह...क्षमा कीजियेगा मोहिन्दर जी देर से टिप्पणी कर रहा हूँ। गज़ल बहुत पसंद आयी, आप इसे रिकार्ड कर युग्म पर डालिये। <BR/><BR/>"ये उड़ता हुआ बादल, जाने कब से, किसे ढूँढ रहा है<BR/>आखिर को तो पानी है, बरसे, बरस जाने के सिवा क्या है"<BR/><BR/>"लहरें हैं, मिटा सकती हैं, पल में किसी की भी हस्ती<BR/>मगर टकरा के साहिल से, लौट के जाने के सिवा क्या है"<BR/><BR/>बधाई स्वीकार करें।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-4822288234718532032007-05-30T13:40:00.000+05:302007-05-30T13:40:00.000+05:30बहुत खूबसूरत गज़ल है मोहिन्दर जी"कितनी भी हो बरसात,...बहुत खूबसूरत गज़ल है मोहिन्दर जी<BR/><BR/>"कितनी भी हो बरसात, भीगोयेगी सिर्फ जिस्म ही मेरा<BR/>जब रूह तल्ख़ हो तो फिर आँसू बहाने के सिवा क्या है"<BR/><BR/>"सपने हैं सजा देते हैं पल भर के लिये किसी की भी पलकेँ<BR/>खुलते ही इन आँखों के, हक़ीकत से टकराने के सिवा क्या है"<BR/><BR/>बहुत अच्छा<BR/>बधाई<BR/><BR/>सस्नेह<BR/>गौरव शुक्लGaurav Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12422162471969001645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-5577467097341542972007-05-30T08:40:00.000+05:302007-05-30T08:40:00.000+05:30मोहिन्दर जी, धीरे-२ आप उस्ताद होते जा रहे हैं।मोहिन्दर जी, धीरे-२ आप उस्ताद होते जा रहे हैं।पंकजhttps://www.blogger.com/profile/14850723521476498477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-61106697854074137962007-05-30T01:35:00.000+05:302007-05-30T01:35:00.000+05:30बस मात्र संजो कर रखना… :) :)बहुत उम्दा गज़ल लिखी है...बस मात्र संजो कर रखना… :) :)<BR/>बहुत उम्दा गज़ल लिखी है…भावनाओं की तो कभी कमी नहीं रही है आपमें बस एक खोजी रुप को देखना बाकी था सो साक्षी बन गया…।बधाई स्वीकारे!!Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-18321134854580291732007-05-29T21:45:00.000+05:302007-05-29T21:45:00.000+05:30दूसरॊं कॊ हंसने की सलाह फिर खुद क्यॊं रॊते हॊतुम्ह...दूसरॊं कॊ हंसने की सलाह <BR/>फिर खुद क्यॊं रॊते हॊ<BR/>तुम्हें किस गम ने मारा है<BR/>तुम क्यॊं गजल कहते हॊ<BR/><BR/><BR/><BR/>दिल की बात सचमुच कमाल हैAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17974124526968313352007-05-29T17:41:00.000+05:302007-05-29T17:41:00.000+05:30ये उड़ता हुआ बादल, जाने कब से, किसे ढूँढ रहा हैआखि...ये उड़ता हुआ बादल, जाने कब से, किसे ढूँढ रहा है<BR/>आखिर को तो पानी है, बरसे, बरस जाने के सिवा क्या है<BR/><BR/>कितनी भी हो बरसात, भीगोयेगी सिर्फ जिस्म ही मेरा<BR/>जब रूह तल्ख़ हो तो फिर आँसू बहाने के सिवा क्या है<BR/><BR/>....Zindagi....ke siva kuch hai bhi to Zindagi.....Bas kai zindagiyon ka lagataar silsila....hai insaan.....iske siva aur kya hai <BR/><BR/>very gud lines.....i luv reading gazals....Thanx againAnupamahttps://www.blogger.com/profile/12917377161456641316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-50438039556026864762007-05-29T14:27:00.000+05:302007-05-29T14:27:00.000+05:30खासे नाराज लग रहें हैं, जिन्दगी से। खूबसूरत गजल।खासे नाराज लग रहें हैं, जिन्दगी से। खूबसूरत गजल।SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-19900954877433418512007-05-29T14:00:00.000+05:302007-05-29T14:00:00.000+05:30वाह!! बहुत ख़ूब मोहिंदेर जी ...बेहद ख़ूबसूरत लिखा ...वाह!! बहुत ख़ूब मोहिंदेर जी ...बेहद ख़ूबसूरत लिखा है आपने ..<BR/><BR/>सपने हैं सजा देते हैं पल भर के लिये किसी की भी पलकेँ<BR/>खुलते ही इन आँखों के, हक़ीकत से टकराने के सिवा क्या है...<BR/><BR/><BR/>आप के जैसा सुंदर तो नही लिख सकती .. कुछ दिल में आया तो लिख दिया <BR/><BR/>ज़िंदगी एक झूठे नक़ाब में लिपटी हुई किताब है कोई <BR/> इस में लिखे लफ्ज़ को सच में समझने के सिवा क्या है!!रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-31289860337658341722007-05-29T12:25:00.000+05:302007-05-29T12:25:00.000+05:30हमेशा की तरह एक बेहतरीन कामयाब गज़ल...:)वैसे तो मुझ...हमेशा की तरह एक बेहतरीन कामयाब गज़ल...:)<BR/>वैसे तो मुझे कुछ लिखना आता नही,...मगर आपकी खिदमत में पेश है कुछ अल्फ़ाज़...<BR/><BR/>दिल में,हसरत है कि गुनगुनाऊँ आपकी ये गज़ल,<BR/>जिन्दगी हर हाल में गुनगुनानें के सिवा और क्या है<BR/><BR/>मोहिन्दर जी मेरी बधाई स्वीकार करें<BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-56410229804817420162007-05-29T10:48:00.000+05:302007-05-29T10:48:00.000+05:30मोहिन्दर जी, आप की गजल बहुत बेहतरीन है।खास कर ये म...मोहिन्दर जी, आप की गजल बहुत बेहतरीन है।खास कर ये मुझे काफि पंसद आए-<BR/><BR/><BR/>लहरेँ हैँ, मिटा सकती हैँ, पल मेँ किसी की भी हस्ती<BR/>मगर टकरा के साहिल से,लौट के जाने के सिवा क्या है<BR/><BR/><BR/><BR/>उम्र भर के लिये तन्हाईय़ो का हो जाये जब इस दिल से रिश्ता<BR/>फिर मेरे लिये उठ के भरी महफिल से चले जाने के सिवा क्या हैपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com