tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post2572096773895223992..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: ऐ शहीदे मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसारशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85533026276064648472008-11-30T17:19:00.000+05:302008-11-30T17:19:00.000+05:30शहीद भगतसिंह के बारे में लोगों को जागृत करने का आप...शहीद भगतसिंह के बारे में लोगों को जागृत करने का आपका प्रयास सराहनीय है। भगतसिंह के विचारों को मानने वाली और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने वाले नौजवानों और इंसाफपसंद नागरिकों के संगठन नौजवान भारत सभा का मैं कार्यकर्ता हूं। भगतसिंह के साहित्य, पोस्टर, पर्चे आदि प्रकाशित करके हम हिंदी पट्टी के लोगों को उलब्ध करा रहे हैं। उनकी जन्मतिथि के विषय में मैं अनुरोध करूंगा कि आप राहुल फाउंडेशन लखनऊ से प्रकाशित किताबें, डा. चमनलाल की किताबें और डा. एस. इरफान हबीब की किताब 'बहरों को सुनाने के लिए' जरूर देखें। कृपया निम्न ब्लॉग पर भी जरूर जाएं smritisankalp.blogspot.comजय पुष्पhttps://www.blogger.com/profile/01821339425026535625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-41720012025362203042008-11-03T11:56:00.000+05:302008-11-03T11:56:00.000+05:30शहीद भगत सिंह के लेखन एवं कृत्यों पर एक अत्यन्त व...शहीद भगत सिंह के लेखन एवं कृत्यों पर एक अत्यन्त विचारोतेज्जक लेख .<BR/>सहजवाला साहेब को बधाई . बिस्मिल के बारे में में आर सी ने बिल्कुल सही कहा. असली कवि वही है जिस के शब्द और कर्म एक जैसे होते हैं. कविता मात्र लफ्फाजी नही है. यह आत्म अभिव्यक्ति जो स्वतः कर्म में परिवर्तित हो , के सिवा और कुछ नही हो सकती है संयोग वश उस समय के सभी बड़े क्रांति कारी बिस्मिल, अश्फाखुल्लाह खान aadi कवि थे और कविता उन की धमनियों में बहती थी .<BR/>मुहम्मद अहसनAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-86413567317790351402008-09-28T14:24:00.000+05:302008-09-28T14:24:00.000+05:30sundarALOK SINGH "SAHIL"sundar<BR/>ALOK SINGH "SAHIL"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-5712708068214483382008-09-27T01:05:00.000+05:302008-09-27T01:05:00.000+05:30भगत सिंह और गाँधी जी दोनों पर एक साथ!!!आगे के लेख ...भगत सिंह और गाँधी जी दोनों पर एक साथ!!!<BR/>आगे के लेख का इंतज़ार...तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43445529179807255012008-09-26T22:20:00.000+05:302008-09-26T22:20:00.000+05:30श्री anonymus जी को नमस्कार. आपने भगत सिंह की जन...श्री anonymus जी को नमस्कार. आपने भगत सिंह की जन्म तिथि का सवाल उठाया है. मैंने निम्न तीन पुस्तकों से जन्म तिथि लिखी है:<BR/><BR/> 1. Shaheed-e-Azam Sardar Bhagat Singh: The Man and His Ideology by GS Deol p 8.<BR/>2. The Trial of Bhagat Singh: Politics of Justice by AG Noorani. P 9<BR/>3. Encyclopaedia of Indian Events and Dates by SB Bhattacherjee p A 139 and B 62.<BR/> तीनों बहुत प्रसिद्ध लेखक हैं जिन्होंने इतिहास व राजनीति पर बहुत कुछ लिखा है. आप ने जिन पुस्तकों से जन्म-तिथि पढ़ी है, जानना चाहूँगा. धन्यवाद्.Prem Chand Sahajwalahttps://www.blogger.com/profile/16785012663655370640noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-32704035864062259412008-09-26T21:34:00.000+05:302008-09-26T21:34:00.000+05:30रोचक आलेख है।रोचक आलेख है।RAVI KANThttps://www.blogger.com/profile/07664160978044742865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-14063642457380288672008-09-26T19:00:00.000+05:302008-09-26T19:00:00.000+05:30एसे लेख कम ही पढने को मिलते हैं बहुत ही अच्छा लिखा...एसे लेख कम ही पढने को मिलते हैं बहुत ही अच्छा लिखा है आप ने <BR/>सादर<BR/>रचनाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-40749267114116541322008-09-26T17:48:00.000+05:302008-09-26T17:48:00.000+05:30सिंह था वो राष्ट्रप्रहरी मातृ भूमि भक्त था मा को च...सिंह था वो राष्ट्रप्रहरी मातृ भूमि भक्त था <BR/>मा को चंगुल से छुडाऊँ इक जुनूँ हर वक्त था<BR/><BR/>राष्ट्रपुत्र को नमन...भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-57217057753941923172008-09-26T16:18:00.000+05:302008-09-26T16:18:00.000+05:30birth date is 28th plz correct, plz refer standard...birth date is 28th plz correct, plz refer standard books. regards.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-66517878960440561472008-09-26T15:50:00.000+05:302008-09-26T15:50:00.000+05:30भगत सिंह के बारे मैं इतना विस्तार से जान कर मस्तक ...भगत सिंह के बारे मैं इतना विस्तार से जान कर मस्तक श्रद्धा से झुक गया. उस अमर बलिदानी को नमनशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-16886949147293383072008-09-26T11:41:00.000+05:302008-09-26T11:41:00.000+05:30अच्छा लगा पढ़कर.सुंदर वर्णन.आलोक सिंह "साहिल"अच्छा लगा पढ़कर.सुंदर वर्णन.<BR/>आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-21333876751432444212008-09-26T10:47:00.000+05:302008-09-26T10:47:00.000+05:30मुझे 'सरफरोशी की तमन्ना' पढ़कर/सुनकर बड़ा आश्चर्य ह...मुझे 'सरफरोशी की तमन्ना' पढ़कर/सुनकर बड़ा आश्चर्य होता है ... इतने तीव्र क्रांतिकारी .... और कितने बढ़िया कवि ! ग़ज़ल, उसके भाव, ... क्रांति की भावनाएं ... और कितनी बखूबी ग़ज़ल में व्यक्त किया है ... ! सलाम !<BR/><BR/>सर फ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है <BR/>देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है। <BR/><BR/>करता नहीं क्यूं दूसरा कुछ बात चीत <BR/>देखता हूं मैं जिसे वो चुप तिरी मेहफ़िल में है। <BR/><BR/>ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार <BR/>अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है। <BR/><BR/>वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ <BR/>हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है। <BR/><BR/>खींच कर लाई है सब को क़त्ल होने की उम्मीद <BR/>आशिक़ों का आज झमघट कूचा-ए-क़ातिल में है। <BR/><BR/>है लिए हथियार दुश्मन ताक़ में बैठा उधर <BR/>और हम तैयार हैं सीना लिए अपना इधर <BR/>खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है। <BR/><BR/>हाथ जिन में हो जुनू कटते नहीं तलवार से <BR/>सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से <BR/>और भड़केगा जो शोला सा हमारे दिल में है। <BR/><BR/>हम तो घर से निकले ही थे बांध कर सर पे क़फ़न <BR/>जान हथेली पर लिए लो बढ चले हैं ये क़दम <BR/>ज़िंदगी तो अपनी मेहमाँ मौत की महफ़िल में है। <BR/><BR/>दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इंक़िलाब <BR/>होश दुशमन के उड़ा देंगे हमें रोको ना आज <BR/>दूर रह पाए जो हम से दम कहां मंज़िल में है। <BR/><BR/>यूं खड़ा मक़तल में क़ातिल कह रहा है बार बार <BR/>क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है।Straight Bendhttps://www.blogger.com/profile/03135986626734443231noreply@blogger.com