tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post2442766957279163312..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: मत फेंको जूताशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-75765013795645161932009-04-21T09:17:00.000+05:302009-04-21T09:17:00.000+05:30ek sashakt rachana | badhai |
saadar,
vinay k josh...ek sashakt rachana | badhai |<br />saadar,<br />vinay k joshiVinaykant Joshihttps://www.blogger.com/profile/05111242447033341492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-79739203867343180162009-04-19T01:06:00.000+05:302009-04-19T01:06:00.000+05:30वास्तव में सुंदर,,,,,,,,,वास्तव में सुंदर,,,,,,,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-78532368002112216202009-04-18T00:44:00.000+05:302009-04-18T00:44:00.000+05:30संवेदनामय सामयिक रचना.संवेदनामय सामयिक रचना.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1385172214744011292009-04-17T21:35:00.000+05:302009-04-17T21:35:00.000+05:30हरिहर जी
कितना सुंदर चित्रण है की शब्द नहीं कहने ...हरिहर जी <br />कितना सुंदर चित्रण है की शब्द नहीं कहने को <br />कलम की ताकत पर<br />भरोसा नहीं रहा<br />उसकी शक्ति हार गई जूते के आगे<br />कितना करारा व्यंग है सुंदर अति सुंदर <br />सादर<br />रचनाrachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-70445390408051073682009-04-17T14:38:00.000+05:302009-04-17T14:38:00.000+05:30झा साहब आपकी रचना मत फैंको जूता मत फैको वास्तव में...झा साहब आपकी रचना मत फैंको जूता मत फैको वास्तव में प्रशंसनीय है ।हमारे कथित नेताओं के कारनामें ही ऐसे हई कि हताश और निराश आम आदमी क्या करे कुछ समझ नहीं आता है।नेताओं को इससे सबक लेना चाहिऐ कि कम से कम अब तो सुधरें।Yogendra Maninoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64400552140202356332009-04-17T14:22:00.000+05:302009-04-17T14:22:00.000+05:30हरिहर जी,
मौजूदा हालातों पर और परिस्थितिजन्य आवेग...हरिहर जी,<br /><br />मौजूदा हालातों पर और परिस्थितिजन्य आवेग के मुँह पर करारा तमाचा मारती कविता के लिये बधाई.<br /><br />वहीं, कविता यह संदेश भी देती है कि वक्त तेरा भी आयेगा, जरा इंतजार कर :- <br /><br />" तो इस सभ्य समाज की<br />सारी खुशफ़हमियाँ<br />बनी रहने दो;<br />चुनाव के रोज<br />इठलाती उंगली पर लगी<br />इतराती हुई काली-<br />स्याही की कसम "<br /><br />सोचने पर मजबूर करना ही कवि की सफलता है और काव्य की सार्थकता भी.<br /><br />पुनश्र्च बधाईयाँ.<br /><br />सादर<br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-54280095479454743082009-04-17T06:51:00.000+05:302009-04-17T06:51:00.000+05:30जीवन का गणित
गलत है जूता फेंकना सही कहेगा कौन।
मज...जीवन का गणित <br />गलत है जूता फेंकना सही कहेगा कौन।<br />मजबूरी का शस्त्र तब सत्ता होती मौन।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं। <br />कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।। <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com