tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post189376482631857124..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: पुरानी कविता जो अब भी नई हैशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-89232797978675023432008-07-04T17:25:00.000+05:302008-07-04T17:25:00.000+05:30बहुत खूब कहा आपने, पावस जी.उसका जागना किसी बदलाव क...बहुत खूब कहा आपने, पावस जी.<BR/><BR/><B>उसका जागना किसी बदलाव का संकेत नही है</B><BR/><BR/>जिस दिन उसके जैसे सचमुच जाग जायेंगे, विश्व किसी बदलाव व किसी भी वाद का मोहताज नहीं रहेगा.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-71200840333708382822008-07-04T17:24:00.000+05:302008-07-04T17:24:00.000+05:30This comment has been removed by the author.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-32999501562182873192008-07-03T23:29:00.000+05:302008-07-03T23:29:00.000+05:30वो फ़िर जाग गया हैउसका जागनासूचक नही किसी क्रांति क...वो फ़िर जाग गया है<BR/>उसका जागना<BR/>सूचक नही किसी क्रांति का<BR/><BR/>वो जागता है<BR/>क्योंकि<BR/>टूट जाती है उसकी नींद<BR/>आधी रात को<BR/>शायद<BR/>याद आ जाता होगा उसे<BR/>दंगों में जलता हुआ अपना घर<BR/>या<BR/>वो सपनो में मिलता होगा<BR/>अपने बिछडे परिवार से<BR/>और उनके अचानक गायब होने पर<BR/>हडबडाकर जाग उठता होगा<BR/>एक और दंगे के अंदेशे से<BR/><BR/>उसका जागना किसी बदलाव का संकेत नही है<BR/>उसका जागना<BR/>आइना है उसके जैसों के सीने में दबे डर का<BR/><BR/>लो वो फ़िर जाग गया है<BR/>पर शायद<BR/>इस बार<BR/>मेरे लाइट जलाने से चौंककर...........<BR/><BR/><BR/>बहुत अच्छी सोचता हूँ तारीफ़ की शुरुआत कहाँ से करूँ <BR/><BR/>एक एक लाइन पर दाद देता हूँ बहुत अच्छीBRAHMA NATH TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/02914568917315736973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-759054550302545402008-07-02T15:55:00.000+05:302008-07-02T15:55:00.000+05:30वो सपनो में मिलता होगाअपने बिछडे परिवार सेऔर उनके ...वो सपनो में मिलता होगा<BR/>अपने बिछडे परिवार से<BR/>और उनके अचानक गायब होने पर<BR/>हडबडाकर जाग उठता होगा<BR/>एक और दंगे के अंदेशे से<BR/>पावस जी बहुत ही मार्मिक भाव है और दंगा पीडितो की मानसिक स्थिती को बखूबी ब्यान किया है आपने |सीमा सचदेवhttps://www.blogger.com/profile/04082447894548336370noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-14639259617153624372008-07-02T12:11:00.000+05:302008-07-02T12:11:00.000+05:30पावस जी ,दंगों का प्रभाव कितना गहरा होता है, ये आप...पावस जी ,<BR/><BR/>दंगों का प्रभाव कितना गहरा होता है, ये आपकी छोटी सी रचना बखूबी बयान कर रही है, बहुत अच्छा लिखा है.<BR/><BR/>^^पूजा अनिलPooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-88653954106292673162008-07-02T11:51:00.000+05:302008-07-02T11:51:00.000+05:30राजीव जी धन्यवाद असल में बहुत पुरानी कविता है और क...राजीव जी <BR/>धन्यवाद <BR/>असल में बहुत पुरानी कविता है और कुछ अपरिपक्वता भी है, ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद <BR/>जिन्हें कविता पसंद आई उनका बहुत बहुत धन्यवादAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-51731687559219935902008-07-02T11:32:00.000+05:302008-07-02T11:32:00.000+05:30wo vyakti jiski ankhon ne dangon ka drishya dekha ...wo vyakti jiski ankhon ne dangon ka drishya dekha hai, jiske pariwar ne dango ka dansh jhela hai uski peeda ko samajhana ... aur use itni khobsurti se abhivyakt karna....wakai advitiya hai...its relly exellent!<BR/> congratulations!!!<BR/> ismita.ismitahttps://www.blogger.com/profile/03083388439502715087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-9156444447679744562008-07-02T11:28:00.000+05:302008-07-02T11:28:00.000+05:30पावस,आपकी रचना गंभीर है और इस बात का द्योतक भी कि ...पावस,<BR/><BR/>आपकी रचना गंभीर है और इस बात का द्योतक भी कि आपके भीतर का गंभीर और परिपक्व कवि आंदोलित है।<BR/><BR/><BR/>रचना की अंतिम पंक्ति "मेरे लाईट जलाने से चौंक कर" के भावों को यही रखते हुए यदि कोई समानार्थी तलाश सकें तो...<BR/><BR/><BR/>***राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85798205581924994422008-07-02T11:09:00.000+05:302008-07-02T11:09:00.000+05:30aवाह ... इसके सिवा कभी कुछ और नही कह पाता आपकी कवि...aवाह ... इसके सिवा कभी कुछ और नही कह पाता आपकी कवितायें पढने के बाद.....:) सम्पूर्ण अभिव्यक्तिSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-18334967076710885432008-07-02T11:05:00.000+05:302008-07-02T11:05:00.000+05:30वो जागता हैक्योंकिटूट जाती है उसकी नींदआधी रात कोश...वो जागता है<BR/>क्योंकि<BR/>टूट जाती है उसकी नींद<BR/>आधी रात को<BR/>शायद<BR/>याद आ जाता होगा उसे<BR/>दंगों में जलता हुआ अपना घर<BR/>या<BR/>वो सपनो में मिलता होगा<BR/>अपने बिछडे परिवार से<BR/><BR/>अरे पावस जी,<BR/>ऐसे बिजली ना गीराइये ! बहुत अच्छा ! मर्मभेदी !!!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17218448569665922422008-07-02T09:02:00.000+05:302008-07-02T09:02:00.000+05:30बहुत खूब.बहुत खूब.E-Guru Mayahttps://www.blogger.com/profile/01199428710700413446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-83016386696549466472008-07-02T07:59:00.000+05:302008-07-02T07:59:00.000+05:30shaabaas. badhaai.shaabaas. badhaai.Arun Adityahttps://www.blogger.com/profile/11120845910831679889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-82999421098661788782008-07-02T07:26:00.000+05:302008-07-02T07:26:00.000+05:30वो सपनो में मिलता होगाअपने बिछडे परिवार सेऔर उनके ...वो सपनो में मिलता होगा<BR/>अपने बिछडे परिवार से<BR/>और उनके अचानक गायब होने पर<BR/>हडबडाकर जाग उठता होगा<BR/>एक और दंगे के अंदेशे से<BR/>पावस जी! दंगे से पीड़ित व्यक्ति का डर<BR/>आपने अच्छी तरह उभारा हैHariharhttps://www.blogger.com/profile/07513974099414476605noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-23590999641455549232008-07-02T00:54:00.000+05:302008-07-02T00:54:00.000+05:30इस बार कुछ ऐसी रचना जो सामाजिक समस्या को भेदती है ...इस बार कुछ ऐसी रचना जो सामाजिक समस्या को भेदती है |<BR/>आशा है इस बार का जागना कुछ क्रांति तो लाएगा |<BR/><BR/>स्वागत है इस जाग का|<BR/><BR/>-- अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-17694335249521998532008-07-01T21:48:00.000+05:302008-07-01T21:48:00.000+05:30alएक बार फ़िर प्रभावित कर गए. आलोक सिंह "साहिल"alएक बार फ़िर प्रभावित कर गए.<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-6049343517733898532008-07-01T21:20:00.000+05:302008-07-01T21:20:00.000+05:30उसका जागना किसी बदलाव का संकेत नहीं हैउसका जागनाआइ...उसका जागना किसी बदलाव का संकेत नहीं है<BR/>उसका जागना<BR/>आइना है उसके जैसों के सीने में दबे डर का<BR/>----कविता की ये लाइनें बहुत प्रभावित करती हैं।---देवेन्द्र पाण्डेय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-51029745523606676582008-07-01T20:10:00.000+05:302008-07-01T20:10:00.000+05:30कविता को पढ़ा, काफी अच्छा लगा, इसके भाव दिल को छू...कविता को पढ़ा, काफी अच्छा लगा, इसके भाव दिल को छूने वाले है <BR/><BR/>उमदा कविता की बधाई स्वीकार करें।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.com