tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post1731717439718568821..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: कौन?...कौन है....?शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80301349589030649232010-09-03T20:21:41.388+05:302010-09-03T20:21:41.388+05:30well written lines :
कोई कुछ टटोलता है
शायद ज़मीर....well written lines :<br />कोई कुछ टटोलता है<br />शायद ज़मीर....शायद खोखलापन...<br />शायद पूर्णता.....शायद अधूरापन<br />शायद कुछ नहीं....शायद सबकुछ....monahttps://www.blogger.com/profile/10931995231692418423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64148160533369439042009-01-08T11:23:00.000+05:302009-01-08T11:23:00.000+05:30कौन है भाई.....कौन है जो फिर से हिंदयुग्म पर सक्रि...कौन है भाई.....कौन है जो फिर से हिंदयुग्म पर सक्रिय दिख रहा है...Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43755785286020643272009-01-08T11:22:00.000+05:302009-01-08T11:22:00.000+05:30कौन है भाई.....कौन है जो फिर से हिंदयुग्म पर सक्रि...कौन है भाई.....कौन है जो फिर से हिंदयुग्म पर सक्रिय दिख रहा है...Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-90499149768193208682009-01-07T23:50:00.000+05:302009-01-07T23:50:00.000+05:30छत-दीवारों से 'सलिल'झाँक रहा है कौन?घूर रहा है रात...छत-दीवारों से 'सलिल'<BR/>झाँक रहा है कौन?<BR/>घूर रहा है रात-दिन,<BR/>अँधा-बेबस मौन.<BR/><BR/>तीखा सच झूठा जहर,<BR/>आदम से कर खेल.<BR/>डाल रहे हैं सत्य की,<BR/>पकड़े नाक नकेल.<BR/><BR/>जागा हुआ ज़मीर ही,<BR/>'सलिल' हो सका पूर्ण. <BR/>शेष अधूरे स्वप्न सब,<BR/>किए समय ने चूर्ण. <BR/> <BR/>संजिव्सलिल.ब्लागस्पाट.कॉम<BR/>दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉमDivya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-33181225389513934692009-01-06T22:14:00.000+05:302009-01-06T22:14:00.000+05:30व्यक्ति में मन की बात ,आत्ममंथन ,और सच्चाई कुछ असी...व्यक्ति में मन की बात ,आत्ममंथन ,और सच्चाई कुछ असी है ये कविता <BR/>सुंदर कविता <BR/>सादर<BR/>रचनाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80784678023807504412009-01-05T18:10:00.000+05:302009-01-05T18:10:00.000+05:30बहुत सुंदर | आवेशित करते करते रुक जाती है रचना |--...बहुत सुंदर | आवेशित करते करते रुक जाती है रचना |<BR/><BR/>-- अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64537407200392149342009-01-05T13:47:00.000+05:302009-01-05T13:47:00.000+05:30काफी दिनों बाद आपकी कविता पढ़ने क मिली।सुंदर अभिव्य...काफी दिनों बाद आपकी कविता पढ़ने क मिली।<BR/>सुंदर अभिव्यक्ति.. हमेशा की तरह..तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-76174740332025086672009-01-05T12:49:00.000+05:302009-01-05T12:49:00.000+05:30कोई कुछ टटोलता हैशायद ज़मीर....शायद खोखलापन...शायद...कोई कुछ टटोलता है<BR/>शायद ज़मीर....शायद खोखलापन...<BR/>शायद पूर्णता.....शायद अधूरापन<BR/>शायद कुछ नहीं....शायद सबकुछ....<BR/><BR/>घुटन फिर बढ़ रही है.....<BR/>कि कोई झांकता-घूरते हुए....<BR/>.....टटोल रहा है............<BR/>बहुत सुन्दर लिखा है अभिषेक जी।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-66015045114253204962009-01-05T11:17:00.000+05:302009-01-05T11:17:00.000+05:30शशक्त कविता, नयी कविता सुंदर अभिव्यक्तिशशक्त कविता, नयी कविता <BR/>सुंदर अभिव्यक्तिदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com