tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post1394030697281140183..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: रूपक सूरज नहीं डूबने देंगेशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-26835498281030366832008-04-15T15:59:00.000+05:302008-04-15T15:59:00.000+05:30सोचा भी नहीं था कि इतनी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलेंग...सोचा भी नहीं था कि इतनी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलेंगी , कोटिशः धन्यवाद,कुछ पंक्तियाँ त्रुटिवश छूट गयी थीं, क्रपया स्वीकार करें;<BR/>साल ढले की साँझ ढले मेरे हाथ अधूरे सपने होंगे,<BR/>इतनी ज़ोर से मारुँगा कि, तुम चंदा से जा चिपकोगे,<BR/>दोगे दगा दिवाकर द्रग को, निशी दिवस यूँ ही लटकोगे,<BR/>नक्षत्रों नाराज़ न होना, नव रवि का आह्वान करूँगा।<BR/>सूरज नहीं डूबने दूँगा,सूरज नहीं डूबने दूँगा।<BR/>इसे सत्ता के उल्लू चमगादङ.......से पहले पढें,<BR/>धन्यवाद।<BR/>रूपक<BR/>http://madmandate.blogspot.comRupesh Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16640501411537608668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-40564282274487694822008-04-15T15:57:00.000+05:302008-04-15T15:57:00.000+05:30सोचा भी नहीं था कि इतनी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलेंग...सोचा भी नहीं था कि इतनी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलेंगी , कोटिशः धन्यवाद,कुछ पंक्तियाँ त्रुटिवश छूट गयी थीं, क्रपया स्वीकार करें;<BR/>साल ढले की साँझ ढले मेरे हाथ अधूरे सपने होंगे,<BR/>इतनी ज़ोर से मारुँगा कि, तुम चंदा से जा चिपकोगे,<BR/>दोगे दगा दिवाकर द्रग को, निशी दिवस यूँ ही लटकोगे,<BR/>नक्षत्रों नाराज़ न होना, नव रवि का आह्वान करूँगा।<BR/>सूरज नहीं डूबने दूँगा,सूरज नहीं डूबने दूँगा।<BR/>इसे सत्ता के उल्लू चमगादङ.......से पहले पढें,<BR/>धन्यवाद।<BR/>रूपक<BR/>http://madmandate.blogspot.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-89720149338672730392008-04-15T13:57:00.000+05:302008-04-15T13:57:00.000+05:30रूपक जी,सुन्दर आशावादी कविता के लिये बधाई स्वीकारे...रूपक जी,<BR/><BR/>सुन्दर आशावादी कविता के लिये बधाई स्वीकारे..<BR/><BR/>अनुप्रास का अच्छा प्रयोग हुआ है..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-36814372264070609292008-04-15T12:04:00.000+05:302008-04-15T12:04:00.000+05:30अच्छी कविता..अच्छी कविता..Kavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-26850541678172522442008-04-15T10:43:00.000+05:302008-04-15T10:43:00.000+05:30ऐसे सूर्य को तो डूबना भी नही चाहिएऐसे सूर्य को तो डूबना भी नही चाहिएseema sachdevahttps://www.blogger.com/profile/15533434551981989302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-65122326627145064202008-04-14T21:24:00.000+05:302008-04-14T21:24:00.000+05:30रूपक,सुंदर रचना है |बधाई हो |अवनीश तिवारीरूपक,<BR/>सुंदर रचना है |<BR/>बधाई हो |<BR/><BR/>अवनीश तिवारीअवनीश एस तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04257283439345933517noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-44663098316931400932008-04-14T21:19:00.000+05:302008-04-14T21:19:00.000+05:30बहुत आशावादी कविता है बधाईबहुत आशावादी कविता है बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-91417487616552039382008-04-14T20:47:00.000+05:302008-04-14T20:47:00.000+05:30कहाँ लुटा आए सब सोना कान पकड़कर ये पूछूँगा सूरज नह...कहाँ लुटा आए सब सोना कान पकड़कर ये पूछूँगा <BR/>सूरज नहीं डूबने दूँगा, सूरज नहीं डूबने दूँगा।<BR/><BR/>हटेंगे फिर चेहरों से चेहरे प्रतिमानों के प्रष्ठ फटेंगे,<BR/>हर निषेध निशि में निषिद्ध है निश्चय है ये तम हर लूँगा,<BR/>सूरज नहीं डूबने दूँगा, सूरज नहीं डूबने दूँगा।<BR/><BR/>एक एसी आशावादी रचना जिसमें नवप्रभात दिखता है, उम्मीद में क्रांति की आहट सुनी जा सकती है। हर शब्द गहरी गहरी स्वाँसे लेते हैं चूंकि हर आशावादिता वह प्रयास माँगती है जिसके लिये कवि नें सूरज को बाँधने का फंदा बनाया है। <BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39229723147483076162008-04-14T18:06:00.000+05:302008-04-14T18:06:00.000+05:30रूपक जी,बधाई स्वीकारें। सूरज को नहीं डूबने दूँगा। ...रूपक जी,<BR/>बधाई स्वीकारें। सूरज को नहीं डूबने दूँगा। बहुत अच्छी कविता लिखी है।तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-26203653994439666372008-04-14T17:20:00.000+05:302008-04-14T17:20:00.000+05:30रूपक जी जितना कहू उतना काम है,बेहतरीन, आलोक सिंह "...रूपक जी जितना कहू उतना काम है,बेहतरीन,<BR/> आलोक सिंह "साहिल"Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-80751360925560403772008-04-14T13:38:00.000+05:302008-04-14T13:38:00.000+05:30रूपक जी ,बहुत बहुत बधाई , आपकी कविता उम्मीद को पकड...रूपक जी ,बहुत बहुत बधाई , आपकी कविता उम्मीद को पकड़े रहने का संदेश देती है , अच्छी कविता है .<BR/>पूजा अनिलAnonymousnoreply@blogger.com